भारतीय क्रिकेट को महेंद्र सिंह धोनी ने जिस मुकाम पर पहुंचाया है वो कोई और नहीं कर सकता!! 'माही जैसा कोई नहीं'

धोनी एक नाम नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट की पहचान हैं। ये वो नाम है जिससे लोग न केवल प्यार करते हैं बल्कि लोगों के इमोशंस धोनी से जुड़े हुए हैं। महेंद्र सिंह धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी छोड़ दी है और अपनी जिम्मेदारी रविंद्र जडेजा को सौंप दी है।
मुंबई। धोनी एक नाम नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट की पहचान हैं। ये वो नाम है जिससे लोग न केवल प्यार करते हैं बल्कि लोगों के इमोशंस धोनी से जुड़े हुए हैं। महेंद्र सिंह धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी छोड़ दी है और अपनी जिम्मेदारी रविंद्र जडेजा को सौंप दी है। चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) की 12 सत्र तक अगुवाई करने के बाद आईपीएल 2022 के शुरू होने से दो दिन पहले उन्होंने इस बात की घोषणा करते अपने फैंस का दिल तोड़ दिया है। जैसे ही माही के कप्तानी छोड़ने की खबरे आयी उनका नाम सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा। सब अपने चहेते क्रिकेट से नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। फैंस नहीं चाहते कि माही सीएसके की कप्तानी छोड़े। माही ने भारतीय क्रिकेट में वो कारनामें करके दिखाएं हैं जिसकी किसी ने कभी उम्मीद नहीं की थी। माही ने भारतीय क्रिकेट को विश्व स्तर पर एक अलग पहचान दिलाई हैं।
महेंद्र सिंह धोनी ने छोड़ी सीएस के की कप्तानी
चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) की 12 सत्र तक अगुवाई करने, उसे चार खिताब दिलाने और पांच बार उप विजेता बनाने के बाद दिग्गज महेंद्र सिंह धोनी ने शनिवार से शुरू हो रहे इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से पहले इस फ्रेंचाइजी की कप्तानी अपने विश्वसनीय रविंद्र जडेजा को सौंप दी। सीएसके ने अपने संक्षिप्त बयान में कहा कि 40 वर्षीय धोनी इस सत्र में और आगे भी फ्रेंचाइजी का प्रतिनिधित्व करते रहेंगे।
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सीएसके की पहचान है माही
धोनी 2008 में टूर्नामेंट की शुरुआत से ही सीएसके के कप्तान रहे। इस बीच केवल दो साल उन्होंने सीएसके की अगुवाई नहीं की क्योंकि तब स्पॉट फिक्सिंग मामले के कारण टीम पर दो साल का प्रतिबंध लगा था। सीएसके ने यहां जारी बयान में कहा, ‘‘महेंद्र सिंह धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी किसी अन्य खिलाड़ी को सौंपने का फैसला किया है और उन्होंने टीम का नेतृत्व करने के लिए रविंद्र जडेजा को चुना है। जडेजा 2012 से चेन्नई सुपर किंग्स का अभिन्न अंग रहे हैं और वह सीएसके का नेतृत्व करने वाले केवल तीसरे खिलाड़ी होंगे।’’ फ्रेंचाइजी ने बयान में कहा, ‘‘धोनी इस सत्र में और उसके बाद भी चेन्नई सुपर किंग्स का प्रतिनिधित्व करते रहेंगे।’’ पंद्रह अगस्त 2020 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा करने वाले धोनी की अगुवाई में सीएसके ने पिछले साल अपना चौथा खिताब जीता था। सीएसके को यहां अपने पहले मैच में कोलकाता नाइट राइडर्स का सामना करेगा। सीएसके कप्तानी इससे पहले धोनी के अलावा सुरेश रैना ने की है। जडेजा उसके तीसरे कप्तान होंगे।
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माही हमेशा ऐसा ही क्यों करते है?
