टूर गाइड बनकर देश-विदेश घूमें भी और कमाएँ भी

मिताली जैन । Nov 18 2016 2:07PM

अगर आपको भी सैर करना भाता है तो आप बतौर टूर गाइडिंग अपना भविष्य बना सकते हैं। टूर गाइड बनकर आप न सिर्फ अपनी घुमक्कडी के शौक को पूरा कर सकते हैं, बल्कि इसके जरिए अच्छी कमाई भी की जा सकती है।

ऐसे बहुत से लोग होते हैं, जिन्हें नई जगहों पर जाना व नए लोगों से मिलना व उनसे बातचीत करना बेहद पसंद होता है। घूमने से उनका तन व मन तरोताजा हो जाता है। अगर आपको भी सैर करना भाता है तो आप बतौर टूर गाइडिंग अपना भविष्य बना सकते हैं। टूर गाइड बनकर आप न सिर्फ अपनी घुमक्कडी के शौक को पूरा कर सकते हैं, बल्कि इसके जरिए अच्छी कमाई भी की जा सकती है। टूर गाइडिंग के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। वैसे भी आज के दौर में पर्यटन किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का एक अहम हिस्सा होता है। इसलिए एक टूर गाइड बनकर आप अपने व देश के विकास में सहयोग करें−

कुछ कौशल भी हैं जरूरी

एक टूर गाइड को अपने काम के दौरान बहुत अधिक घूमना−फिरना पड़ता है, इसलिए उसका शारीरिक व मानसिक रूप से सक्षम होना बेहद आवश्यक है। इतना ही नहीं, टूर गाइडिंग के काम में नई जगहों, लोगों व क्लाइंट्स से साथ घूमना होता है, इसलिए आपकी कम्युनिकेशन स्किल बेहतर होने चाहिए। साथ ही किसी भी विपरीत परिस्थिति को अच्छी तरह से हैंडल करना आना चाहिए। इसके अतिरिक्त जिस जगह वह जा रहा है, पहले से ही उसे जगह की पर्याप्त जानकारी होनी आवश्यक है, तभी आप अपने क्लाइंट को अच्छी तरह संतुष्ट कर पाएंगे। अगर आप कॅरियर में नई ऊंचाइयों को छूना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि आपको कुछ क्षेत्रीय, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय भाषाओं का ज्ञान हो। ऐसे में आप सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में टूर गाइड बनकर अपने काम को अंजाम दे पाएंगे। नई जगहों के बारे में जानने व अपने ज्ञान का दायरा बढ़ाने के लिए आपको इंटरनेट पर थोड़ा रिसर्च वर्क व किताबें पढ़ने का शौक भी होना चाहिए। 

योग्यता 

भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा टूर गाइड के लिए ट्रेनिंग कोर्स कंडक्ट किया जाता है। इस कोर्स में दाखिला लेने के लिए आपका किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएट होना आवश्यक है। आप चाहें तो टूरिज्म या हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में भी तीन साल का कोर्स करने के बाद इस कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। दाखिले के लिए पहले एक टेस्ट लिया जाता है तथा कोर्स में दाखिले के लिए टेस्ट में कम से कम पचास प्रतिशत स्कोर करना आवश्यक होता है। कोर्स की अवधि करीबन दो वर्ष की होती है तथा कोर्स पूरा होने के पश्चात सर्टिफिकेट व लाइसेंस प्रदान किया जाता है। यह पर्यटक गाइड लाइसेंस राज्य व केन्द्र सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा दोनों स्तर पर जारी किए जाते हैं। वर्तमान में ऐसे बहुत से राज्य हैं जहां टूर गाइडिंग के लिए पंजीकरण अनिवार्य है। वैसे आप चाहें तो विभिन्न यूनिवर्सिटी व प्राइवेट संस्थानों द्वारा भी बारहवीं के पश्चात् टूर एंड ट्रैवल में स्नातक, डिप्लोमा व शॉर्ट टर्म कोर्स करके भी इस क्षेत्र में कदम रख सकते हैं।


संभावनाओं का संसार

चूंकि पर्यटन कार्य देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है, इसलिए सरकार द्वारा भी पर्यटन क्षेत्र को काफी प्रोत्साहन दिया जाता है। यही कारण है कि इस क्षेत्र में काम की कोई कमी नहीं है। दरअसल, केन्द्रीय व राज्य सरकारों का पर्यटन विभाग आवश्यकता के अनुसार टूर गाइड को काम देता है। ऐसे में अगर आप चाहें तो भारत पर्यटन विकास निगम व राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा स्वीकृत नौकरियों के लिए अप्लाई कर सकते हैं। वहीं प्राइवेट सेक्टर में भी आपके पास नौकरियों की ढेरों संभावनाएं मौजूद हैं। प्राइवेट सेक्टर में आप किसी टूर ऑपरेटर्स, ट्रैवल एजेंसी, होटल या ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री, एयरलाइंस या क्रूज लाइनों के साथ काम कर सकते हैं। वैसे टूर गाइड के लिए ऑनलाइन दुनिया में भी नौकरी की कोई कमी नहीं है। विभिन्न टूरिंग वेबसाइट भी लोगों की सुविधा के लिए उन्हें टूर गाइड सेवाएं प्रदान करती हैं। अगर आप किसी कंपनी में नौकरी नहीं करना चाहते तो बतौर फ्रीलांसर भी विभिन्न कंपनियों में अपनी सेवाएं दे सकते हैं। वैसे कुछ सालों के अनुभव के पश्चात् खुद की ट्रैवल एजेंसी खोलना भी एक अच्छा आईडिया हो सकता है।

आमदनी

इस क्षेत्र में आपकी सैलरी आपके ज्ञान, मेहनत, व अपने स्किल्स पर निर्भर करती है। अगर आप किसी कंपनी में नौकरी करते हैं तो आपको शुरूआती दौर में दस से बीस हजार रुपए प्रतिमाह पर आसानी से मिल जाते हैं। वहीं फ्रीलांसर के तौर पर आपकी आमदनी आपको मिलने वाले काम पर निर्भर करेगी। वैसे एक फ्रीलांसर आमतौर पर एक दिन का हजार रुपए या उससे भी अधिक कमा सकता है। छुटि्टयों के दिनों में या पीक सीजन में आपकी आमदनी चालीस से पचास हजार रुपए प्रतिमाह भी हो सकती है।

प्रमुख संस्थान-

इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली।

द टूरिज्म स्कूल, नई दिल्ली।

अकबर एकेडमी ऑफ ट्रैवल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट स्टडीज, विभिन्न केन्द्र।

इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ टूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट, ग्वालियर।

मिताली जैन

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