किस प्रकार आपके कॅरियर में मददगार होंगे यह '5 पॉइंट्स'

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आप शिक्षा के जिस भी स्तर पर हैं, उसी अनुरूप आप अपने कॅरियर के चुनाव में विभिन्न उपायों को आजमा सकते हैं। मान लीजिये कि आप दसवीं में हैं, तो मंजिल के चुनाव के लिए आप अपने टीचर, पेरेंट्स की सहायता ले सकते हैं और जान सकते हैं कि कौन सा कॅरियर आपके लिए किस ढंग से लाभकारी होगा?

यह एक जांचा परखा तथ्य है कि अगर किसी व्यक्ति ने अपने कॅरियर के शुरुआती दौर में ही सही फैसले लेकर उचित कॅरियर का चुनाव कर लिया, तो उसकी आगे की राह काफी आसान हो जाती है। कहते हैं दुनिया में हर व्यक्ति सफर करता है, किंतु मंजिल पर पहुंचते बहुत कम लोग हैं।

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आप कह सकते हैं कि सही मंजिल पर कैसे पहुंचा जाए, तो इसमें यही बात समझने योग्य है कि सही मंजिल पर पहुंचने के लिए मंजिल का चुनाव, उसकी पहचान जरूरी है।

आइए जानते हैं कैसे...

कॅरियर रुपी मंजिल का चुनाव कैसे करें?

क्या आप दसवीं में हैं?

या फिर आप 12वीं में अथवा ग्रेजुएशन कर चुके हैं?

आप शिक्षा के जिस भी स्तर पर हैं, उसी अनुरूप आप अपने कॅरियर के चुनाव में विभिन्न उपायों को आजमा सकते हैं। मान लीजिये कि आप दसवीं में हैं, तो मंजिल के चुनाव के लिए आप अपने टीचर, पेरेंट्स की सहायता ले सकते हैं और जान सकते हैं कि कौन सा कॅरियर आपके लिए किस ढंग से लाभकारी होगा?

खासकर दसवीं के बाद आपको साइंस या आर्ट्स में से कोई एक स्ट्रीम चुननी होती है। इसी तरह से अगर आप 12वीं में हैं तो आप साइंस में भी मैथ्स या बायो लेकर चलना होता है अथवा आर्ट्स या कॉमर्स स्ट्रीम को लेकर पढ़ाई करना होता है।

वस्तुतः यहां से कॅरियर एक दिशा ले लेता है कि आप किसी प्रोफेशनल कोर्स में जाना चाहते हैं या फिर एनडीए अथवा दूसरे कोर्स की तैयारी करना चाहते हैं।

ग्रेजुएशन में तो आपकी समझ पूरी तरह से खुल चुकी होती है और आपको पूरी तरह से पता होता कि हकीकत में करना क्या है। बस कई लक्ष्यों के बीच में खुद को कंफ्यूज ना करें, क्योंकि कन्फ्यूजन आपको आपकी मंजिल से दूर कर देगा। ध्यान रखना चाहिए कि भेड़ चाल से बचना कैसे है और अपने लक्ष्य को पूरी तरह से अपने मन मस्तिष्क के अनुसार चुनना चाहिए। जब आप मंजिल को ठीक से पहचान लेते हैं तब आपका काम काफी आसान हो जाता है।

जुट जाएँ मंजिल तक पहुंचने में

जब एक बार मंजिल की पहचान हो जाती है, फिर आप तब तक ना रूकें, जब तक मंजिल पर पहुंच ना जाएँ। ध्यान रखें, डॉक्टर अब्दुल कलाम कहते हैं कि बैठे रहने वालों को वही मिलता है जो कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं। 

अगर अपनी मंजिल को आपने पहचान लिया है तो आपको तेजी से और मजबूत कदमों से उस और बढ़ने की आवश्यकता होती है। इसके लिए न केवल ट्रेडिशनल कोर्सेज करें, बल्कि ऑनलाइन की दुनिया से अपने आपको लगातार अपडेट करें। केवल इतना ही पर्याप्त नहीं है कि आपने किसी यूनिवर्सिटी के डिग्री कोर्स में प्रवेश ले लिया है, बल्कि अपनी स्किल को निखारने के लिए आपको ऑनलाइन एजुकेशन, कोर्सेज के माध्यम से तमाम स्किल विकसित करनी होगी।

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इसके लिए कई फ्री तो कई पेड कोर्सेज उपलब्ध हैं, जिसे आप अपनी रूचि के अनुसार चुन सकते हैं। सबसे इंपोर्टेंट है खुद को लगातार अपग्रेड करना चाहिए। हालांकि रेगुलर पढ़ाई की महत्ता से इनकार नहीं किया जा सकता और इसके लिए आपको बेहतर से बेहतर संस्थान का चुनाव करना चाहिए और उसके प्लेसमेंट रिकॉर्ड को भी अपनी नजर में रखना चाहिए।

