भारत का वफादार निकला बलूचिस्तान! ट्रंप-मुनीर के प्लान पर फिरेगा पानी, पाक सैनिकों की ली कुर्बानी

आपको बता दें कि ये सबकुछ तब हो रहा है जब अमेरिका में खड़े होकर भारत को परमाणु बम की धमकी देने वाले मुल्ला मुनीर ने भारतीय सीमा पर अपने आतंकियों और बॉर्डर एक्शन टीम से भारत में घुसपैठ करवाने की कोशिश की।
पाकिस्तान और आसिम मुनीर के बुरे दिन शुरू हो गए हैं। बलूचिस्तान ने पीओके और पाकिस्तान पर बहुत बड़ा हमला कर दिया है। बलूचों ने पाकिस्तान के 9 सैनिकों को मार दिया है, जबकि पीओके में अमेरिका ने कुत्ते पाले वर्दी वाले, वर्दी वाले नारे लगाए जा रहे हैं। इस तरह के बयान पहली बार पीओके से आए हैं। यानी एक ही समय में बलूचिस्तान और पीओके ने पाकिस्तान व अमेरिका के खिलाफ बगावत शुरू कर दी है। बलूचिस्तान और पीओके पाकिस्तान पर ऐसे टूट पड़े हैं मानों भारत से वफादारी कर रहे हो। दोनों ने एक साथ एक ही समय पर पाकिस्तान पर दो दिशाओं से हमला किया है। आपको बता दें कि ये सबकुछ तब हो रहा है जब अमेरिका में खड़े होकर भारत को परमाणु बम की धमकी देने वाले मुल्ला मुनीर ने भारतीय सीमा पर अपने आतंकियों और बॉर्डर एक्शन टीम से भारत में घुसपैठ करवाने की कोशिश की।
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आसिम मुनीर के इशारे पर पाकिस्तान की बैट टीम और आतंकी उत्तरी कश्मीर के उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। लेकिन भारतीय सेना ने समय रहते पाकिस्तान की इस साजिश को नाकाम कर दिया। लेकिन इस दौरान एक भारतीय जवान शहीद हो गया। अब आप इसे संयोग ही कहिए कि जैसे ही भारत का एक जवान शहीद हुआ उसी वक्त बलूचों ने 9 पाकिस्तानी सैनिकों को ठोक दिया। पाकिस्तानी सैनिकों की मौत का आंकड़ा बड़ सकता है। स्थानीय सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, आतंकवादियों ने एक सुनियोजित हमला किया और काफिले पर अचानक हमला कर दिया। इस गोलीबारी में कम से कम पाँच नागरिक और चार अन्य सैनिक घायल हो गए। उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच पास के चिकित्सा केंद्रों में ले जाया गया। हमलावर कथित तौर पर दुर्गम भौगोलिक स्थिति का फायदा उठाकर ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी इलाकों में भाग गए, जो लंबे समय से प्रांत में सुरक्षा अभियानों में बाधा बन रहा है।
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इसी महीने की शुरुआत में, बलूचिस्तान में एक और बड़ा हमला हुआ जब लगभग 80 सशस्त्र आतंकवादियों ने सुरक्षा चौकियों पर एक साथ हमला किया, जिसमें आठ सैनिक मारे गए। इन हमलों ने पाकिस्तानी सेना द्वारा निरंतर आतंकवाद-रोधी अभियानों के बावजूद, विद्रोही समूहों की बड़े पैमाने पर समन्वित हमले करने की क्षमता को प्रदर्शित किया। सेना के लिए, बसिमा घात हमला न केवल संख्या में कमी का प्रतिनिधित्व करता है, बल्कि बलूचिस्तान में अस्थिर सुरक्षा परिदृश्य की भी याद दिलाता है, जहां विद्रोही समूह पाकिस्तानी सेना की सीमाओं का परीक्षण करना जारी रखते हैं।
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पाक सरकार बलूचिस्तान में खनन लीज अमेरिका को देने की तैयारी कर रही है, ताकि वहां मौजूद विशाल खनिज संपदा का दोहन हो सके। बलूचिस्तान तांबा, सोना और अन्य कीमती खनिजों से समृद्ध है। पाकिस्तान 2040 तक 'कॉपर का सऊदी अरब' बनने का लक्ष्य रखता है। अमेरिकी कंपनियां तकनीक, निवेश के जरिए इन प्रोजेक्ट्स को गति दे सकती हैं।
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