Jasprit Bumrah के 'वर्कलोड मैनेजमेंट' पर भड़के दिग्गज, फिजियो कप्तान और कोच को लेकर पूछा ये सवाल

jasprit Bumrah
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Kusum । Aug 12 2025 3:11PM

संदीप पाटिल ने मिड-डे से बातचीत में कहा कि, मैं हैरान हूं कि बीसीसीआई इस पर राजी क्यों हो रहा? क्या कप्तान और मुख्य कोच से भी ज्यादा अहम फीजियो हो गया है? क्या अब हमें यह उम्मीद करनी होगी कि चयन समिति की बैठक में अब फीजियो बैठेगा? क्या वह फैसला करेगा?

इन दिनों टीम इंडिया का वर्कलोड मैनेजमेंट काफी चर्चा में है। पूर्व दिग्गज लगातार इस मामले की कड़ी आलोचना कर चुके हैं। इस कड़ी में सुनील गावस्कर का नाम भी आता है जिनका मानना है कि इसे भारतीय क्रिकेट की डिक्शनरी से ही मिटा देना चाहिए। हालांकि, उन्होंने साफ किया था कि वे ये बात जसप्रीत बुमराह के संदर्भ में नहीं कर रहे हैं क्योंकि भारतीय स्टार वर्कलोड नहीं, इंजरी के कारण से इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी टेस्ट मैच से हटे थे। अब एक और दिग्गज ने वर्कलोड मैनेजमेंट पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे तो ड्रामा तक करार दे दिया है। 

जसप्रीत बुमराह की बात करें तो वह इंग्लैंड के खिलाफ 5 में से सिर्फ 3 टेस्ट ही खेले। इरफान पठान जैसे कुछ पूर्व क्रिकेटरों ने अहम मुकाबलों में उनके नहीं खेलने पर सवाल उठा चुके हैं। अब पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक बुमराह एशिया कप टी20 टूर्नामेंट तो खेल सकते हैं लेकिन अक्तूबर में वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट में उन्हें आराम दिया जा सकता है। भारत का ये स्टार पेसर चोट और वर्कलोड की वजह से कई अहम मौकों पर टीम के लिए उपलब्ध नहीं रहे। वह चैंपियंस ट्रॉफी में नहीं खेले थे। 

बीसीसीआई के पूर्व मुख्य चयनकर्ता संदीप पाटिल ने मिड-डे से बातचीत में कहा कि, मैं हैरान हूं कि बीसीसीआई इस पर राजी क्यों हो रहा? क्या कप्तान और मुख्य कोच से भी ज्यादा अहम फीजियो हो गया है? क्या अब हमें यह उम्मीद करनी होगी कि चयन समिति की बैठक में अब फीजियो बैठेगा? क्या वह फैसला करेगा?

गावस्कर की तरह पाटिल ने भी बहुत ही सख्त लहजे में कहा कि, जब आप अपने देश के लिए चुने जाते हैं तब आपको देश के लिए जी-जान लगाना पड़ता है। आप एक योद्धा हैं। मैंने सुनील गावस्कर को एक मैच के सभी पांचों दिन बल्लेबाज करते देखा है। मैंने कपिल देव को टेस्ट के ज्यादातर दिन गेंदबाजी करते और उसके बाद नेट में हमें भी गेंद फेंकते देखा है। उन्होंने तो कभी ब्रेक नहीं मांगा। कभी शिकायत नहीं की और उनका करियर 16 साल से ज्यादा चला। मैंने खुद 1981 में ऑस्ट्रेलिया में सिर पर चोट लगने के बाद अगला टेस्ट नहीं छोड़ा था। 

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