सबसे बड़े 'एलआईसी आईपीओ' में निवेश से पहले जानें 'ज़रूरी बातें'

LIC IPO

ऐसे में एलआईसी तो पहले से ही बेहद मजबूत कंपनी है। ज़ाहिर तौर पर इसके आईपीओ के बेहद सफल होने की गुंजाइश यूं ही नहीं देखी जा रही है। बता दें कि एलआईसी में कुल पॉलिसी होल्डर्स की संख्या तकरीबन 28.9 करोड़ है। यह काफी बड़ा कस्टमर बेस है।

एलआईसी (LIC), यानी लाइफ इंश्योरेंस कारपोरेशन, भारत की सबसे मजबूत कंपनियों में से एक है।

सरकार की हिस्सेदारी वाली यह कंपनी पहली बार आईपीओ लॉन्च कर रही है और इस क्रम में सार्वजनिक क्षेत्र की यह कंपनी आईपीओ लाने के प्रोसेस में बेहद सधे कदमों से आगे बढ़ रही है। बताया जा रहा है कि इस वित्त वर्ष के आखिर, यानी 2022 मार्च तक इसका आईपीओ आ सकता है।

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चूंकि इसे भारत का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ बताया जा रहा है, और एलआईसी जैसी विश्वस्त कंपनी का यह आईपीओ है, ऐसे में हर कोई इसमें इन्वेस्ट करने को कदम बढ़ाएगा। तो आइये, इस से रिलेटेड जरूरी बातों को जानने का प्रयत्न करते हैं...

शेयर मार्केट में हर कोई लाभ कमाना चाहता है, और इसके लिए एलआईसी काफी बेहतर कंपनी साबित हो सकती है। जो शेयर मार्किट की एबीसी भी नहीं जानते, उनको भी कहीं न कहीं पता अवश्य ही होगा कि हर कोई जीतने वाले घोड़े पर ही दांव लगाना चाहता है, मतलब जो कंपनी ग्रो करने वाली होती है, उसी पर इन्वेस्टर भर भर कर दांव लगाते हैं।

ऐसे में एलआईसी तो पहले से ही बेहद मजबूत कंपनी है।

ज़ाहिर तौर पर इसके आईपीओ के बेहद सफल होने की गुंजाइश यूं ही नहीं देखी जा रही है। बता दें कि एलआईसी में कुल पॉलिसी होल्डर्स की संख्या तकरीबन 28.9 करोड़ है। यह काफी बड़ा कस्टमर बेस है। ऐसे में सेबी के नियमों के अनुसार एवं एक्सचेंज के परामर्श के अनुसार ही एलआईसी को आगे बढ़ना होगा! 

आईपीओ के जो नियम बताए गए हैं, उसमें कोई भी कंपनी अपने कर्मचारियों को अधिकतम 10 फ़ीसदी छूट पर शेयर प्रदान कर सकती है। हालांकि गौर करने वाली बात यह भी है कि पॉलिसी होल्डर एलआईसी के कर्मचारी तो हैं नहीं! ऐसे में एलआईसी उन्हें कितनी छूट दे सकता है, यह भी देखने - समझने वाली बात होगी। लेकिन जहां तक नियमों की बात है, तो एलआईसी एक्ट 1956 में सरकार द्वारा बदलाव किया गया है। चूंकि एलआईसी का कितना हिस्सा आईपीओ के माध्यम से सेल करना है, यह भी अभी तय नहीं हुआ है, लेकिन वित्त मंत्रालय यह जल्दी ही तय कर देगा, ऐसा माना जा रहा है।

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दूसरी शेयर मार्केट में लिस्टेड कंपनियों की तरह एलआईसी भी अन्य कंपनियों की तरह एक नियम के तहत ही कार्य करेगी। इसे अपने मुनाफे या घाटे के तिमाही नतीजे सार्वजनिक करते रहने होंगे, क्योंकि यही शेयर मार्केट का नियम है। साथ ही बोर्ड में जो भी चेंजिंग होती है, या कंपनी पॉलिसी में बदलाव होता है, वह भी जनता को जानकारी देनी होगी, क्योंकि आईपीओ के माध्यम से अब जनता एलआईसी में इन्वेस्टर के तौर पर काउंट होगी।

यह अक्सर पूछा जा रहा है कि एलआईसी का आईपीओ आने से पॉलिसी होल्डर को आखिर क्या फायदा होगा?

