जीएसटी संबंधी क्षतिपूर्ति को लेकर कड़ा रुख बरकरार रखें राज्य: चिदंबरम

पूर्व वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि राज्यों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजे को लेकर कर्ज नहीं लेना चाहिए क्योंकि संसाधन की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी केंद्र की है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैं उन 9-10 राज्यों की सराहना करता हूं जो अडिग रहे और केंद्र सरकार की ओर से दिए गए दो विकल्पों को खारिज कर दिया।’’ चिदंबरम ने कहा, ‘‘राज्य सरकारों से कर्ज लेने के लिए कहना अनुचित है। 12 अक्टूबर को होने वाली अगली बैठक में राज्यों को कड़े रुख बरकरार रखना चाहिए।’’ गौरतलब है कि जीएसटी परिषद की सोमवार को हुई महत्वपूर्ण बैठक में राज्यों को क्षतिपूर्ति दिये जाने के मामले में कोई आम सहमति नहीं बन पायी। परिषद क्षतिपूर्ति के लिये कर्ज लेने के उपाय पर राजनीतिक विचारों के आधार पर विभाजित दिखी।The liability to provide the GST compensation to the full extent falls on the central government, as reluctantly admitted by the FM yesterday. Naturally, the onus of finding the resources also falls on the central government
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) October 6, 2020
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समिति की काफी देर तक चली बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 21 राज्यों ने केंद्र के सुझाये दो विकल्पों में से एक का चयन किया है। उन्होंने कहा कि लेकिन कुछ राज्यों ने दोनों विकल्पों में से किसी का भी चयन नहीं किया। इसको देखते हुए परिषद की इस बारे में आगे और विचार-विमर्श को लेकर 12 अक्टूबर को फिर बैठक होगी।
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