दुल्हन खरीद की मंडी बना राजस्थान का शेखावाटी क्षेत्र

शेखावाटी में यह कारोबार करोड़ों रुपए सालाना का है। मोटे अनुमान के मुताबिक अकेले झुंझुनू जिले में ही पांच हजार से ज्यादा ऐसी आयातित बहुएं होंगी। इनमें से कई युवतियों ने तो अपने आपको शेखावाटी के वातावरण में ढालकर अपना घर बसा लिया।
दूसरे राज्यों से युवतियों की खरीद फरोख्त के धंधे और कन्या भ्रूण हत्याओं के कारण राजस्थान के शेखावाटी में गड़बड़ाते लिंगानुपात की तरफ देश के लोगों का ध्यान आकर्षित हुआ है। शेखावाटी के झुंझुनू, सीकर व चूरू जिले में कई गांव हैं, जहां महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, बंगाल, उड़ीसा, बिहार व उत्तर प्रदेश के कई गरीब इलाकों से एक से दो-तीन लाख रुपए तक में दलालों के जरिए युवतियां खरीद कर लाई गईं और यहां कुंआरों को ब्याह दी गईं। इन राज्यों के गरीब इलाकों की युवतियों को या तो हसीन सपने दिखाकर या बहला-फुसला कर देह व्यापार के धंधे में धकेल दिया जाता है। कुछ समय बाद उसे जरूरतमंद परिवारों के घर बहू बनाकर भेज दिया जाता है। इसके लिए लड़के वाले के परिवारों से दलाल अच्छी-खासी रकम हासिल करते हैं। कई बार अत्यधिक गरीबी के कारण बहुत से परिवार वाले अपनी युवतियों को इन दलालों के हाथों में बेच देते हैं।
बेटियों के प्रति उदासीनता का नतीजा अब सामने आ रहा है। हरियाणा से सटे इलाके में महिला-पुरुष का अनुपात बिगड़ चुका है। लड़कियों की कमी के चलते युवाओं को दुल्हन मिलनी मुश्किल हो गई। इसी मजबूरी के चलते शादी कराने वाले गिरोह तैयार हो गए। अन्य प्रदेश की लड़कियों से शादी कराकर ठग मोटी रकम ऐंठ लेते हैं। गिरोह का पूरा नेटवर्क है। गिरोह उन परिवारों को निशाना बनाता है जिनमें उम्रदराज कुंवारे लड़के हैं। गिरोह के लोग किसी मंदिर या होटल में लड़की दिखाते हैं। लड़के पक्ष की सहमति मिलने पर लड़की की दयनीय स्थिति बताते हुए रुपए की मांग करते हैं। मोटी रकम लेकर शादी करा देते हैं। हालांकि कुछ की गृहस्थी चल भी जाती है लेकिन अधिकांश दुल्हनें नकदी व जेवरात समेत भाग निकलती हैं।
झुंझुनू जिले के पचेरी कलां गांव में आई एक दुल्हन शादी की पहली रात ही नकदी और जेवरात लेकर भाग गई थी। पचेरी कलां के गणपत पुत्र सुड़ासिंह राजपूत ने लड़के बहादुर व अशोक की शादी के लिए बिचौलिये अलवर के भंवरसिंह, राजगढ़ के गजेंद्र को साढ़े तीन लाख रुपए दिए गये। इसके बाद राजगढ़ के एक होटल में शादी कराई। घर लौटे तो दुल्हनें भी बदली हुई थीं। रात को एक दुल्हन गहने व रुपए लेकर फरार हो गई। पुलिस ने उसे अलवर के बस स्टैंड से गिरफ्तार कर पूछताछ की। उसने अपना नाम प्रीति व झालावाड़ के नजदीक के गांव की रहने वाली बताया।
कुहाड़वास के चंद्रभान ने हरियाणा के चांदवास के कुलदीप से संपर्क कर बेटे ओमप्रकाश की शादी के लिए चर्चा की। उसने दिल्ली की मंगोलपुरी की महिला एजेंट पायल से संपर्क कराकर 70 हजार रुपए में सौदा तय किया। इसके बाद अनु से कोर्ट में शादी करा दी। ससुराल पहुंची दुल्हन ने रात को खाने में नशीला पदार्थ मिला दिया। पति ओमप्रकाश, ससुर चंद्रप्रकाश, सास भरपाई देवी के बेहोश होने पर शादी के जेवरात व घर में रखी नगदी लेकर रफू-चक्कर हो गई।
राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र में रुपए लेकर कुंवारे लड़कों की शादी करवाने वाले कई बड़े गिरोह सक्रिय हैं। मुकुंदगढ़ थाना क्षेत्र के गांव डूंडलोद में एक नाबालिग बालिका को बहला फुसलाकर भगाने व बंधक बनाकर डेढ़ लाख रूपए में बेचने के आरोपित व खरीदार को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किरने की घटना ने एक बार फिर मानव तस्करी की और ध्यान खींचा है। जिले के डूंडलोद निवासी सलीम ने खरीद फरोख्त करने की नीयत से अपने घर में एक लड़की को बंधक बना रखा है। इस पर मानव तस्करी निरोधक सेल द्वारा डूंडलोद स्थित सलीम के मकान पर दबिश दी गई। पुलिस ने सलीम के घर में बने एक कमरे में बंधक बनाकर रखी महाराष्ट्र के अमरावती के लक्ष्मी नगर निवासी 14 वर्षीय बालिका को बरामद कर आरोपित सलीम को गिरफ्तार कर लिया। फिर पुलिस ने डेढ़ लाख रूपए में बालिका को खरीद कर शादी करने के आरोप में सीकर के सुरेश को गिरफ्तार किया। मासूम पीड़िता ने पुलिस को बताया कि आरोपित सलीम उसे अमरावती से उसकी बहन से मिलाने की बात कहकर बहला फुसलाकर यहां लाया था।
शेखावाटी में यह कारोबार करोड़ों रुपए सालाना का है। मोटे अनुमान के मुताबिक अकेले झुंझुनू जिले में ही पांच हजार से ज्यादा ऐसी आयातित बहुएं होंगी। इनमें से कई युवतियों ने तो अपने आपको शेखावाटी के वातावरण में ढालकर अपना घर बसा लिया और बहुत से मामलों में ये घरों से जेवर-रूपये लेकर कुछ दिनों बाद ही फरार हो गईं। इस क्षेत्र में बहुओं को खरीद कर लाने का चलन सालों पुराना है। पहले इस क्षेत्र के लोग गुजरात की कपड़ा मिलों में काम करने जाते थे और अविवाहित युवक वहीं से बहू खरीद लाते थे। क्षेत्र में खरीदकर लाई गई बहुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसका फायदा उठाते हुए शादी करवाने वाले दलालों की संख्या भी क्षेत्र में बढ़ गई है। ये दलाल हरियाणा के सीमावर्ती गांवों में काफी सक्रिय हैं।
झुंझुनू जिले में ज्यो-ज्यों शिक्षा का ग्राफ बढ़ रहा है, ठीक उसी रफ्तार से बेटियों की संख्या कम होती जा रही है। बेटियों की घटती संख्या का ही नतीजा है कि यहां के लाडलों के लिए दुल्हन मिलना मुश्किल हो गया है। दुल्हन नहीं मिलने के कारण युवकों के परिजन रूपए देकर दलालों के माध्यम से दूसरे राज्यों से दुल्हन खरीदकर ला रहे हैं। दुल्हन लाने वाले दलालों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है।
झुंझुनू जिला महिला शिक्षा में अव्वल हैं, इसलएि कम पढ़े लिखे तथा बिना नौकरी वाले लड़कों को लड़कियां नहीं मिलती हैं। गड़बडाते लिंगानुपात, लड़कियां लड़कों की बजाए ज्यादा पढ़ी लिखी और सरकारी नौकरी में होने के कारण झुंझुनूं के लड़कों को दुल्हन मिलना मुश्किल हो गया है। यह वजह है कि महाराष्ट्र, बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, बंगाल आदि इलकों से दुल्हनें खरीदकर लाई जा रही हैं। कुछ परिवार इन बाहर से लाई गई लड़कियों से धोखाधड़ी के शिकार भी हुए हैं। ऐसा तब ही होता है, जब लड़की को किसी दलाल के माध्यम से लाया गया हो। यहां पर कई दलाल सक्रिय हैं, जो रुपए लेकर बाहर की लड़कियों की शादी करवाते हैं। ऐसी दुल्हनें घर से सामान समेट कर फरार हो जाती है। ऐसी लड़कियां पहले से कई शादी कर चुकी होती हैं। जिले में ऐसे कई मामले सामने आए हैं।