ऐसे में अगर गवर्नमेंट किसी कंपनी के एम्पलाई की ही भांति पॉलिसी होल्डर्स को भी 10 फ़ीसदी की छूट दे देती है, तो एलआईसी का कुल वैल्यूएशन 10 से 15 लाख करोड़ रुपए के बीच में शेयर मार्केट में लिस्ट हो सकता है। ऐसे में 1000000 (दस लाख) करोड़ रुपए के आसपास की मार्किट वैल्युएशन का भी अगर इसका अंदाजा लगाते हैं, तो तकरीबन 55,000 करोड़ रुपए का आईपीओ एलआईसी का आ सकता है। वहीं अगर एलआईसी की मार्केट वैल्यूएशन 15 लाख करोड़ लगती है, तो उसे ₹80,000 का आईपीओ लाना होगा। यह बेहद बड़ी रकम है, और जाहिर तौर पर इससे सभी का बड़ा फायदा हो सकता है। 

हालांकि सरकारी बीमा कंपनियों के आईपीओ का अनुभव पहले से अच्छा नहीं रहा है। 2017 में न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी का शेयर लाया गया था और यह आज के समय में मूल कीमत से काफी नीचे काम कर रहा है। इसी प्रकार से जनरल इंश्योरेंस कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया को भी ₹857 पर लिस्ट किया गया था, किंतु अब यह ₹174 के आसपास चल रहा है। ऐसे में एलआईसी का शेयर आखिर कितना फायदेमंद होगा, यह भी देखने वाली बात होगी।

पूछा जा रहा है कि सरकार को एलआईसी का आईपीओ लाने की आखिर इतनी जल्दबाजी क्यों है, तो आप यह जान लीजिए कि सरकार विनिवेश कार्यक्रम को बड़ी तेजी से आगे बढ़ा रही है, और इस वित्त वर्ष में 1.75 लाख करोड़ रूपया पर जुटाने का लक्ष्य सरकार द्वारा रखा गया है, और बिना एलआईसी के शेयर लाए यह संभव नहीं हो पाएगा। पिछले बजट में ही वित्त मंत्री द्वारा इसका ऐलान किया गया था, और चूंकि दो सरकारी बैंकों के निजीकरण की योजना सफल नहीं हो सकी, इसी लिए एलआईसी का आईपीओ लाया जा रहा है।

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जहां तक बात है कि इन्वेस्टर एलआईसी में आखिर पैसा क्यों लगाएंगे बीमा कारोबार में, तो हमें यह जान लेना चाहिए कि एलआईसी की मोनोपोली है, और इसकी साइज इतनी बड़ी और स्टेबल है कि इसकी मार्केट हमेशा मजबूत रहेगी। एलआईसी की अपने सेगमेंट में बाजार हिस्सेदारी तकरीबन 66 फ़ीसदी मानी जा रही है। 31 मार्च 2020 का अगर आंकड़ा लें, तो एलआईसी का कुल मार्किट कैप 37.75 लाख करोड़ रुपए का था। इसमें 22.78 लाख एजेंट और 2.9 लाख कर्मचारियों का बेहद बड़ा नेटवर्क है।

ऐसे में इन तमाम संभावनाओं को देखते हुए एलआईसी के आईपीओ के बेहतर प्रदर्शन की बात की जा रही है। वहीं इन्वेस्टर इस आईपीओ में पैसा अवश्य ही लगाएंगे, ऐसी उम्मीद की जा रही है, क्योंकि बात एलआईसी की है।

आप क्या सोचते हैं, अगर एलआईसी का आईपीओ आ रहा है, तो क्या आप भी उसका शेयर खरीदेंगे?

- मिथिलेश कुमार सिंह

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