रोहिंग्या शरणार्थियों को नहीं भूले अंतरराष्ट्रीय समुदाय: संरा एजेंसी अधिकारी

United Nations
Google Creative Commons.

शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रैंडी ने कहा कि उन्होंने म्यांमार के साथ लगती सीमा के पास शिविरों और एक दूरस्थ द्वीप का दौरा किया, जहां 28,000 शरणार्थियों को रखा गया है।

ढाका| संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख फिलिपो ग्रैंडी ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वे 10 लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थियों को न भूलें जो पड़ोसी देश म्यांमार से भागकर बांग्लादेश में बड़़े शिविरों में रह रहे हैं।

शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रैंडी ने कहा कि उन्होंने म्यांमार के साथ लगती सीमा के पास शिविरों और एक दूरस्थ द्वीप का दौरा किया, जहां 28,000 शरणार्थियों को रखा गया है।

ग्रैंडी ने कहा कि उन्होंने ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया कि यूक्रेन और अफगानिस्तान में संकट के बीच इस शरणार्थियों की दुर्दशा को भुलाया नहीं जा सके।

ग्रैंडी बांग्लादेश की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं, जिस दौरान उन्होंने शरणार्थियों, सरकारी अधिकारियों, राजनयिकों और दानदाताओं से मुलाकात की। यूएनएचसीआर का कहना है कि वर्ष के लिए शरणार्थियों की मदद करने के लिए जरूरी 88.1 करोड़़ डॉलर में से केवल 13 प्रतिशत ही जुटाया जा सका है।

उन्होंने ढाका में संवाददाताओं से कहा, ‘‘यही कारण है कि मैं यहां बांग्लादेश, उसके लोगों और दशकों से शरण लिये हुए रोहिंग्या शरणार्थियों पर रोशनी डालने की कोशिश कर रहा हूं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उनके समर्थन के महत्व को याद दिलाने के लिए हूं।’’ ग्रैंडी ने कहा कि रोहिंग्याओं के लिए दीर्घकालिक समाधान म्यांमार में है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं जिन रोहिंग्या शरणार्थियों से मिला, उन्होंने परिस्थितियों के अनुकूल होने पर घर लौटने की इच्छा दोहराई।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़