रुपए लेकर लड़कों की शादी करवाने वाले दलाल गांवों में लड़कों की तलाश करते हैं। लड़के वालों को कई झांसे दिए जाते हैं। लड़की की जो कीमत लगती है उसमें दलालों का भी कमीशन होता है। भड़ौंदा गांव के लोगों के अनुसार मुन्नी और हरपालसिंह के मामले में दलाल की भूमिका निभाने वाले उसी गांव के अमरसिंह ने शेखावाटी क्षेत्र में 30-35 ऐसे रिश्ते करवाए हैं। इनमें रुपए देकर लड़कियां बाहर से लाई गईं और फिर यहां के लड़कों से उनकी शादी की गई। राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र में रुपए लेकर लड़कों की शादी करवाने वाले कई बड़े गिरोह सक्रिय हैं। इस बात का खुलासा मुन्नी की ओर दिल्ली पुलिस को दिए बयानों से यह हुआ है। चर्चा में आए मुन्नी खातून तथा भड़ौंदा के हरपालसिंह के मामले ने पुलिस के सामने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस इन मामलों को मानव तस्करी मानती है या आपसी समझौता यह तो अलग बात है। मगर इस मामले के खुलासे ने सेक्स ट्रेड, महिलाओं और बच्चों की बिक्री के अंतर्राज्यीय गिरोह का एक साथ खुलासा कर दिया है। यह मामला तो बेबी फलक के कारण सामने आ गया।
ऐसे कई मामले हैं जिनमें नहीं चाहते हुए भी खरीद कर लाई गई लड़कियां गांवों में रहने को मजबूर हैं। इसी तरह से खुड़ाना के मुकेश ने भी दलाल के मार्फत लड़की को खरीदकर ही शादी की थी। खुड़ाना के मुकेश व सुनिता की शादी रोहतक में हुई थी। सुनिता व मुकेश की शादी भी इसी गिरोह ने करवाई थी। जांच में पता चला है कि गिरोह के सदस्यों ने मुकेश के परिजनों को भी लड़की को अविवाहित बताया था। अब सामने आया है कि सुनिता पहले से विवाहित है और उसके भी एक बच्चा है। यह तो एक बानगी है।
शेखावाटी क्षेत्र के झुंझुनू, सीकर तथा चूरू जिलो के करीबन तीन सौ से अधिक गांवों में ऐसे कई मामले हैं। जिनमें खरीदकर लाई गई लड़कियां बहू बनकर रह रही हैं। दिल्ली और हरियाणा से सटे राजस्थान के क्षेत्रों में महिलाओं की तस्करी होती है, इस क्षेत्र में महिलाओं की खरीद-फरोख्त के काम में कुछ गिरोह सक्रिय हैं। क्षेत्र में तो कई बंगलादेशी लड़कियां भी हिन्दु नामों से यहां के लड़कों से शादी कर रह रही हैं। मगर स्थानीय पुलिस के पास इस बात का कोई रिकार्ड नहीं है कि जिले में अन्य प्रान्तों से कितनी लड़कियां दुल्हन बनकर गांवों में लायी गयी हैं। उनमें से कोई विदेशी तो नहीं हैं। क्षेत्र में इस धन्धे में सैकड़ों गिरोह सक्रिय हैं। गिरोह संचालकों द्वारा एक से लेकर पांच लाख रूपये तक में सौदा किया जाता है जिसमें से पच्चीस से तीस प्रतिशत राशि दलाल लेता है शेष राशि दुल्हन के घर वालों को दी जाती है।
- रमेश सर्राफ धमोरा
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