इनोवेशन को अहमियत दें 

जापान के बारे में हम आप बचपन से सुनते आए हैं कि वहां बच्चे पढ़ाई के दिनों से ही प्रायोगिक चीजों में रूचि लेने लगते हैं और दसवीं तक आते आते तो घड़ी, दूसरी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस इत्यादि विकसित करने लगते हैं। भारत में अभी इस तरह का माहौल पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है, किंतु एक सच यह भी है कि भारत में ही कई सारे छोटे बच्चे कोडिंग के माध्यम से तमाम प्रोग्राम लिखते हैं, तो कई अपनी क्रिएटिव थॉट से वीडियो एडिटिंग, फोटोग्राफी, राइटिंग जैसे महत्वपूर्ण कार्य करते हैं।

ऐसे कई यूट्यूब चैनल आप देखते ही होंगे, जिसमें छोटे-छोटे बच्चों ने कितना कमाल किया है।

तो आप भी अपने स्तर पर कुछ इनोवेटिव कर सकते हैं। इसकी अपॉर्चुनिटी ढूंढें और हां इसका इंतजार ना करें कि अब अमुक पढ़ाई करने के बाद आपको नौकरी मिलेगी तो आप अपने कॅरियर को सेट करेंगे। इसकी बजाय पढ़ाई के कोर्सेज के दौरान ही आप खुद को स्टेबल करने की कोशिश करें। आप एक एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट के साथ काम करेंगे, तो भविष्य में आपके लिए यह काफी अच्छा रहेगा। आप जॉब करें या फिर अपना बिजनेस करें, एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट से आप खुद को सफल इंसान बनाने की दिशा में आगे बढ़ा सकते हैं।

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भटकाव से बचें 

आज के समय में तमाम एक्सपर्ट और रिसर्च इस बात के प्रति जागरूक करते हैं कि ऑनलाइन दुनिया में आपका समय बहुत खराब होता है। छोटे-छोटे बच्चे यूट्यूब और दूसरी ऑनलाइन साइट्स पर, गेम्स पर अपने जीवन का कीमती समय नष्ट करते हैं। यह धीरे-धीरे उनकी आदत बन जाती है और जो इंटरनेट अच्छी जानकारियों का सोर्स हो सकता है, उसे वह समय नुकसान करने का माध्यम बना लेते हैं।

ना केवल बच्चे, बल्कि युवा भी इस पर अपना अच्छा खासा समय बर्बाद करते हैं, तो यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि आज के समय में समय बर्बाद करने का सबसे महत्वपूर्ण साधन भी इंटरनेट ही बन गया है। इसके लिए आप अतिरिक्त सावधानी बरतेंगे तो आपका कॅरियर सही दिशा में अवश्य ही आगे बढ़ेगा।

पहले समय पास करने का काम नालायक दोस्त किया करते थे, लेकिन कइयों की लाइफ में अब यह स्थान इंटरनेट में ले लिया है। हालाँकि, कई लोग इंटरनेट को 'सच्चा दोस्त' बनाकर अपनी ज़िन्दगी में बड़े बड़े मुकाम इसी की सहायता से प्राप्त कर रहे हैं, इसीलिए इस के सकारात्मक पक्ष पर फोकस करें और भटकाव से बचने के लिए इंटरनेट पर पर अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है।

रिव्यू और इम्प्रूवमेंट करना जरूरी है 

अपनी यात्रा और अपनी अब तक की जिंदगी का रिव्यू अवश्य करें।

अब तक आपने क्या किया है। अब तक कौन से अच्छे कार्य किए हैं, कौन सी छोटी गलतियां की हैं, तो कौन सी बड़ी मिस्टेक्स की हैं, इसका विचार करें।

जितना अधिक आप खुद की एनालिसिस करेंगे, सार्थक दिशा में बढ़ने की संभावना भी उतनी ही अधिक बढ़ेगी। सच कहा जाए तो रिव्यू करना किसी परीक्षा की तरह होता है, जो एक परीक्षार्थी को बतलाता है कि उसका जीवन किस रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।

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जैसे आज की दुनिया में किसी प्रोडक्ट का रिव्यू किया जाता है, वैसे ही खुद का रिव्यू करने से ना चूकिए। कैरियर चूज करने में, प्रोफेशनल लाइफ में, पर्सनल लाइफ में, सोशल रिलेशंस में, फैमिली रिलेशंस में आप किस ढंग से चलते हैं, इस पर सार्थक मन से अवश्य विचार करें और जो भी आपकी उलझन होती है उन उलझनों को खुद सुलझाने की कोशिश करें। 

अगर किसी मोड़ पर आपको लगता है कि कॅरियर चुनने में कोई गलती हुई है तो रिव्यु से वह पकड़ में आ जाएगी। पुराने गलत निर्णय को झेलने की बजाय, ठोस आधार होने पर, अपने निर्णय में समय रहते तब्दीली लाई जा सकती है।

उपयुक्त व्यक्तियों से गाइडेंस लेने में हिचकिचाएं नहीं। अगर आपके मन में किसी प्रश्न को लेकर दुविधा है तो लोगों से पूछना और उसका सलूशन पाने में किसी प्रकार की बुराई नहीं है। अगर कोई गलती हो जाती है तो उस गलती को साफ मन से स्वीकार करें और आगे के लिए सुधार करें।

- मिथिलेश कुमार सिंह

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