क्यों पंत से पहले साहा को क्यों दी जा रही है तरजीह ?

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पूर्व भारतीय कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी के टेस्ट से रिटायरमेंट लेने के बाद से साहा टीम इंडिया के लिए सफेद जर्सी में लगातार कमान संभाल रहे है। साहा ने टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए कई अच्छी पारियां भी खेली है।

भारत-दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में टीम इंडिया ने 3-0 से क्लीन स्वीप किया। इस जीत में सबसे बड़ा योगदान टीम के बल्लेबाजों का रहा। गेंदबाजों ने भी विराट कोहली का सीरीज जीत में भरपूर साथ निभाया। लेकिन विकेट के पीछे एक कहानी विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्दिमान साहा ने रची। तकरीबन डेढ़ साल बाद टेस्ट मैच खेलने वाले साहा ने अपने पहले ही मैच में बता दिया कि क्यों उन्हें इस समय भारत को बेस्ट विकेटकीपर माना जाता है। साहा ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में जिस तरह से कैच पकड़े वो बताता है कि अभी भी वो कितने चुस्त दुरूस्त है। साहा जहां तेज गेंदबाजी में कैच लपकने में कोई कसर नहीं छोड़ते वहीं स्पिन में भी उनका कोई जवाब नहीं है। उनकी कमाल की फ्लेकसिबिलिटी और बल्लेबाज को जल्दी जज करना उन्हें सबसे बेस्ट बनाता है। साहा करीब डेढ़ साल बाद टेस्ट क्रिकेट में लौटे हैं। इस टेस्ट सीरीज से पहले उन्होंने दक्षिण  अफ्रीका के ही खिलाफ जनवरी 2018 में अपना आखिरी टेस्ट खेला था, जहां वह चोटिल हो गए थे। और अब जब साहा ने वापसी की तो उन्होंने अपने गलव्स से कमाल कर दिया। टीम के कप्तान कोहली भी साहा के इस प्रदर्शन से काफी खुश है। साहा टेस्ट क्रिकेट में वापसी कर चुके है। उनसे पहले रिषभ पंत टेस्ट भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेल रहे थे। पंत ने भी मौका मिलने पर अच्छा प्रदर्शन किया था। उन्होंने पहले इंग्लैंड और फिर ऑस्ट्रेलिया में शतक जमाया था। लेकिन साहा को लेकर भारतीय कप्तान और कोच का मानना था कि भारतीय सरजमीं पर साहा की कीपिंग पंत से बेहतर है। जिसे देखते हुए उन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में मौका दिया गया। साहा को पंत से पहले इस सीरीज में मौका दिया गया लेकिन वो क्या चीज है जो साहा को पंत से अलग करती है। क्योंकि पंत इस समय भारत के सबसे बेस्ट युवा बल्लेबाजों में से एक है। वह क्या चीज है जो पंत को साहा से पीछे कर देती है। आखिर क्यों युवा टैलेंटेड विकेटकीपर बल्लेबाज रिषभ पंत के उपर साहा को कप्तान कोहली ने तरजीह दी।

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साहा की शानदार विकेटकीपिंग तकनीक उन्हें बनाती है खास

पूर्व भारतीय कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी के टेस्ट से रिटायरमेंट लेने के बाद से साहा टीम इंडिया के लिए सफेद जर्सी में लगातार कमान संभाल रहे है। साहा ने टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए कई अच्छी पारियां भी खेली है। साहा ने सफेद जर्सी में भारत के लिए 35 टेस्ट मैचों में 30.23 की औसत से 1209 रन बनाएं है। इस दौरान उनके बल्ले से 3 शतक और 5 अर्धशतक निकले है। साहा का ये प्रदर्शन भारतीय टीम के लिए बल्लेबाज के तौर पर उम्मीदों के अनुरूप तो नहीं है लेकिन कई मौके पर वह टीम इंडिया के लिए अच्छी पारियां खेल चुकी है। हालांकि साहा के लिए खास चीज उनकी विकेट के पीछे तकनीक है। साहा की उम्र अभी 34 साल है वह अगले 3-4 साल भारत के लिए क्रिकेट खेल सकते है। विकेट के पीछे वह काफी चुस्त दुरुस्त दिखाई देते है। साहा फिटनेस के मामले में भी काफी अच्छे है। हालांकि साहा का बल्लेबाज के रूप में एक्स फैक्टर ना होना उन्हें पंत से थोड़ा पीछे करता है। लेकिन यहां यह समझने की जरूरत है कि जब टीम इंडिया को निचले क्रम में एक विकेटकीपर बल्लेबाज की जरूरत होती है तो वह साहा को चुनते है। और जब बात बल्लेबाज विकेटकीपर के बारे में की जाएगी तो पंत का नाम लिया जाता है। साहा को मौके देने के पीछे उनकी विकेट के पीछे कमाल की तकनीक और प्रदर्शन है।

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बल्लेबाज के रूप में पंत का प्रदर्शन शानदार 

रिषभ पंत को जब टीम में चुना जाता है तो उन्हें निचले क्रम में एक विस्फोटक बल्लेबाज के रूप में लिया जाता है। ऐसे मौके पर पंत भारत के लिए खास हथियार होते है। वह विकेटकीपर के रूप में भी अच्छा प्रदर्शन करते है लेकिन साहा के मुकाबले उनकी तकनीक थोड़ी कमजोर रहती है। ऐसे में भारतीय सरजमीं पर पंत टीम इंडिया की पहली पसंद नहीं बनते है। अगर पंत को साहा को पछाड़ना है तो उन्हें सबसे पहले अपनी विकेटकीपिंग तकनीक में काफी बदलाव करने होंगे। इसके बाद अगर पंत को साहा से आगे निकलता है तो बल्लेबाजी में उन्हें गैरजिम्मेदाराना शॉट खेलकर आउट नहीं होना पड़ेगा। कई मौके पर पंत पहले भी अपना विकेट फेंक कर जा चुके है। ऐसे में अगर पंत को भारतीय टीम में लगातार अपनी जगह स्थापित करनी है तो उन्हें अपने अपने गेम पर काफी काम करना होगा। पंत अभी युवा है वह काफी टैलेंटेड भी है ऐसे में उन्हें आगे भी काफी मौके मिलते रहेंगे। ऐसे में पंत के साथ परेशानी यह है कि डोमेस्टिक क्रिकेट में संजू सैमसन और ईशान किशन जैसे खिलाड़ी भी लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे है जिन्हें भारतीय टीम मौका दे सकती है।

दीपक कुमार मिश्रा

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