कमरतोड़ महंगाई और बेरोजगारी से पाकिस्तान की अवाम बेहाल, बने गृहयुद्ध जैसे हालात

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विदेशी निवेश शून्य हो चुका है। महंगाई और बेरोजगारी के कारण पाकिस्तान अपराध की गिरफ्त में आता जा रहा है। बेरोजगारी का आलम यह है कि लाखों युवाओं ने देश छोडऩे के लिए आवेदन कर रखा है, किन्तु पाकिस्तान की सरकार उन्हें मंजूरी नहीं दे रही है।

जी20 के सफलतापूर्वक हुए आयोजन से भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि में इजाफा हुआ है, वहीं पड़ौसी मुल्क पाकिस्तान में हाहाकार मचा हुआ है। पाकिस्तान लगातार रसातल की तरफ जा रहा है। पाकिस्तान की हालत नारकीय हो गई है। पाकिस्तान में पेट्रोल 320 रुपए से ऊपर है। आटे का भाव 150 रुपए तक पहुंच गया है। बिजली के बिल ने आम अवाम की कमरतोड़ कर रख दी है। डॉलर की कीमत 300 रुपए पाकिस्तान रुपए से ऊपर पहुंच गई है। पाकिस्तान में महंगाई 28 फीसदी से ज्यादा पहुंच चुकी है। लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। रोजमर्रा की जरुरतों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान दूसरे देशों से भीख मांग रहा है। कंगाल पाकिस्तान की आवाम सड़क पर है।   

डॉलर की कालाबाजारी हो रही है। आम घरेलू उपभोक्ता को प्रति यूनिट 100 रुपए से भी ऊपर बिजली का बिल चुकाना पड़ रहा है। बिजली का बिल नहीं चुकाए जाने की स्थिति में लोग आत्महत्या कर रहे है। बिजली बिल में यह बढ़ोतरी आईएमएफ की कर्जे के बदले कठोर शर्तों के कारण हुई है, जिसे पाक सरकार मानने को मजबूर है। दरअसल आईएमएफ ने कर्ज के साथ यह उसकी अदायगी के लिए यह शर्त रखी थी। जिसमें अब समूचा पाकिस्तान बुरी तरह तिलमिला रहा है। पाकिस्तान की एयरलाइंस के दिवालिया होने की वजह से इंटरनेशनल बेइज्जती हो रही है। कुछ दिन पहले सउदी अरब और यूएई में ईंधन के पैसे नहीं चुकाने की वजह से विमानों को रोक लिया गया था। इसके बाद एयरलाइंस अधिकारियों के लिखित आश्वासन के बाद ही विमानों को उड़ान भरने की उम्मीद मिली है। 

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बेरोजगारी का आलम यह है कि फैक्ट्रियां, उत्पाद और व्यवसाय लगभग चौपट हो चुके हैं। विदेशी निवेश शून्य हो चुका है। महंगाई और बेरोजगारी के कारण पाकिस्तान अपराध की गिरफ्त में आता जा रहा है। बेरोजगारी का आलम यह है कि लाखों युवाओं ने देश छोडऩे के लिए आवेदन कर रखा है, किन्तु पाकिस्तान की सरकार उन्हें मंजूरी नहीं दे रही है। फाकाकशी के कारण भिखारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान में गृहयुद्ध के हालात बन गए हैं। सेना ने पाक सत्ता में हस्तक्षेप शुरु कर दिया है। सेना ने डॉलर की कालाबाजारी रोकने के लिए कई स्थानों पर कार्रवाई करी। इससे डॉलर की रेट कुछ रुपए नीचे आ गई।   

पाकिस्तान में आई गिरावट का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है उसके पासपोर्ट की साख नीचे से चौथे नम्बर पर पहुंच गई है। पाकिस्तान में सरेआम विद्रोह के स्वर गूंज रहे है। बलूचिस्तान के निवासी कारगिल का रास्ता खोले जाने की मांग कर रहे हैं ताकि भारत से व्यापारिक लेन-देन शुरु हो सके। इसके अलावा बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर बलूचिस्तान के लाखों लोगों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। पाक सेना को हालात को नियंत्रण करने के लिए भेजा गया है। कुछ ऐसी ही हालत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की है।   

पाकिस्तान की भयावह होती स्थिति का सच पाक मीडिया भी नहीं दिखा रहा है। मीडिया पर पाक सरकार का अंकुश है। सोशल मीडिया पर दबे-छिपे तरीके से पाकिस्तान के हालात उजागर हो रहे हैं। मौजूदा हालत में पाक नागरिक यह कहने लगे हैं कि उन्होंने पाकिस्तान में शामिल होकर कौनसा अपराध कर दिया। पाक सरकार के खिलाफ लोगों को अब किसी तरह की कानूनी कार्रवाई का डर नहीं है। लोग खुलकर अपने आक्रोश का इजहार कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की साख इतनी बदतर हो चुकी है कि संयुक्त अरब अमरात के प्रिंस ने जी20 में शिरकत के लिए पाकिस्तान में 6 घंटे रुकने की घोषणा की थी, किन्तु वे भी इससे पलट गए। इस्लामिक देशों के बूते भारत को धमकाने वाले पाकिस्तान से सभी देशों ने मुंह मोड़ लिया है। भिखारी जैसी हालत वाले पाकिस्तान से कोई भी देश अब रिश्ता रखने से कतराने लगा है। इतना ही नहीं पाकिस्तान के कई शहरों के लोगों के लिए वीजा पर बैन लगाया दिया है। यह नौबत तब आई है जब कई देशों में पाक के लोगों द्वारा लगातार अपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का पता चला। इससे गो बैक पाकिस्तानी की मुहिम चली हुई है।   

