आखिर क्यों चेन्नई हो रही है फेल, कैसे वापसी करेगी धोनी की सेना !

mahendra singh dhoni

आईपीएल 2020 में अभी तक चेन्नई सुपर किंग्स के लिए बल्लेबाजी सबसे कमजोर कड़ी बनी हुई है। इस टीम को अभी तक अपने बैटिंग आर्डर का सेटअप नहीं पता लगा है। टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने आरसीबी के खिलाफ हार के बाद अपने बल्लेबाजी लाइनअप पर सवाल खड़े किए थे।

चेन्नई सुपर किंग्स आईपीएल इतिहास की सबसे शानदार टीमों से एक है। यह टीम अब तक आईपीएल में तीन बार खिताब जीत चुकी है। हर बार टीम ने प्लेऑफ का सफर बड़े आसानी से तय किया है। टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी है जिनका वर्ल्ड क्रिकेट में कप्तानी के मामले में अलग ही रूतबा है। लेकिन आईपीएल 2020 में चेन्नई सुपर किंग्स जीत के लिए संघर्ष कर रही है। टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का जादू गुम सा हो गया है। टीम के बल्लेबाजी में दमखम नजर नहीं आ रहा है। यह टीम अभी तक टूर्नामेंट में सिर्फ 2 मुकाबले ही जीत सकी है। हालात अब यहां तक आ गए है कि आने वाले मुकाबलों में एक दो मैच भी चेन्नई हार गई तो उनका प्लेऑफ में पहुंचना नामुमकिन हो जाएगा। अभी चेन्नई सुपर किंग्स ने आईपीएल में 7 मैच खेले है जिसमें उनके नाम 2 जीत और 5 हार दर्ज है। ऐसे में अगर चेन्नई को प्लेऑफ में पहुंचना है आगामी 7 मैचों में से 6 में जीत दर्ज करनी होगी। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि क्या चेन्नई सुपरकिंग्स अब पुरानी वाली टीम नहीं रही जो किसी भी हालात से जीत निकालना जानती थी। अब क्या चेन्नई में वो दमखम नहीं रहा जो इस टीम को चैंपियन बनाने में सबसे बड़ा किरदार निभाता था। क्या अब भी महेंद्र सिंह धोनी की टीम टूर्नामेंट में वापसी करने का माद्धा रखती है और अगर ऐसा करना है तो टीम को किन विभागों में सुधार करना पड़ेगा।

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क्या बल्लेबाजी है चेन्नई सुपर किंग्स की कमजोर कड़ी !

आईपीएल 2020 में अभी तक चेन्नई सुपर किंग्स के लिए बल्लेबाजी सबसे कमजोर कड़ी बनी हुई है। इस टीम को अभी तक अपने बैटिंग आर्डर का सेटअप नहीं पता लगा है। टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने आरसीबी के खिलाफ हार के बाद अपने बल्लेबाजी लाइनअप पर सवाल खड़े किए थे। धोनी ने कहा था कि “बैंगलौर के खिलाफ मुझे लगता है कि आखिरी के चार ओवर जब हम गेंदबाजी कर रहे थे, तो सबकुछ रणनीति के मुताबिक नहीं हुआ, उसके पहले गेंदबाजों ने अच्छा काम किया था, हमें पारी को अच्छे से खत्म करना चाहिए था। बल्लेबाजी हमारे लिए चिंता का सबब बना हुआ है और इस मैच में भी वह साफ तौर पर नजर आया। हमें इसके बारे में कुछ करना होगा, हम पर ऐसे ही बोलते नहीं रह सकते। यह लगातार हो रहा है, हो सकता है हर बार अलग खिलाड़ी हो, लेकिन हमें इसके उलट खेलना होगा, आप बड़ा शॉट खेलें, भले आउट हो जाएं। हम 15-16 ओवर के बाद इतने रन नहीं छोड़ सकते, जिससे लोअर ऑर्डर के बल्लेबाजों पर इतना दबाव पड़े।”

