आंग सान सू ची ने विद्रोहियों को शांत करने की कोशिश की

सू ची ने उनकी पार्टी के सत्ता में आने के बाद देश में विद्रोहियों को शांत करने की शुरूआती कोशिश के तहत राष्ट्र के जातीय अल्पसंख्यकों को अधिक स्वायत्तता देने की कोशिश करने का संकल्प किया।

यांगून। म्यांमा की नेता आंग सान सू ची ने उनकी पार्टी के सत्ता में आने के बाद देश में विद्रोहियों को शांत करने की शुरूआती कोशिश के तहत राष्ट्र के जातीय अल्पसंख्यकों को अधिक स्वायत्तता देने की कोशिश करने का आज संकल्प किया। नेशनल लीग ऑफ डेमोक्रेसी (एनएलडी) ने एक अप्रैल को सेना से सत्ता अपने हाथ में ली थी। इसके बाद से देश को अधिक शांतिपूर्ण और समृद्ध भविष्य की आशा है। सू ची ने 1948 में म्यांमा की आजादी के बाद से देश को परेशान कर रहे जातीय संघर्षों को समाप्त करने की संभावनाओं का जिक्र किया।

उन्होंने म्यांमा के नववर्ष में टेलीविजन पर प्रसारित अपने संबोधन में कहा कि ऐसा करने के लिए नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी सरकार ‘‘एक वास्तविक संघीय लोकतांत्रिक संघ’’ स्थापित करने की कोशिश करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘शांति एवं संघीय लोकतांत्रिक संघ आपस में निकटता से जुड़े हुए हैं और इसलिए हमें संविधान में बदलाव करने की आवश्यकता है। सबसे महत्वपूर्ण चीज राष्ट्रीय स्तर पर आपसी सहमति है।’’ सू ची ने ‘‘सरकार की सलाहकार’’ के रूप में पहली बार कोई बड़ा बयान दिया है। उन्होंने 50 वर्षों तक देश की कमान संभालने वाली सेना से सत्ता हस्तांतरण के बाद ‘‘सरकार की सलाहकार’’ की भूमिका संभाली है। 2008 में सेना द्वारा बनाया गया मौजूदा चार्टर शक्तियों का केंद्रीकरण करता है। संघीय व्यवस्था बनाने के संकल्प से जातीय नेताओं को यह आश्वासन मिल सकता है कि एनएलडी के कई नेता भले ही बहुसंख्यक बौद्ध बमर समुदाय से संबंध रखते है लेकिन पार्टी सभी के लिए शासन करेगी।

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