देश के विकास के लिए केंद्र एवं राज्यों के मजबूत रिश्ते जरूरीः सीतारमण

Nirmala Sitharaman

सीतारमण ने कहा कि भारत के 100 वर्ष के मुकाम पर तीन स्तंभों को केंद्र-राज्य संबंधों की इसी भावना में ही जमीन तलाशनी होगी।उन्होंने कहा, ये तीनों स्तंभ तैरती हुई स्थिति में नहीं रह सकते हैं। उन्हें जमीन में आधार स्थापित करना होगा और इसी जमीन में यह काम होगा।

मुंबई| वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विकास आकांक्षाओं को हासिल करने के लिए शुक्रवार को केंद्र एवं राज्यों के बीच के संबंधों को मजबूत बनाने की जरूरत बतायी।

सीतारमण ने पीआईसी द्वारा आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हरित ऊर्जा, ढांचागत आधार और स्वस्थ एवं शिक्षित जनसंख्या रूपी तीन स्तंभ भारत को इसके सौंवें वर्ष तक ले जाएंगे। उन्होंने कहा, इन सबमें सबसे अहम भावना केंद्र और राज्यों के मिलकर काम करने से जुड़ी है।

आखिर भारत एक बड़ा देश है जिसमें कई राज्य हैं और उनमें से हरेक की अपनी विधानसभा हैं। विधानसभा में बैठने वाले निर्वाचित लोग उस राज्य का शासन चलाते हैं और उस क्षेत्र को कई चीजें करने की स्वायत्तता मिलती है।

सीतारमण ने कहा कि भारत के 100 वर्ष के मुकाम पर तीन स्तंभों को केंद्र-राज्य संबंधों की इसी भावना में ही जमीन तलाशनी होगी।उन्होंने कहा, ये तीनों स्तंभ तैरती हुई स्थिति में नहीं रह सकते हैं। उन्हें जमीन में आधार स्थापित करना होगा और इसी जमीन में यह काम होगा।

वित्त मंत्री के मुताबिक, जमीन को पुख्ता करने का मतलब है कि केंद्र एवं राज्यों को मिलकर काम करना होगा ताकि 100 वर्ष का होने पर भारत की मजबूत बुनियाद बनी रहे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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