ब्रिटिश प्रधानमंत्री करेंगे यूरोपीय देशों की राजधानियों का दौरा, ब्रेक्जिट पर होगी बातचीत

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[email protected] । Aug 19 2019 2:48PM

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में कमान संभालने के बाद बोरिस जॉनसन इस सप्ताह यूरोपीय देशों की राजधानियों का दौरा करेंगे। ढाई महीने बाद होने वाले ब्रेक्जिट को लेकर कोई समझौता न होने की बढ़ती आशंकाओं के बीच डाउनिंग स्ट्रीट ने रविवार को पुष्टि की कि जॉनसन बुधवार को बर्लिन का दौरा करेंगे और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल से बात करेंगे।

लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में कमान संभालने के बाद बोरिस जॉनसन इस सप्ताह यूरोपीय देशों की राजधानियों का दौरा करेंगे। ढाई महीने बाद होने वाले ब्रेक्जिट को लेकर कोई समझौता न होने की बढ़ती आशंकाओं के बीच डाउनिंग स्ट्रीट ने रविवार को पुष्टि की कि जॉनसन बुधवार को बर्लिन का दौरा करेंगे और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल से बात करेंगे। इसने कहा कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से मिलने गुरुवार को पेरिस पहुंचेंगे।

दक्षिण फ्रांस के बिआरित्ज रिजॉर्ट में शनिवार से शुरू हो रहे दो दिवसीय जी-7 शिखर सम्मेलन से पहले होने वाली बैठकें प्रधानमंत्री बनने के बाद जॉनसन की पहली कूटनीतिक बैठकें होंगी। ऐसी उम्मीद है कि अपने दौरे के दौरान जॉनसन ब्रेक्जिट की समझौता वार्ता पुन: शुरू करने के लिए जोर देंगे या फिर 31 अक्टूबर को बिना समझौते के ब्रिटेन की यूरोपीय संघ से विदाई की संभावना को लेकर आगाह करेंगे। ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने (ब्रेक्जिट) के लिए 31 अक्टूबर की तारीख निर्धारित है।

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यूरोपीय नेता ब्रिटेन की तत्कालीन प्रधानमंत्री टेरेसा मे द्वारा किए गए समझौते पर पुन: चर्चा करने की बातों को बार-बार खारिज कर चुके हैं। ब्रिटेन के सांसद, जॉनसन की इस धमकी के बावजूद समझौते को तीन बार खारिज कर चुके हैं कि ऐसी स्थिति में देश को बिना समझौते के यूरोपीय संघ से अलग होना पड़ेगा। उधर, लंदन ने रविवार को घोषणा की कि उसने ‘यूरोपियन कम्युनिटीज एक्ट’ को खत्म करने का आदेश दिया है। इस कानून की वजह से ब्रिटेन 46 साल पहले यूरोपीय संघ का अग्रदूत बना था। यह कानून ब्रसेल्स को सर्वोच्चता प्रदान करता है।

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आदेश पर ब्रेक्जिट सचिव स्टीव बार्कले ने शुक्रवार को हस्ताक्षर किए जो 31 अक्टूबर से प्रभावी होगा। बार्कले ने एक बयान में कहा, ‘‘ब्रसेल्स के हाथों से अपने कानूनों का नियंत्रण वापस लेने का यह ऐतिहासिक क्षण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस देश के लोगों को यह स्पष्ट संकेत है कि पीछे हटने का सवाल ही नहीं है-हम वायदे के अनुरूप 31 अक्टूबर को यूरोपीय संघ छोड़ रहे हैं चाहे कोई भी परिस्थिति हो।’’यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब जॉनसन ग्रीष्मकालीन छुट्टियों से सांसदों को तत्काल वापस बुलाए जाने की मांग को लेकर जबर्दस्त दबाव का सामना कर रहे हैं जिससे कि संसद ब्रेक्जिट पर चर्चा कर सके।

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