Harry Potter फेम Professor Dumbledore के फैंस के लिए बुरी खबर, Michael Gambon का 82 वर्ष में निधन

सर माइकल गैंबोन ने हॉलीवुड की सबसे सफल फिल्मों में शुमार हैरी पॉटर सीरीज में प्रोफेसर एल्बस डंबलडोर की भूमिका निभाई थी। इस कैरेक्टर को निभाने के बाद वह पूरी दुनिया में मशहूर हो गए थे जिन्हें हर बच्चा पहचानता था।
हॉलीवुड की सबसे चर्चित फिल्म हैरी पॉटर के फैंस के लिए एक बेहद दुखद खबर है। हैरी पॉटर सीरीज में एल्बस डंबलडोर का किरदार निभाने वाले एक्टर सर माइकल गैंबोन का निधन हो गया है। सर माइकल गैंबोन ने 82 साल की उम्र में अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली है। दिवंगत अभिनेता की पत्नी ने इस दुखद खबर को साझा किया।
गौरतलब है कि सर माइकल गैंबोन ने हॉलीवुड की सबसे सफल फिल्मों में शुमार हैरी पॉटर सीरीज में प्रोफेसर एल्बस डंबलडोर की भूमिका निभाई थी। इस कैरेक्टर को निभाने के बाद वह पूरी दुनिया में मशहूर हो गए थे जिन्हें हर बच्चा पहचानता था।
अभिनेता के निधन की खबर से उनके परिवार ही नहीं बल्कि दुनिया भर में पहले उनके फैंस को भी बेहद दुख हुआ है। अभिनेता की निधन की खबर पर उनकी पत्नी लेडी गैबोंन ने आधिकारिक स्टेटमेंट जो जारी कर बताया कि हम सर माइकल गैबोंन के निधन की खबर देते हुए बहुत दुखी है। वह वह एक बेहतरीन एक्टर, एक अच्छे पति और जिम्मेदार पिता भी थे। अभिनेता के परिवार ने फैंस से आग्रह किया है कि इस दर्द भरे समय में उन्हें प्राइवेसी दें। सभी के प्यार और सपोर्ट के लिए धन्यवाद। अभिनेता के निधन से उनका पूरा परिवार टूट गया है।
बता दें कि अभिनेता को निमोनिया हो गया था जिसका इलाज अस्पताल में चल रहा था। वह भी तो कई दिनों से अस्पताल में भर्ती से मगर डॉक्टरों की लाख कोशिशें के बाद भी उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। अभिनेता के निधन से उनके साथी कलाकार, फैंस भी दुखी है।
बता दें कि माइकल ने किसी तरह की एक्टिंग की ट्रेनिंग नहीं ली थी मगर अपनी गंभीर एक्टिंग से वो सभी के दिलों को जीत गए। उन्हें प्यार से फैंस 'द ग्रेट गैम्बन' बुलाते थे। मगर ये नाम उन्हें साथी एक्टर राल्फ रिचर्डसन ने दिया था। हॉलीवुड से पहले उन्होंने थिएटर में भी काम किया। शानदार एक्टिंग के लिए उन्हें कई अवॉर्ड भी मिले। जानकारी के मुताबिक आयरलैंड के डबलिन में वर्ष 1940 में उनका जन्म हुआ था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उनके पिता लंदन आए थे, जहां वो पुलिस वाले की नौकरी करने लगे। महज 16 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने फैक्ट्री में काम किया। इसके बाद वो थिएटर में सेट बिल्डर के तौर पर काम करने लगे थे, जहां उन्हें छोटे रोल मिलने लगे। उनकी डेब्यू फिल्म 1965 में आई फिल्म 'ओथेलो' थी।
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