केसरिया होली के बाद केसरिया पोंगल, केसरिया ओणम भी हो

तरुण विजय । Mar 21 2017 11:00AM

विधानसभा चुनाव परिणाम देखकर यह कहना होगा कि भारत के विजय का उदय पर्व शुभ हो। उत्तर भारत में केसरिया होली हुई तो केसरिया पोंगल और केसरिया ओणम भी दूर नहीं होना चाहिए।

भारतीय सर्वेक्षण विभाग के प्रतीक चिह्न पर भारत को व्याख्यायित करने वाली पंक्ति है- आ सेतु- हिमाचलम। वीर सावरकर ने इसी व्याख्या को अंडमान कारावास के समय 1905 में इन शब्दों को उतारा-- आ सिंधु सिंधु पर्यन्ता। अर्थात् सिंधु नदी से हिंद महासागर तक। नरेंद्र मोदी ने इस व्याख्या से भाजपा को एकरूप करते हुए अक्षरशः चक्रवर्ती राज्य के रूप में केसरिया को स्थापित कर दिया।

कल्पना में नहीं, कविता में नहीं। अक्षरशः। लेह से कन्याकुमारी और तवांग से ओखा तक। सिंधु तट से हिंद महासागर और वैष्णो देवी तीर्थ क्षेत्र में मां कामाख्या दिव्य क्षेत्र और अब मंगेश देव के गोमांतक से गोविंद जी के मणिपुर तक हिंदू सभ्यता, संस्कृति एवं उदार विचारधारा के प्रति निष्ठावान दल का विस्तार चक्रवर्ती भाजपा का नया रूप दिखाता है।

और वस्तुतः यह तो प्रारंभ है। इस प्रारम्भ का अर्थ है शक्तिवर्द्धन और लोकतांत्रिक पराक्रम।

इसका अर्थ है उन कुचले सपनों की वापसी जो गत सदियों के आक्रमणों एवं आजादी के बाद वैचारिक शत्रुओं के आघातों से लगातार घायल किए जाते रहे। जहां कभी भिखारी नहीं थे, वहां हर चौराहे, रेस्तरां, मंदिर, और सड़कों पर बच्चे, बूढ़े, भीख मांगते, पटरियों पर जीवन बिताते, असहाय, दीनहीन दिखें तो भारत अधूरा ही कहा जाएगा। गांवों में रोशनी, पानी, विद्यालय, सड़कें पहुंचें-- बात सिर्फ इतनी ही नहीं है। देश केवल भौतिक संसाधनों की प्रचुरता से नहीं बनता। वे काया का रूप ले सकते हैं-- प्राण तो संस्कृति और शौर्य से मिलता है। वह संस्कृति और शौर्य की धारा ही गत दशकों में खंडित हुई है।

असम की बेटी नाहिद आफरीन के खिलाफ कायर, बुजदिल और अरब अंधकूप में रहने वाले बयालिस मुल्लाओं ने जो फतवा दिया, वह हमारी परम्पराओं और आस्था पर वही अरब हमला है जो कश्मीर के हिंदुओं पर जिहादियों ने किया था। छत्तीसगढ़ में सुकमा में केंद्रीय आरक्षी पुलिस बल (सीआरपीएफ) के बारह जवानों को धोखे से मारने वाले कम्युनिस्ट विचारधारा के आतंकवादी भी उसी हमले की कड़ी हैं तो केरल में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा के कार्यकर्ताओं की हत्याएं भी उसी जघन्य हिन्दू विरोधी आक्रमण का हिस्सा है।

इस वैचारिक पाखंड से हमें उबरना होगा कि ये हमले आर्थिक या राजनीतिक षड्यंत्रों का हिस्सा है। कश्मीर से केरल तक इस्लामी-कम्युनिस्ट आतंकवाद हिन्दू समाज और धर्म के खिलाफ आक्रमण है- इसे जब तक इस यथार्थ के साथ स्वीकार नहीं किया जाएगा तब तक हम कांग्रेस-ब्रिटिश मानस से ही देश देखते रहेंगे। हिन्दू समाज, संस्कृति और उसका उदार ह्दय ही इन विदेशी धन और जन वाले हमलावरों के निशाने पर रहा है।

पिछले दिनों अन्तरराष्ट्रीय सहयोग परिषद ने तमिलनाडु के विद्वान डॉ. सूर्य नारायण की विश्वव्यापी तमिल समाज की लिखी पुस्तक पर चर्चा का आयोजन किया था। श्रीलंका से लेकर मलेशिया तक तमिल समाज पर जो भयानक अत्याचार हुए और आज भी हो रहे हैं उसका चित्रण हृदय को दुःख पहुंचाने वाला था। तीस हजार हिन्दू आज भी शरणार्थी हैं- उनके लिए कोई आया? मलेशिया में एक लाख से अधिक तमिल हिन्दू राज्यविहीन हैं। वहां फल बेचने वाले हिन्दू को भी 'हलाल' का प्रमाण पत्र लेना पड़ता है। 'एवरेस्ट मूर्ति' की बेहद कारूणिक कथा प्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ता राजेश गोगना की सुनायी गयी जिन्हें मृत्यु के बाद मुस्लिम घोषित कर उनके रोते बिलखते परिजनों के हाथों मृत देह शरीयत वाले मुल्लओं ने छीन उसे दफनाया और उनकी सम्पत्ति से भी परिजनों को वंचित किया।

सत्य यह है कि तमाम सफलताओं के सामने आज भी केरल, कर्नाटक, कश्मीर से लेकर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अन्य मलेशिया जैसे मुस्लिम देशों में हिंदू के नाते रहने वालों पर हमले होते ही आ रहे हैं।

कौन रोकेगा इन्हें? शांति, सद्भाव, मर्यादा, सहिष्णुता, वैचारिक मतभेद के बावजूद हजार विचारों का बने रहना-- यह सब बातें अच्छी हैं। अच्छी इसलिए हैं क्योंकि हम इन मूल्यों में विश्वास रखने वाले हैं। लेकिन जो इन पर विश्वास नहीं रखते उनसे हम अपने उन लोगों को कैसे बचाएंगे जिनसे हमारा धर्म और रक्त का संबंध है?

