प्रदूषण से बचने के लिए अपनाएं यह उपयोगी आयुर्वेदिक उपाय

Ayurvedic tips
कंचन सिंह । Nov 7 2020 6:41PM

प्रदूषण से न सिर्फ सांस की बीमारी, बल्कि अन्य और भी कई बीमारियां होती हैं, ऐसे में बहुत ज़रूरी है कि इस प्रदूषित माहौल में खुद को स्वस्थ रखने के लिए आप आयुर्वेद का सहारा लें।

प्रदूषण बड़े शहरों के लिए बहुत बड़ी समस्या बनता जा रहा है, यही वजह है कि गांव में रहने वालों की तुलना में शहरी लोगों को अधिक बीमारियां होती है। लगातार कट रहे पेड़-पौधों और वाहनों से निकलने धुओं ने शहर की हवा को जहरीला बना दिया हैं, ऐसे में इससे बचने या शरीर को इसका सामना करने के लिए तैयार करने के लिए आपको आधुनिक विज्ञान के साथ ही आयुर्वेद का भी सहारा लेना चाहिए, जो आपके शरीर को अंदर से मज़बूत बनाने का काम करता है।

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हाल ही में कई विशेषज्ञ चेतावनी दे चुके हैं कि वायु प्रदूषण का बढ़ता स्तर कोरोना के खतरे को और बढ़ा देगा और शायद दिल्ली में इसकी की बनागी दिख रही है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, प्रदूषण से न सिर्फ सांस की बीमारी, बल्कि अन्य और भी कई बीमारियां होती हैं, ऐसे में बहुत ज़रूरी है कि इस प्रदूषित माहौल में खुद को स्वस्थ रखने के लिए आप आयुर्वेद का सहारा ले। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो प्रदूषण का प्रभाव शरीर पर कम हो या आपका शरीर इससे लड़ने के लिए तैयार रहे इसके लिए आपको नियमित योग और प्राणायाम के साथ ही कई अन्य आयुर्वेदिक उपाय अपनाने होंगे।

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- दूषित हवा नाक के जरिए ही शरीर में प्रवेश करती है इसलिए नाक को साफ रखना ज़रूरी है। आयुर्वेद के जानकारों के मुताबिक, सुबह-शाम गाय का शुद्ध घी नाक में एक-एक बूंद डालने से सांस की नली साफ रहती है और दूषित तत्व फेफड़ों तक नहीं पहुंच पातें।

- सांस से जुड़ी बीमारी से बचने के लिए फेफड़ों का हेल्दी होना ज़रूरी है। आयुर्वेद के अनुसार, गुड़ का सेवन सभी को करना चाहिए। इससे फेफड़े साफ रहते हैं और इसमें मौजूद आयरन रक्त में ऑक्सीजन सप्लाई को सुचारू बनाए रखने में मदद करता है। रात को सोने से पहले गर्म दूध के साथ गुड़ खा सकते हैं या तिल गुड़ के लड्डू बनाकर खाएं।

- प्रदूषण के असर से बचने के लिए इम्यून सिस्टम का मज़बूत होना आवश्यक है। आयुर्वेद के जानकारों के मुताबिक, इसके लिए त्रिफला का सेवन फायदेमंद होता है। एक चम्मच त्रिफला का शहद और गुनगुने पानी या दूध के साथ सेवन कर सकते हैं। दरअसल, त्रिफला शरीर के तीन दोषों- वात, पित्त और कफ में संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।

- इम्यूनिटी बढ़ाने में अदरक भी बहुत कारगर माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, दिन में दो बार आप अदरक वाली चाय पी सकते हैं या अदरक के रस में समान मात्रा में शहद मिलाकर उसका सेवन करें, इससे खांसी भी नहीं होती है।

- प्रदूषण की वजह से सांस संबंधी समस्या होना सबसे आम है, ऐसे में पिसी काली मिर्च और शहद का सेवन बहुत फायदेमंद होता है यह छाती जमा कफ को निकालने में मदद करता है।

- दूषित वातावरण की वजह से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए नियमित रूप से हल्दी वाला दूध का सेवन करें।

- नीम, तुलसी, हल्दी आदि शरीर से हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने का काम करती है। आयुर्वेद के जानकारों के अनुसार तुलसी का रस पीना शरीर के लिए बहुत अच्छा होत है। 10-15 मिलीलीटर तुलसी के रस थोड़ा सा पानी मिलाकर दिन में दो बार पीएं। इससे सांस की नली में यदि कोई दूषित तत्व गया होगा तो वह बाहर निकल जाता है। आप चाहें तो 5-6 तुलसी के पत्तों का रस निकाल लें और उसमें शहद मिलाकर सेवन कर सकते हैं। 

- आयुर्वेदाचार्य के मुताबिक, स्टीम थेरेपी, फुमिगेशन, च्यवनप्राश का सेवन, डिटॉक्स चाय, अनुलोम-विलोम प्राणायाम, कपालभांति प्राणायाम तथा भस्त्रीका प्राणायाम आदि के जरिए शरीर को एनर्जेटिक बनाकर प्रदूषण के असर से इसे बचाया जा सकता है।

- कंचन सिंह

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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