Austria में बच्चे जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ अदालत पहुंचे

Children in Austria
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समूह की एक वकील ने कहा कि संवैधानिक न्यायालय को प्रस्तुत किया गया मामला जर्मनी में इसी तरह के मुकदमे से प्रेरित है। वकील ने कहा कि उक्त मुकदमे ने दो साल पहले वहां की सरकार को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए नये लक्ष्य निर्धारित करने के लिए प्रेरित किया था।

ऑस्ट्रिया में करीब 12 बच्चों ने देश की शीर्ष अदालत में वाद दायर करके सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिए जाने का अनुरोध किया है कि वह जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर कड़ी कार्रवाई कर उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करे। समूह की एक वकील ने कहा कि संवैधानिक न्यायालय को प्रस्तुत किया गया मामला जर्मनी में इसी तरह के मुकदमे से प्रेरित है। वकील ने कहा कि उक्त मुकदमे ने दो साल पहले वहां की सरकार को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए नये लक्ष्य निर्धारित करने के लिए प्रेरित किया था।

बच्चों की वकील मिशेला क्रॉएमर का कहना है कि 2011 से ऑस्ट्रिया का जलवायु कानून पांच से 16 वर्ष की आयु के वादियों की ग्लोबल वार्मिंग के खतरनाक दुष्परिणामों से पर्याप्त रूप से रक्षा नहीं करता। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से, ऑस्ट्रिया के संविधान में गारंटीकृत पीढ़ीगत न्याय का देश के जलवायु कानून द्वारा उल्लंघन किया गया है। क्रॉमर ने कहा कि मुकदमा युवा जलवायु समूह ‘फ्राइडे फॉर फ्यूचर’ द्वारा समर्थित है जो स्वीडन की सामाजिक कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग से प्रेरित है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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