विश्व कप विजेता कप्तान धोनी ने चाहे कप्तानी छोड़ने की बात हो या संन्यास लेने की, हमेशा अपने मन की बात सुनी। उन्होंने 2014 में आस्ट्रेलिया में श्रृंखला के बीच में टेस्ट कप्तानी छोड़ने के साथ लंबे प्रारूप से भी संन्यास ले लिया था और जब विराट कोहली सभी प्रारूपों में देश की अगुवाई करने के लिये तैयार हुए तो उन्होंने 2017 में उनके लिये जगह खाली कर दी थी। यह प्रेरणादायी कप्तान हालांकि अनुठी शैली में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी आईपीएल में खेलता रहा और इसलिए उनका सीएसके की कप्तानी जडेजा को सौंपना चौंकाने वाला फैसला नहीं है। धोनी जानते थे कि वह हमेशा टीम की कमान नहीं संभाल सकते हैं और बेहतरीन फॉर्म में चल रहे जडेजा कमान संभालने के लिये तैयार हैं। सीएसके ने जडेजा के अलावा धोनी, मोईन अली और रुतुराज गायकवाड़ को अपनी टीम में ‘रिटेन’ किया था।
सीएसके के सीईओ कासी विश्वनाथन भी माही के फैसले से हैरान
धोनी की घोषणा से सीएसके के सीईओ कासी विश्वनाथन भी हैरान थे लेकिन उन्होंने कहा, ‘‘यदि धोनी ने फैसला किया है तो यह टीम के सर्वश्रेष्ठ हित में होगा।’’ विश्वनाथन ने कहा, ‘‘देखिए धोनी जो भी फैसला लेते हैं वह टीम के हित में होता है। इसलिए हमारे लिए चिंता की कोई बात नहीं है। हम उनके फैसले का सम्मान करते हैं। वह हमेशा हमारा मार्गदर्शन करते रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह हमारे लिए मार्गदर्शक रहे हैं और मार्गदर्शक बने रहेंगे।’’ विश्वनाथन से पूछा गया कि क्या 2022 धोनी का अंतिम सत्र होगा, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह उनका आखिरी सत्र होगा। जब तक वह फिट हैं, हम चाहते हैं कि वह खेलें। मैं ऐसा चाहता हूं। मैं नहीं जानता कि वह क्या सोचते हैं।’’ जडेजा को कप्तान बनाये जाने पर विश्वनाथन ने उम्मीद जताई कि इस ऑलराउंडर की अगुवाई में टीम अच्छा प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘जड्डू (जडेजा) अच्छा करेगा। वह संभवत: अभी अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में हैं। वह निश्चित तौर पर धोनी के मार्गदर्शन में अच्छा प्रदर्शन करेगा। जड्डू 10 साल से हमारे साथ है और वह टीम संस्कृति को अच्छी तरह समझता है।’’ यह कहा जा सकता है कि सीएसके ने जो मुकाम हासिल किया वह करिश्माई धोनी के बिना असंभव था। यहां तक सीएसके के निलंबन के समय 2016 और 2017 में जब वह पुणे सुपरजायंट के साथ थे तब भी उनका दिल चेन्नई के लिये धड़क रहा था।
सीएसके को धोनी ने दिलाए 4 आईपीएल खिलाब
धोनी ने 2016 के सत्र से पहले कहा था, ‘‘मैं झूठ बोलूंगा यदि मैं कहता हूं कि मैं आगे निकल चुका हूं। मैं यह नहीं कह सकता कि मैं एक नयी टीम के लिए खेलने को लेकर बहुत उत्साहित हूं और अगर मैं पिछले आठ साल का प्यार और स्नेह के लिए सीएसके और चेन्नई के लोगों को श्रेय नहीं देता हूं तो यह गलत होगा।’’ सीएसके ने इसके बाद 2018 में वापसी की और धोनी की अगुवाई में उसने तीसरा खिताब जीता। मुंबई इंडियन्स भले ही खिताब के मामले में आईपीएल की सबसे सफल टीम हो लेकिन वह सीएसके की तरह लगातार प्लेऑफ में नहीं पहुंची है। धोनी की अगुवाई में सीएसके ने आईपीएल में 204 मैच खेले जिसमें से उसने रिकार्ड 121 मैचों में जीत दर्ज की।
यह है माही की उपल्धियां-
महेंद्र सिंह धोनी एक महान क्रिकेटर हैं, जो 2007 से 2017 तक सीमित ओवरों के प्रारूप में और 2008 से 2014 तक टेस्ट क्रिकेट में भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के कप्तान थे। वह दाएं हाथ के बल्लेबाज और विकेटकीपर हैं। उन्होंने टीम को तीन आईसीसी खिताब (2007 आईसीसी विश्व टी20, 2011 आईसीसी क्रिकेट विश्व कप और 2013 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी) तक पहुँचाया। उन्होंने अपने करियर में कई पुरस्कार और सम्मान जीते हैं।
भारतीय घरेलू क्रिकेट में वह बिहार और झारखंड क्रिकेट टीम के लिए खेले। वह इंडियन प्रीमियर लीग में चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के कप्तान थे। वह कप्तान थे जब सीएसके ने आईपीएल लीग के 2010, 2011, 2018 और 2021 संस्करण जीते थे। उन्होंने 2022 में कप्तानी से इस्तीफा दे दिया।
धोनी ने 23 दिसंबर 2004 को चटगांव में बांग्लादेश के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया और एक साल बाद श्रीलंका के खिलाफ अपना पहला टेस्ट खेला। 2007 में उन्होंने राहुल द्रविड़ से वनडे कप्तानी संभाली। टेस्ट क्रिकेट में उनकी कप्तानी का रिकॉर्ड मिला-जुला रहा, जिससे भारत को न्यूजीलैंड (2009 में) और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (2010 और 2013 में घरेलू सीरीज) के खिलाफ श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण से हारने के दौरान श्रृंखला जीतने में सफलता मिली।
उन्होंने 30 दिसंबर 2014 को टेस्ट प्रारूप से संन्यास की घोषणा कीऔर 2017 में टी 20 और एकदिवसीय मैचों के कप्तान के रूप में पद छोड़ दिया। 15 अगस्त 2020 को, धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया। उनका आईपीएल में खेलना जारी है।
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