जाहिर है धोनी ने अपने बल्लेबाजों पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि मैच में टॉप आर्डर तेजी से रन नहीं बनाता है। ऐसे में लोअर ऑर्डर के बल्लेबाजों पर दबाव ज्यादा आता है। लेकिन अगर धोनी खुद से सवाल करें कि ऐसा क्यों हो रहा है। इसका सीधा उदाहरण टॉप आर्डर के अनुभवी बल्लेबाजों का फार्म में ना होना बताता है। चेन्नई की टीम अपने ओपनिंग बल्लेबाज शेन वॉटसन और फॉफ ड्यू प्लेसिस के कंधों पर निर्भर हो गई है। पंजाब के खिलाफ भले ही दोनों ने अकेले मैच जिता दिया हो लेकिन जरूर नहीं आने वाले सभी मैचों में यह टीम ऐसे ही जीत जाएं। मिडिल आर्डर में अंबाति रायडू और महेंद्र सिंह धोनी टच में दिखाई नहीं दे रहे है। फार्म में ना होना और बड़े शॉट्स लगाने में असफल रहना टीम पर अतिरिक्त दबाव डाल देता है। इसके साथ अगर बैंगलौर के खिलाफ मैच में चेन्नई की बल्लेबाजी देखें तो एक तरफ युवा बल्लेबाज एन जगदीशन अपने पहले मैच में संभलकर बल्लेबाजी करते दिखाई दे रहे थे उस समय अनुभवी बल्लेबाज अंबाति रायडू ने अपने धीमी बल्लेबाजी से जगदीशन पर अलग तरह का दबाव बना दिया। चेन्नई के साथ ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इस साल अभी तक खेले गए 7 मैचों में हर बार चेन्नई के मिडिल आर्डर ने धीमी बल्लेबाजी की है इसके साथ ही कई डॉट्स गेंदें भी खेली है जो हार का सबसे बड़ा कारण बनी। अगर चेन्नई को आने वाले मैचों में जीत हासिल करनी है तो उन्हें मिडिल आर्डर में लगातार स्ट्रॉइक रोटेट करनी होगी।

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क्यों रवींद्र जडेजा को सैम करन से ऊपर बल्लेबाजी नहीं करने दिया जा रहा है ?

चेन्नई सुपर किंग्स की अगर मौजूदा बल्लेबाजी लाइनअप पर नजर डाली जाएं तो फॉफ ड्यू प्लेसिस के बाद अगर कोई बल्लेबाज फार्म में नजर आ रहा है तो वो रवींद्र जडेजा है। जडेजा ने अभी तक एक अर्धशतक के साथ कुछ उपयोगी पारी खेली है। लेकिन वो जब बल्लेबाजी करने आते है तो उनपर ज्यादा रनरेट की वजह से अतिरिक्त दबाव आ जाता है। अगर धोनी की कप्तानी को देखा जाएं तो वो मैच में सैम करन को ऊपर बल्लेबाजी करने के लिए भेज रहे है। सैम करन भले ही आकर एक दो बड़े शाट्स लगा दें लेकिन वो मैच फिनिश करने में नाकाम दिख रहे है। ऐसे में धोनी को जडेजा को खुलकर अवसर देने होंगे। जडेजा मैच में नंबर 4 पर बल्लेबाजी कर सकते है। जहां उन्हें आकर सेट होने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही जब जडेजा सेट हो जाएंगे तो वह बड़े शाट्रस लगा सकते है। 2019 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल मैच में जडेजा की बल्लेबाजी देखने वाले समझ सकते है कि अगर जिम्मेदारी मिलें तो जडेजा भी बल्ले से मैच फिनिश कर सकते है।

धोनी को बल्ले से कमाल दिखाना होगा !

महेंद्र सिंह धोनी ने चेन्नई के लिए अभी तक इस टूर्नामेंट में कोई बड़ी पारी नहीं खेली है। उनका बल्लेबाजी आर्डर भी उथल पुथल रहा है। ऐसे में धोनी को अब नंबर 4 पर आकर टीम की नैय्या पार करानी होगी। इसके साथ ही धोनी को अपने पुराने रंग में लौटना होगा जहां वो सेट होने के बाद बड़े शाट्स लगाकर मैच फिनिश करते थे। अगर धोनी यह सब करने में कामयाब होते है तो चेन्नई की किस्मत 2020 में पलट जाएगी और इस हालात के बाद भी चेन्नई बाकी बचे मुकाबले जीतकर प्लेऑफ का सफर तय कर सकती है। अगर धोनी की बल्लेबाजी आने वाले समय में भी फ्लॉप रही तो चेन्नई के लिए वापसी मुश्किल हो जाएगी।

- दीपक कुमार मिश्रा

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