दुनियाभर में टीके वितरित करने के अपने लक्ष्य से पीछे चल रहा है अमेरिका

America is falling short of its goal of distributing vaccines worldwide

व्हाइट हाउस ने बताया कि टीकों की कमी नहीं है। सभी अमेरिकी टीके भेजे जाने के लिए तैयार हैं। लेकिन कानूनी औपचारिकताओं, स्वास्थ्य संहिता, सीमा शुल्क मंजूरी, कोल्ड स्टोरेज श्रृंखलाएं, भाषायी बाधाएं और वितरण कार्यक्रम की जटिलता के चलते अधिक वक्त लग रहा है।

वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन दुनियाभर में जून के अंत तक कोरोना वायरस रोधी आठ करोड़ टीके देने के अपने लक्ष्य से बहुत पीछे चल रहे हैं और कई साजोसामान और नियामक संबंधी बाधाओं ने अमेरिकी की टीका कूटनीति की गति धीमी कर दी है। बाइडेन प्रशासन ने घोषणा की थी कि करीब 50 देशों को कोविड-19 रोधी टीके दिए जाएंगे लेकिन ‘एसोसिएटेड प्रेस’की गणना के अनुसार, अमेरिका ने 10 देशों को 2.4 करोड़ से भी कम टीके भेजे हैं। व्हाइट हाउस ने कहा कि आगामी दिनों में और टीके भेजे जाएंगे और उसने कहा कि बाइडन ने अपने वादे को पूरा करने के लिए हरसंभव कदम उठाया है।

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व्हाइट हाउस ने बताया कि टीकों की कमी नहीं है। सभी अमेरिकी टीके भेजे जाने के लिए तैयार हैं। लेकिन कानूनी औपचारिकताओं, स्वास्थ्य संहिता, सीमा शुल्क मंजूरी, कोल्ड स्टोरेज श्रृंखलाएं, भाषायी बाधाएं और वितरण कार्यक्रम की जटिलता के चलते अधिक वक्त लग रहा है। उसने कहा कि किसी देश को टीके दान देने के लिए अपने मंत्रिमंडल की मंजूरी की आवश्यकता होती है, किसी को अमेरिकी टीकों के लिए सुरक्षा जांच के लिए निरीक्षकों की आवश्यकता होती है और कुछ देशों ने अभी टीका वितरण की योजनाएं ही नहीं बनायी है जिससे यह सुनिश्चित हो कि टीके बर्बाद होने से पहले सही हाथों में पहुंचे।

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व्हाइट हाउस ने यह स्पष्ट करने से इनकार कर दिया कि किस देश के सामने कौन-सी बाधाएं हैं। उसने कहा कि वह वितरण की बाधाओं को खत्म करने के लिए देशों से बातचीत कर रहा है। बाइडन ने 17 मई को यह कहते हुए आठ करोड़ टीके देने की घोषणा की थी, ‘‘यह किसी भी देश द्वारा दिए गए टीकों के मुकाबले अधिक टीके होंगे जो किसी भी देश से पांच गुना अधिक होंगे, रूस और चीन से भी अधिक होंगे।’’ अपने लक्ष्य को हासिल न करने के बावजूद बाइडन ने अमेरिका को दुनियाभर में टीकों का सबसे बड़ा दानदाता बना दिया है। उसने रूस या चीन से भी अधिक टीके वितरित किए हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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