रिटायमेंट के बाद छलका मनोज तिवारी का दर्द, MS Dhoni से पूछ डाले कई सवाल

Manoj tiwary ask ms dhoni
प्रतिरूप फोटो
Social Media
Kusum । Feb 20 2024 3:06PM

मनोज तिवारी ने टीम में रहते हुए शतक लगाया बावजूद इसके उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया था। अब रिटायरमेंट के बाद खिलाड़ी का दर्द छलका है। तिवारी ने हाल ही में रणजी ट्रॉफी में बिहार के खिलाफ अपना आखिरी मुकाबला खेलकर क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया है। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने अपने करियर का सबसे बड़ा अफसोस दुनिया के साथ शेयर किया।

पूर्व भारतीय बल्लेबाज मनोज तिवारी अपने रिटायरमेंट के बाद खासे चर्चा में आ गए हैं। जहां एक ओर उन्होंने बीसीसीआई द्वारा रणजी ट्रॉफी की आलोचना करने के बाद उनपर जुर्माना का दावा किया। वहीं उन्होंने पूर्व कप्तान एमएस धोनी से कई सवाल पूछ डाले हैं। दरअसल, हर क्रिकेटर का सपना होता है कि उसे टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका मिले। जब उसे ये मौका मिल जाता है तो इसे बरकरार रखने के लिए जमकर मेहनत करते हैं। ऐसा ही कुछ मनोज तिवारी ने भी किया, 2008 में भारतीय टीम के लिए उन्होंने डेब्यू किया था। लेकिन वह लंबे समय तक नीली जर्सी में नहीं खेल पाए। 

बता दें कि, मनोज तिवारी ने टीम में रहते हुए शतक लगाया बावजूद इसके उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया था। अब रिटायरमेंट के बाद खिलाड़ी का दर्द छलका है। तिवारी ने हाल ही में रणजी ट्रॉफी में बिहार के खिलाफ अपना आखिरी मुकाबला खेलकर क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया है। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने अपने करियर का सबसे बड़ा अफसोस दुनिया के साथ शेयर किया। इस दौरान उन्होंने पूर्व कप्तान एमएस धोनी के साथ रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों को भी लपेटे में लिया। 

मीडिया ने तिवारी से उनके अंतर्राष्ट्रीय करियर के दौरान पछतावे के बारे में पूछा। 12 वनडे मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले दाएं हाथ के बल्लेबाज ने एक भावनात्मक बयान में खुलासा किया कि वह एमएस धोनी से पूछना चाहेंगे कि शतक बनाने के बावजूद उन्हें भारतीय टीम से क्यों बाहर कर दिया गया। तिवारी ने चेन्नई में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी 104* रन की पारी का जिक्र किया, जहां उन्होंने भारतीय टीम को जीत दिलाई थी। इस पारी में उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच भी मिला था। 

वहीं मनोज ने न्यूज 18 से बात करते हुए कहा कि, जब भी मौका मिले मैं उनसे सुनना चाहता हूं। मैं एमएस धोनी से पूछना चाहता हूं कि शतक बनाने के बाद मुझे टीम से बाहर क्यों कर दिया गया, खासकर ऑस्ट्रेलिया के उस दौरे पर जहां कोई भी रन नहीं बना रहा था, न ही विराट कोहली, रोहित शर्मा या सुरेश रैना। अब मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं है। 

इसके अलावा फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 10 हजार से ज्यादा रन बनाने के बावजूद भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट ना खेलना मनोज तिवारी के सबसे बड़े अफसोस में से एक है। 

तिवारी ने आगे कहा कि, मुझे भारत के लिए टेस्ट कैप नहीं मिली। जब मैंने 65 फर्स्ट क्लास मैच खेले थे, तब मेरी बैटिंग औसत 65 के आसपास थी। तब ऑस्ट्रेलिया टीम ने भारत का दौरा किया था, और मैंने एक फ्रेंडली मैच में 130 रन बनाए थे। फिर मैंने इंग्लैंड के खिलाफ एक फ्रेंडली मैच में 93 रन बनाए। मैं बहुत करीब था, लेकिन उन्होंने मेरी बजाय युवराज सिंह को चुना। इसलिए टेस्ट कैप नहीं मिलना और शतक बनाने के बाद मुझे 14 मैचों के लिए बाहर कर देना, जब आत्मविश्वास अपने चरम पर होता है और कोई उसे नष्ट कर देता है, तो ये उस खिलाड़ी को मार देता है। 

All the updates here:

अन्य न्यूज़