ब्रिटेन में हुए एक सर्वे में 14 प्रतिशत पाकिस्तानी युवाओं को बेकारी और कामचोरी के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। ये युवा ब्रिटेन सरकार द्वारा बेरोजगारों के लिए दिए जाने वाले भत्ते पर गुजारा कर रहे हैं। इससे पहले भी सऊदी अरब और दूसरे मुल्क में भी पाकिस्तानियों की बेजा हरकतों के कारण गो पाकिस्तानी का ट्रेंड चल चुका है। पाकिस्तानी डॉक्टर के अमरीका में एक आतंकी योजना में शामिल होने के बाद ऐसा ही ट्रेंड वहां भी चला था। पूरे विश्व में पाकिस्तानियो की किरकिरी हो रही है।   

आईएमएफ (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) ने पाकिस्तान से कहा है कि गरीबों को राहत देने के लिए अमीरों पर टैक्स लगाएं। पाकिस्तान को अमीरों पर कर लगाने और गरीबों की रक्षा करने के लिए कहा गया है। आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) से इतर पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधान मंत्री अनवारुल हक काकर के साथ बैठक की और पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि वह अमीरों पर कर लगाए और गरीबों की रक्षा करे। क्रिस्टालिना ने कहा कि मैंने पाकिस्तान के प्रधान मंत्री से कहा कि अमीरों पर अधिक कर लगाएं और गरीबों की रक्षा करें। मुझे यकीन है कि पाकिस्तान के लोग भी यही चाहते हैं। यह बैठक पाकिस्तान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह अपने नागरिकों को बिजली बिलों पर कुछ राहत प्रदान करने के लिए आईएमएफ से मंजूरी चाहता है, जिससे देशव्यापी विरोध प्रदर्शन और स्थानीय लोगों में गुस्सा पैदा हो गया है, जो अधिक कर लगाने और बिजली दरों में वृद्धि के लिए सरकार से सवाल करते हैं। उनके लिए अपने बिलों का भुगतान करना असंभव है। अमीर कर चोरी करके बच जाते हैं जबकि गरीबों को बिल भुगतान और वसूली के लिए निशाना बनाया जाता है। लेकिन सवाल यही है क्या पाकिस्तान की अंतरिम सरकार में इतनी हिम्मत है कि रसूखदारों पर ज्यादा टैक्स लगा सके। पाकिस्तान की कर वसूलने वाली सरकारी मशीनरी भ्रष्टाचार की जंग से सडग़ल चुकी है। अधिकारी और सत्ता में रहे नेता आकंठ तक भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। ऐसे में इस बात की संभावना क्षीण है कि पाकिस्तान अमीरों पर ज्यादा टैक्स लगाने में दमखम दिखा पाएगा। देखना यही है कि पाकिस्तान अब आईएमएफ की इस सलाह पर कैसे अमल कर पाता है।   

आईएमफ की इस सलाह से पहले पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपने ही देश की सरकार पर निशाना साध चुके हैं। शरीफ ने कहा कि हमारा देश दुनिया से पैसों की भीख मांग रहा है, वहीं पड़ोसी भारत चांद पर पहुंच गया। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने खुद पाकिस्तान की बदहाली की पोल खोल दी है। दाने-दाने को मोहताज पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने लंदन में बैठकर कहा कि पाकिस्तान आज दुनिया के देशों से पैसे की भीख मांग रहा है, जबकि भारत चांद पर पहुंच गया है और जी-20 सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।   

यदि पाकिस्तान की आर्थिक हालात में सुधार नहीं हुआ तो बगावत पर उतारू लोगों को संभालने के लिए पाक सेना सुरसा का मुंह फाड़े खड़ी है। मौजूदा हालत में पिस हर तरह से पाकिस्तान की जनता रही है। पाकिस्तान की यह हालत एक दिन में हुई है। आतंकवाद को प्रोत्सहान देने की नीति के कारण पाकिस्तान खोखला हो चुका है। पाकिस्तान ने खैरख्वाहों ने कभी अपनी तरक्की की तरफ ध्यान नहीं दिया। भारत के प्रति दुश्मनी की प्रबल भावना ने पाकिस्तान की यह हालत हुई है। आश्चर्य की बात तो यह है कि देश के भयावह होते अंदरुनी हालात को सुधारने के लिए जरूरी भारत से दोस्ती का हाथ बढ़ाने के बजाए पाकिस्तान सरकार अभी भी कश्मीर की रट लगाए हुए है। ऐसी हालत में अवाम को उम्मीद की कोई किरण दिखाई नहीं दे रही है। पाकिस्तान की मौजूदा हालत से उन देशों को सीख लेनी चाहिए जो प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर आतंकवाद का समर्थन कर रहे हैं।

(इस लेख में लेखक के अपने विचार हैं।)
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