पिछले साल अगस्त से बायो-बबल में रह रहे खिलाड़ी, अश्विन बोले- ताजा हवा के बिना कमरे में रहना मुश्किल

Ashwin

अश्विन ने मैच के बाद वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘हमें आस्ट्रेलिया में जहां रखा गया, हमें उन हालात से निपटना था। कभी कभार होटल के बंद कमरे में काफी घुटन होती, उसमें आपको ताजा हवा भी नहीं मिलती थी। ’’

अहमदाबाद। स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने शनिवार को कहा कि बायो-बबल में जीवन काफी चुनौतीपूर्ण होता है क्योंकि इसमें रोजमर्रा की जरूरतों के लिये जूझना पड़ता है और आस्ट्रेलिया में कभी कभार भारतीय टीम को ऐसे होटल के कमरों में ठहरना पड़ा जिसमें ताजा हवा भी नहीं आती थी क्योंकि खिड़कियां खुलती ही नहीं थीं। भारतीय टीम के खिलाड़ी पिछले साल अगस्त से बायो-बबल में रह रहे हैं, जब वे संयुक्त अरब अमीरात में 2020 इंडियन प्रीमियर लीग के लिये इकट्ठे हुए थे। इसके बाद आस्ट्रेलिया दौरा हुआ और अब इंग्लैंड का भारत दौरा चल रहा है। 

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अश्विन ने मैच के बाद वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘हमें आस्ट्रेलिया में जहां रखा गया, हमें उन हालात से निपटना था। कभी कभार होटल के बंद कमरे में काफी घुटन होती, उसमें आपको ताजा हवा भी नहीं मिलती थी। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘आस्ट्रेलिया में, ऐसे भी हालात थे जब होटल की खिड़कियों में खुलने के लिये जगह भी नहीं थी। 14 दिन या 20 दिन या 25 दिन खिड़की बिना खुले हुए बंद रहना काफी कठिन हो सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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