चाहिए बेहतर सेक्स लाइफ तो इन आयुर्वेदिक नियमों को ना करें नजरअंदाज

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मिताली जैन । Sep 30 2020 4:55PM

आपको शायद पता ना हो लेकिन सेक्स के दौरान समय भी बेहद महत्वपूर्ण है। आयुर्वेद के अनुसार, सेक्स से हमारे शरीर में वात दोष का निर्माण होता है। इस प्रकार, सेक्स करने का सबसे अच्छा समय दिन के दौरान होता है, सुबह सूर्योदय के बाद लेकिन घड़ी से पहले 10 बजे या शाम के दौरान।

शादी में प्रेम की डोर को मजबूत करने में शारीरिक संबंधों की एक अहम् भूमिका होती है। चाहे पुरूष हो या स्त्री, हर किसी की अपनी शारीरिक जरूरतें होती हैं और उनकी यह इच्छा होती है कि उनका जीवनसाथी उनकी इन जरूरतों को पूरा करे। यह शारीरिक जुड़ाव उनके रिश्ते को भावनात्मक रूप से भी जोड़ता है। हालांकि कभी−कभी ऐसा होता है कि कुछ जोड़े अपनी सेक्स लाइफ को उस तरह एंजॉय नहीं कर पाते, जैसा कि उन्हें वास्तव में करना चाहिए। ऐसे उनका वैवाहिक जीवन प्रभावित होने लगता है। अगर आप भी ऐसी ही किसी समस्या का सामना कर रहे हैं तो परेशान होने की जगह इन आयुर्वेदिक नियमों को अपनाएं। इसके बाद आपके जीवन से खुशियां कहीं नहीं जाएंगी−

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सही हो समय

आपको शायद पता ना हो लेकिन सेक्स के दौरान समय भी बेहद महत्वपूर्ण है। आयुर्वेद के अनुसार, सेक्स से हमारे शरीर में वात दोष का निर्माण होता है। इस प्रकार, सेक्स करने का सबसे अच्छा समय दिन के दौरान होता है, सुबह सूर्योदय के बाद लेकिन घड़ी से पहले 10 बजे या शाम के दौरान। रात का समय, जब हम में से अधिकांश सेक्स करना पसंद करते हैं, आयुर्वेद के अनुसार आदर्श नहीं है।

सर्दियों का मौसम है बेहतर

आयुर्वेद के अनुसार, बेहतर सेक्स करने के लिए आदर्श मौसम सर्दियों और शुरुआती वसंत हैं। गर्मी के दौरान, वात का प्रभाव बढ़ जाता है। इस प्रकार, किसी को सेक्स और ओर्गास्म की आवृत्ति कम करनी चाहिए। इसका कारण यह है कि गर्मी पहले से ही एक ऊर्जा को कम कर देती है और इस प्रकार, हमारे शरीर में यौन भोग के लिए अतिरिक्त रसा नहीं होता है।

संभोग की आवृत्ति

आमतौर पर लोग सोचते हैं कि हर दिन संभोग करने से उनका वैवाहिक जीवन सुखमय होगा। लेकिन ऐसा नहीं है। आयुर्वेद के अनुसार, जिन लोगों का स्वास्थ्य बेहतर है, उन्हें वसंत और सर्दियों के मौसम में तीन से पांच बार सेक्स करना चाहिए। वहीं गर्मी के मौसम में, सप्ताह में एक बार संभोग करना ठीक रहता है। 

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बचें इस स्थिति से

आयुर्वेद में यह भी बताया गया है कि वैवाहिक जोड़ों को कब संभोग नहीं करना चाहिए। आयुर्वेद में कहा गया है कि जब महिला का मासिक धर्म हो, उस समय जोड़ों को संभोग से बचना चाहिए। वैसे महिला स्वास्थ्य के लिहाज से भी इसे ठीक नहीं माना गया है।

मिताली जैन

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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