इस बारे में तनिक भी संदेह नहीं रखना चाहिए कि आसेतु हिमाचल या आसिंधु-सिंधु पर्यन्ता भाजपा को जो व्यापक समर्थन मिला है उसके पीछे हमारी प्रखर देशभक्ति और हिंदू संस्कृति के प्रति असंदिग्ध निष्ठा की आभा है। वह न हो तो काया प्रभाहीन है। जनता को विश्वास है कि हमारी राजभक्ति और राष्ट्रभक्ति एकरूप है। हम वहाबी सेकुलर जमात नहीं, हम वोट के लिए मुल्क का सौदा नहीं करते हमारे लिए गंगा नदी नहीं, मां है और भारतीय होना हमारी पहली पहचान और प्राथमिकता है, अंतिम नहीं।

यदि विश्व में कहीं भी हिंदू पर आघात होता है तो दर्द भारत को होता है। यदि जद्दाह या जकार्ता में किसी मुस्लिम-ईसाई भारतीय को पीड़ा होती है तो कराहती भारत माता है। वह वेदना और अपमान का दंश किसी भी भारतीय को न सहना पड़े। भारतीय होना न केवल गर्व की बात हो बल्कि भारतीय होना सुरक्षा की भी गारंटी हो। दुनिया में किसी भारतीय को या किसी भारतीय मूल के व्यक्ति को भी अपने माथे पर खुदे- 'भारत' के कारण तिरस्कार या आघात न सहना पड़े, वैसे शक्तिशाली भारत के निर्माण का पर्व प्रारंभ हुआ दिखता है।

इस राष्ट्रनिष्ठ जनसमर्थन का आभार मानना चाहिए कि पंजाब और गोवा से 'आप' गायब होती दिखी वरना आशंका ही थी कि जिनकी आंखों में देश नहीं, वे कैसा जनादेश पाएंगे। उत्तर प्रदेश को जिन्होंने पारिवारिक जमींदारी की राजनीतिक लूट का शिकार बनाया वे भी तिरोहित हुए। धन्यवाद। अयोध्या, काशी, मथुरा जहां हों, वह प्रदेश भारत की आत्मा कहा जाए तो क्या गलत होगा। इसी को लेकर समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया ने कहा था कि भारत के तीन स्वप्न हैं- राम, कृष्ण और शिव। यह लोहिया वाणी और उनके इस लंबे निबंध को सैफई छाप समाजवादी भूल गए। वे स्वप्न सबके, हम सब भारतीयों के स्वप्न हैं- आस्था भिन्न होने से न पूर्वज बदलते हैं, न सपने। और फिर उत्तर प्रदेश के मतदाताओं ने यह सिद्ध किया कि भारत निष्ठ भाजपा का कोई ईमानदार चेहरा उन्हें पाखंडी, बेईमान सेकुलरों से ज्यादा वरेण्य है। उत्तर प्रदेश राम, कृष्ण और शिव का प्रदेश है। पुण्यतीर्थ और त्रिवेणी का प्रवाह उसे जो वैशिष्टय देता है उसे संभालना अब भाजपा का धर्म है। यह त्रिवेणी वोट-बैंक के संकीर्ण व्यापारियों और हिन्दू-मुस्लिम दंगों के सेकुलर-वहाबियों द्वारा आहत की गयी। उसे सबको साथ लेकर गांधी दीनदयाल-लोहिया की वैचारिक त्रिवेणी बचाएगी ही।

मणिपुर में भाजपा का आना वस्तुतः राष्ट्रीयता की रक्षा के यज्ञ का सफल होना है। यहां गत दो दशकों से आतंकवादी विद्रोही संगठनों का बोलबाला रहा। हिन्दी का तो एक पोस्टर तक लगाने की इजाजत नहीं, हिंदी फिल्में बीस सालों से प्रतिबंधित हैं। 14 आतंकी संगठन गृहमंत्रालय की सूची में हैं। एक प्रमुख संगठन का नाम है पीपुल्स लिबेशन आर्मी- जो चीन की सेना का नाम है। भाजपा सरकार वहां भारत की आत्मा का पुनः उन्मेष बन कर आयी है।

पंजाब में कांग्रेस की जीत का भी स्वागत करता हूं। आप के ताप से बचाने के लिए धन्यवाद। मेरे मित्र नवजोत सिद्धू कामयाब हों- पंजाब कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में अतिवादियों और नशा वादियों से मुक्त हो, यही कामना करनी चाहिए। पंजाब में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के समर्पित संघचालक श्री गगनेजा जी की आतंकवादियों द्वारा हत्या हम भूल नहीं सकते। वे पंजाब की रक्षा के लिए आवाज उठाते थे, इसलिए जान देनी पड़ी।

भारत के विजय का यह उदय पर्व शुभ हो। केसरिया होली इस बार इधर हुई तो केसरिया पोंगल और केसरिया ओणम भी दूर नहीं होना चाहिए।

- तरुण विजय

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