Sitharaman ने गैर-भाजपा शासित राज्यों की अनदेखी के विपक्ष के आरोप को बेबुनियाद बताया

निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) शासित राज्यों का पक्ष लेने के विपक्ष के आरोप को बेबुनियाद करार दिया और दावे के साथ कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसी राज्य को नजरंदाज नहीं किया है। केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न राज्यों के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए, सीतारमण ने कहा कि यह कहना सही नहीं है
नयी दिल्ली । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) शासित राज्यों का पक्ष लेने के विपक्ष के आरोप को बेबुनियाद करार दिया और दावे के साथ कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसी राज्य को नजरंदाज नहीं किया है। केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न राज्यों के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए, सीतारमण ने कहा कि यह कहना सही नहीं है कि बजट से पहले राज्यों से परामर्श नहीं किया गया। विपक्षी दलों के दावों का जोरदार खंडन करते हुए कि बजट 2025-26 भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगियों द्वारा शासित राज्यों पर केंद्रित है।
वित्त मंत्री ने कहा कि ये दावे बिल्कुल बेबुनियाद हैं। वह बजट पर राज्यसभा में पिछले कुछ दिनों से हुई चर्चा का जवाब दे रही थीं। उन्होंने कहा, क्या यह बिहार सरकार का बजट है? क्या यह बजट केवल एक राज्य का है?... क्या इसका मतलब यह है कि किसी अन्य राज्य को कुछ नहीं मिलेगा? यह बार-बार पूछा जा रहा है और मैं इसका जवाब दे रही हूं। उन्होंने पंजाब, तमिलनाडु और केरल सहित अन्य विपक्षी राज्यों के विकास के लिए केंद्र द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, चाहे बिहार हो या भाजपा शासित राज्य, यह सिर्फ एक निराधार आरोप है।
उन्होंने विपक्षी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) शासित उनके गृह राज्य तमिलनाडु के लिए की गई पहलों को रेखांकित करते हुए कहा कि केंद्र किसी राज्य को नजरअंदाज नहीं कर रहा है। सीतारमण ने तमिल में भी कुछ द्रमुक सदस्यों को जवाब दिया और कहा कि केंद्र ने तमिलनाडु के लिए बहुत कुछ किया है, जिनमें राज्य की विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा, वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही थे, जिन्होंने जल्लीकट्टू पर से प्रतिबंध हटा दिया।
केरल के संबंध में उन्होंने ने कहा कि 2014 से राज्य में 1,300 किलोमीटर से अधिक राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया गया है और साथ ही दूसरे कई कदम भी उठाए गए हैं। तमिलनाडु और केरल की सरकारों के साथ ही इन राज्यों से ताल्लुक रखने वाले सदस्यों ने केंद्र द्वारा उनकी जरूरतों को नजरअंदाज करने और बजट में आवश्यक धन मुहैया नहीं कराने पर चिंता जताई थी। सीतारमण ने यह भी उल्लेख किया कि तेलंगाना कभी राजस्व अधिशेष राज्य था और अब यह राजस्व घाटे का सामना कर रहा है। राज्य में अब कांग्रेस की सरकार है। सीतारमण के जवाब के दौरान कई विपक्षी दलों ने भी सदन से बहिर्गमन भी किया।
सीतारमण ने करीब दो घंटे के अपने जवाब में कहा कि केंद्रीय बजट में पूंजीगत व्यय आवंटन में कोई कटौती नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कुल प्रभावी पूंजीगत व्यय 15.48 लाख करोड़ रुपये प्रस्तावित है, जो जीडीपी का 4.3 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि 2025-26 के लिए केंद्र का मुख्य पूंजीगत व्यय 11.21 लाख करोड़ रुपये प्रस्तावित है, जो जीडीपी का 3.1 प्रतिशत है और चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमानों से अधिक है। सीतारमण ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को भी अपनी पार्टी शासित कुछ राज्यों को सलाह देनी चाहिए चाहे वह कर्नाटक हो या तेलंगाना कि उन्हें पूंजी व्यय पर खर्च करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्य अब पूंजीगत व्यय पर खर्च नहीं कर रहे हैं।
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