बजट में कर रियायतों, राजकोषीय मजबूती के बीच संतुलन की होगी चुनौती

Sitharaman
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को वित्त वर्ष 2023-24 का बजट संसद में पेश करेंगी। इस दौरान उनके सामने राजकोषीय सूझबूझ दिखाने के साथ करों में कटौती एवं सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने जैसी अपेक्षाओं के बीच संतुलन साधने की चुनौती होगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को वित्त वर्ष 2023-24 का बजट संसद में पेश करेंगी। इस दौरान उनके सामने राजकोषीय सूझबूझ दिखाने के साथ करों में कटौती एवं सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने जैसी अपेक्षाओं के बीच संतुलन साधने की चुनौती होगी। अगले साल होने वाले आम चुनाव के पहले के इस अंतिम पूर्ण बजट के जरिये सरकार लोगों की अपेक्षाओं पर भी खरा उतरने की कोशिश कर सकती है। इसके लिए सार्वजनिक व्यय में बढ़ोतरी का तरीका अपनाया जा सकता है।

सीतारमण अपना पांचवां बजट ऐसे समय में पेश करने वाली हैं, जब अर्थव्यवस्था के सामने वैश्विक आघातों से निपटने और घरेलू जरूरतों को पूरा करने की मुश्किल चुनौती है। बजट से पहले उद्योग संगठनों एवं हित समूहों के साथ चर्चा के दौरान उठी मांगों में आयकर स्लैब में बदलाव की मांग प्रमुख रही है। इससे मध्य वर्ग को राहत मिल सकती है।

वहीं गरीबों पर सार्वजनिक व्यय बढ़ाने के साथ घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के उपायों की घोषणा भी की जा सकती है। हालांकि, इन उम्मीदों को पूरा करते समय सीतारमण के लिए राजकोषीय सूझबूझबनाए रखना जरूरी होगा। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में मुद्रास्फीति का ऊंचे स्तर से कम होना और कर संग्रह बढ़ोतरी एक राहत की बात हो सकती है। लेकिन स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर उनका खास ध्यान रह सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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