मोसुल में 15 लाख नागरिकों के लिए ‘बेहद चिंतित’ है UN

संयुक्त राष्ट्र ने इराकी शहर मोसुल को आईएसआईएल के कब्जे से मुक्त कराने के अभियानों की शुरूआत पर नागरिकों के सिर पर मंडराने वाले खतरों के प्रति गहरी चिंता जताई है।

संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों एवं आपदा राहत के महासचिव ने इराकी शहर मोसुल को आईएसआईएल के कब्जे से मुक्त कराने के अभियानों की शुरूआत पर नागरिकों के सिर पर मंडराने वाले खतरों के प्रति गहरी चिंता जताई है। स्टीफन ओ ब्रियन ने जिहादी समूह इस्लामिक स्टेट का हवाला देते हुए कहा, ‘‘मैं मोसुल में रहने वाले उन 15 लाख लोगों की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हूं, जो आईएसआईएल के कब्जे से शहर को मुक्त कराने के सैन्य अभियानों के दौरान प्रभावित हो सकते हैं।’’

उन्होंने चेतावनी दी कि वहां होने वाली गोलीबारी में फंसने या स्नाइपर द्वारा निशाना बनाए जाने का सबसे ज्यादा खतरा परिवारों पर है। इराक का यह उत्तरी शहर वही स्थान है, जहां आईएस के नेता अबु बकर अल-बगदादी ने सार्वजनिक तौर पर जून 2014 में इराक और सीरिया में ‘खिलाफत’ की घोषणा की थी। ईरान और अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन की मदद से इराकी बलों ने आईएस के कब्जे में जा चुका काफी क्षेत्र वापस हासिल कर लिया है। मोसुल शहर इराक में इस चरमपंथी समूह का आखिरी सबसे बड़ा गढ़ है। इराकी प्रधानमंत्री हैदर अल-अब्दी ने कहा है कि मोसुल में सिर्फ सरकारी बल ही दाखिल होंगे। यह एक सुन्नी बहुल शहर है और आईएस ने यहां के स्थानीय लोगों में शिया बहुल सुरक्षा बलों के प्रति नाराजगी के चलते इस क्षेत्र पर तुलनात्मक रूप से आसानी से कब्जा कर लिया था। अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने कहा कि यह अभियान जिहादी समूह को हराने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

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