भारत को चैंपियन बनाने वाले कोच का दावा, जब मैं टीम से जुड़ा तब नाखुश थे तेंदुलकर, डरी हुई थी Team

gary dhoni
twitter@ Gary_Kirsten
अंकित सिंह । Feb 14 2023 3:53PM

अपने अनुभव को साझा करते हुए गैरी कर्स्टन ने यह भी कहा कि वह ऐसे समय में टीम इंडिया के साथ जुड़े थे जब ग्रेट चैपल वाला एपिसोड हुआ था। टीम में निराशा की भावना थी। कई दिग्गज खिलाड़ी उदास थे। 2007 के विश्व कप में टीम इंडिया का बुरा हाल हुआ था।

भारत ने 2011 में विश्व कप जीता था। उसके बाद से अब तक भारत का इंतजार जारी है। तब टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी थे। जबकि दक्षिण अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज गैरी कर्स्टन टीम इंडिया के कोच थे। लगभग 12 सालों के बाद भारत को विश्व विजेता बनाने वाले कोच ने टीम इंडिया के साथ अपने अनुभव को साझा किया है। वह गैरी कर्स्टन ही थे जिनके नेतृत्व में भारत वनडे और टेस्ट में नंबर वन टीम बना था। एक पॉडकास्ट में गैरी कर्स्टन ने कहा कि जब वह 2007 में टीम इंडिया के कोच बने थे, उस समय ड्रेसिंग रूम का माहौल काफी अच्छा नहीं था। सचिन तेंदुलकर भी नाखुश थे। हालांकि, तब सचिन ने उनका साथ दिया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी संभालने के बाद धीरे-धीरे बदलाव की शुरुआत हुई। 

इसे भी पढ़ें: England के खिलाफ टेस्ट से पहले न्यूजीलैंड को झटका, जैमीसन और हेनरी बाहर

अपने अनुभव को साझा करते हुए गैरी कर्स्टन ने यह भी कहा कि वह ऐसे समय में टीम इंडिया के साथ जुड़े थे जब ग्रेट चैपल वाला एपिसोड हुआ था। टीम में निराशा की भावना थी। कई दिग्गज खिलाड़ी उदास थे। 2007 के विश्व कप में टीम इंडिया का बुरा हाल हुआ था। उस वक्त टीम में डर का माहौल था। कोई भी खुश नहीं था। सचिन तेंदुलकर रिटायरमेंट लेने की सोच रहे थे। इसके बाद गैरी कर्स्टन ने बताया कि मैंने उनसे बात करना जरूरी समझा और इस बात का एहसास कराया कि आपकी टीम को काफी जरूरत है। गुरु गैरी के नाम से मशहूर कोच ने कहा कि मुझे भारत को चैंपियन बनाना था। मैंने इस पर काम करना शुरू कर दिया। मेरे लिए कोच के तौर पर पहली प्राथमिकता यह थी कि टीम को बढ़िया नेतृत्व मिले। 

इसे भी पढ़ें: England के खिलाफ टेस्ट से पहले न्यूजीलैंड को झटका, जैमीसन और हेनरी बाहर

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि मेरे लिए यह भी जरूरी था कि मैं हर खिलाड़ी को व्यक्तिगत रूप से जानू और समझू कि वे क्या सोचते हैं और भी खेल का मजा कैसे ले सकते हैं। गैरी कर्स्टन ने इस बात को स्वीकार किया कि धोनी के कप्तान बनने के बाद टीम इंडिया में कई बड़े बदलाव हुए। उस वक्त भारत में सुपरस्टार कल्चर हावी था। कई बार खिलाड़ी है भूल जाते थे कि उनका काम टीम के लिए प्रदर्शन करना है ना कि पर्सनल उपलब्धि हासिल करना और यही बातें थी जो धोनी को बाकी खिलाड़ियों से अलग करती थी। धोनी एक लीडर के तौर पर उभरे। उनका फोकस टीम के प्रदर्शन पर रहा और यही कारण था कि वह कई ट्रॉफी को जीतने में कामयाब रहे। वह काफी खुलकर बोलते थे। दूसरे खिलाड़ियों को वह कंफर्ट जोन में लाते थे। यही कारण था कि तेंदुलकर जैसे खिलाड़ी ने भी अपने खेल का मजा लेना शुरू किया। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़