तोमर 20 मई को पांच राज्यों में शहद परीक्षण प्रयोगशालाओं का उद्घाटन करेंगे

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इंसानों और ग्रह को स्वस्थ रखने में मधुमक्खियों और अन्य पर परागण करने वाली जीव जन्तुओं की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी।

नयी दिल्ली|कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तरराखंड में शहद परीक्षण प्रयोगशाला और शहद प्रसंस्करण इकाइयों का वर्चुअल तरीके से उद्घाटन करेंगे।

इंसानों और ग्रह को स्वस्थ रखने में मधुमक्खियों और अन्य पर परागण करने वाली जीव जन्तुओं की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी।

देश में ‘स्वीट रिवोल्यूशन’ (मधु क्रांति) हासिल करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में राष्ट्रीय मधुमक्खीपालन शहद मिशन (एनबीएचएम) के तहत आने वाले राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (एनबीबी) द्वारा निर्मित छह प्रयोगशालाओं और एक शहद प्रसंस्करण संयंत्र का उद्घाटन कृषि मंत्री द्वारा किया जायेगा।

एक सरकारी बयान में कहा गया है कि तोमर 20 मई को टेंट सिटी- II, एकता नगर, नर्मदा, गुजरात में विश्व मधुमक्खी दिवस मनाने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी, गुजरात की कृषि मंत्री शोभा करंदलाजे, भारत में स्लोवेनिया की राजदूत मतेजा वोदेब घोष, भारत में एफएओ प्रतिनिधि कोंडा रेड्डी चाववा इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड के सदस्य देवव्रत शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में स्थापित किये जाने वाली प्रयोगशाला अकेले विशेषकर हरियाणा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के लगभग 25,000 मधुमक्खीपालकों के काम को सुविधाजनक बनाएगी। कार्यक्रम के दौरान मधुमक्खी पालकों, प्रसंस्करणकर्ताओं और क्षेत्र के अन्य अंशधारकों द्वारा कई स्टॉल लगाए जाएंगे।

कृषि मंत्रालय में राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड के अधिशासी निदेशक एवं अतिरिक्त बागवानी आयुक्त, एन के पाटले ने पीटीआई-को बताया, ‘‘देश में राष्ट्रीय मधुमक्खीपालन एवं शहद मिशन को लागू किया गया है जिसका उद्देश्य है कि पूरे देश में मधुमक्खीपालन के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाये। बुनियादी ढांचे में मुख्यत: शहद प्रसंस्करण संयंत्र और शहद गुणवत्ता जांच की प्रयोगशालाओं पर ध्यान दिया जा रहा है और देश में लगभग 100 लघु जांच प्रयोगशालाएं स्थापित करने का लक्ष्य है।

हम 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस पर ऐसी छह प्रयोगशालाओं का उद्घाटन करने जा रहे हैं। आगे चलकर इन प्रयोगशालाओं की संख्या में इजाफा किया जायेगा। उन्होंने कहा, ‘‘आज लोगों में शहद की गुणवत्ता को लेकर चिंता है और जांच प्रयोगशाला की उपलब्धता की कमी है। इसके अलावा शहद की प्रसंस्करण इकाइयों की भी कमी को दूर करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इन मधुमक्खीपालक किसानों के किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) भी हैं और जिसके चलते छोटे-छोटे किसानों को मधुमक्खीपालन और बाद में पैकिंग, ब्रांडिंग करने में आसानी होगी।

उन्होंने कहा कि फिलहाल इन प्रयोगशालाओं में खाद्य नियामक, एफएसएसएआई के जो निर्धारित मानक हैं, उन सभी पैमानों की जांच की सुविधा होगी लेकिन आगे निर्यात बढ़ने पर नई और आधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी।

इस आयोजन के दौरान शहद उत्पादन तकनीक और वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन के अनुसंधान और विकास, अनुभव साझा करने और चुनौतियों के साथ-साथ विपणन चुनौतियों और समाधानों पर तकनीकी सत्र भी आयोजित किए जाएंगे।

बयान में कहा गया है कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य देशभर में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देना और लोकप्रिय बनाना है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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