Asim Munir ने America यात्रा के दौरान पाकिस्तानी राजनीति में जो रायता बिखेरा है, उसे साफ करने में जुटे हैं Shehbaz Sharif

Asim Munir
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पाकिस्तान में यह साफ दिख रहा है कि सेना लोकतंत्र और विदेश नीति पर पूरा नियंत्रण चाहती है। मुनीर का अमेरिका दौरा पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति में एक ज्वलंत मुद्दा बन चुका है और यह स्पष्ट संकेत दे रहा है कि सेना और सरकार के बीच कोई सामंजस्य नहीं है।

पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष फील्ड मार्शल असीम मुनीर अमेरिका में मौज मस्ती करके जबसे पाकिस्तान लौटे हैं तबसे देश की सियासत गर्माई हुई है। हम आपको बता दें कि जब मुनीर अमेरिका के दौरे पर थे तब वहां रह रहे पाकिस्तानी अमेरिकियों ने पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष के दौरे को 'ग्लोबल शर्मिंदगी' करार दिया था। यही नहीं, टाइम्स स्क्वेयर पर “Loser Asim Munir” जैसे बोर्ड लगने से पाकिस्तानी सेना के लिए शर्मसार कर देने वाली स्थिति बन गयी थी जिसको देखते हुए कई सेना अधिकारी भी मुनीर से नाराज बताये जा रहे हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने मुनीर को जो महत्व दिया उसको देखते हुए पाकिस्तान सरकार के कई मंत्री और सत्तारुढ़ गठबंधन के कई सांसद भी नाराज नजर आ रहे हैं। पाकिस्तानी जनता भी कह रही है कि सरकार के कमजोर रुख के कारण ही दुनिया को बार-बार यह संदेश जाता है कि हमारा लोकतंत्र सिर्फ दिखावा है और सत्ता सिर्फ सेना ही चलाती है। पाकिस्तान में सेना द्वारा पारंपरिक भूमिका से आगे बढ़कर व्यापक कूटनीतिक हस्तक्षेप करने की वजह से सत्तारुढ़ गठबंधन में दरार की चर्चाएं भी बढ़ रही हैं। पाकिस्तान में यह साफ दिख रहा है कि सेना लोकतंत्र और विदेश नीति पर पूरा नियंत्रण चाहती है। मुनीर का अमेरिका दौरा पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति में एक ज्वलंत मुद्दा बन चुका है और यह स्पष्ट संकेत दे रहा है कि सेना और सरकार के बीच कोई सामंजस्य नहीं है। मुनीर अपने अमेरिका दौरे के दौरान जो रायता बिखेर कर आये हैं उसे साफ करने में इस समय पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ लगे हुए हैं।

हम आपको बता दें कि मुनीर पर आरोप लग रहा है कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ईरान के परमाणु ठिकानों की लोकेशन बता कर आये साथ ही यह वादा भी कर आये कि ईरान पर हमलों के दौरान यदि अमेरिका को जरूरत पड़ी तो पाकिस्तान अपने एअरबेस अमेरिकी वायुसेना को मुहैया कराने के लिए तैयार है। जबसे यह बात ईरान को पता चली है तबसे वह इस्लामाबाद से नाराज नजर आ रहा है। यही नहीं, मुनीर की हरकतों को लेकर तमाम इस्लामिक देश भी पाकिस्तान से नाराज नजर आ रहे हैं। इसीलिए हालात को संभालने के लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को मैदान में उतरना पड़ा है। 

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अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सभी मंचों पर ईरान का समर्थन करने की प्रतिबद्धता जताते हुए सऊदी अरब तथा कतर के राजनयिकों के साथ पश्चिम एशिया में तेजी से बदल रहे हालात पर चर्चा की है। पाकिस्तान के आधिकारिक बयान के अनुसार, ईरानी नेता मसूद पेजेशकियान के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान पश्चिम एशिया में तेजी से बदल रहे हालात पर करीबी नजर रख रहा है। उन्होंने बातचीत और कूटनीति के जरिए शांति बहाल करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) सहित सभी राजनयिक मंचों पर ईरान के लिए पाकिस्तान के समर्थन को दोहराया, साथ ही सभी पक्षों से अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर सिद्धांतों का पालन करने का आह्वान किया।

बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति पेजेशकियान ने टेलीफोन पर बातचीत करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और संकट के दौरान ईरान को पाकिस्तान से लगातार मिल रहे सैद्धांतिक समर्थन की सराहना की। उन्होंने संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देने में पाकिस्तान की रचनात्मक भूमिका को भी स्वीकार किया। हम आपको बता दें कि हाल के संघर्ष के दौरान यह दूसरी बार था जब दोनों नेताओं ने बात की। राष्ट्रपति पेजेशकियान के साथ 14 जून को टेलीफोन पर बातचीत में शहबाज शरीफ ने ईरान के खिलाफ इजराइल के हमलों की कड़ी निंदा की थी, जो उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करने के साथ संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के पूरी तरह से उल्लंघन को दर्शाते हैं। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने यह भी कहा कि ईरान को आत्मरक्षा का अधिकार है, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत प्रदान किया गया है।

इससे पहले शहबाज शरीफ ने ‘सऊदी अरब के भाईचारे वाले लोगों’ के साथ पाकिस्तान की अटूट एकजुटता की पुष्टि की और एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि उन्होंने सऊदी राजनयिक नवाफ बिन सईद अल मलकी से मुलाकात की और पश्चिम एशिया में तेजी से बदल रहे हालात पर चर्चा की। प्रधानमंत्री शहबाज ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘पाकिस्तान बातचीत और कूटनीति के माध्यम से क्षेत्र में शांति के लिए सऊदी अरब के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा।’’ प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अन्य पोस्ट में कहा कि उन्होंने कतर के राजदूत अली मुबारक अली एसा अल-खतर से भी मुलाकात की और इस दौरान उन्होंने पिछली रात अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हमले के बाद कतर के अमीर और लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान ने हमेशा पश्चिम एशिया में स्थायी शांति के एकमात्र उपाय के रूप में बातचीत और कूटनीति की वकालत की है।’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कतर के लोगों तथा पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है।

बहरहाल, शहबाज शरीफ हालात को काबू में करने का कितना ही प्रयास कर लें लेकिन अब चूंकि मुनीर के सर पर ट्रंप का हाथ है, इसलिए निश्चित रूप से वह जल्द ही फिर कुछ ऐसा करेंगे जोकि पाकिस्तान सरकार के लिए झटके वाला होगा।

(इस लेख में लेखक के अपने विचार हैं।)
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