जिंदगी की कीमत पर शिक्षा, अमेरिका में भारतीयों को कौन मार रहा है? 4 महीने में चौंकाने वाले आंकड़े

 Indians in America
Prabhasakshi
अभिनय आकाश । Apr 10 2024 6:49PM

भारतीय छात्रों का मानना ​​है कि अमेरिकी डिग्री उच्च वेतन वाली नौकरियों के दरवाजे खोलती है, लेकिन किस कीमत पर? अमेरिका में हाल ही में भारतीय छात्रों की मौत ने सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ा दी हैं। साल 2024 की शुरुआत से ही भारतीय छात्रों की मौत की खबरें जोर पकड़ती जा रही हैं। भारतीय छात्र हिंसक हमलों का शिकार बने, चाहे हमले पैसों के लिए हों या निजी कारणों से। इससे इस साल अमेरिका में भारतीय और भारतीय मूल के छात्रों की मौत की संख्या 11 हो गई, जो एक आश्चर्यजनक संख्या है।

अमेरिका में भारतीय छात्रों पर हमले और उनकी हत्या के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। हैदराबाद का छात्र क्लीवलैंड में मृत पाया गया है। ये घटना इस देश में भारतीय मूल के छात्रों की मौत की हाल में हुई कई घटनाओं के बीच सामने आयी है। नाचाराम का रहने वाला मोहम्मद अब्दुल अरफात पिछले साल मई में क्लीवलैंड यूनिवर्सिटी से आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) में स्नातकोतर की पढ़ाई करने अमेरिका आया था। बताया जाता है कि उसका अपहरण कर लिया गया था। छात्र के पिता की शिकायत पर सर्च ऑपरेशन भी चलाया गया था। लेकिन इसी बीच क्लीवलैंड में अरफात का शव मिला। न्यूयॉर्क स्थिति भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर छात्र की हत्या किए जाने की पुष्टि की है। इसके साथ ही जल्द छात्र के शव को भारत पहुंचाने की बात कही गई है। भारतीय छात्र अराफात की हत्या को लेकर कई अहम जानकारी सामने आई है। जिसने अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की चिंता बढ़ा दी है। 

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परिवार को आया फोन

अरफात पांच मार्च को रिजर्व स्क्वायर स्थित अपने घर से निकला लेकिन वापस नहीं लौटा। भारतीय दूतावास के मुताबिक अराफात को किसी ने अगवा कर लिया था। अमेरिका में अरफात के कमरे में उसके साथ रहने वाले व्यक्ति ने उसके पिता को सूचित किया था कि उसने क्लीवलैंड पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई है लेकिन 19 मार्च को अरफात के परिवार को एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया, जिसने दावा किया कि अरफात का कथित तौर पर मादक पदार्थ बेचने वाले एक गिरोह ने अपहरण कर लिया गया है और उसने उसे छोड़ने के लिए 1,200 अमेरिकी डॉलर की मांग की थी। उसके पिता सलीम ने कहा कि फोन करने वाले ने फिरौती न देने पर अरफात की किडनी बेचने की भी धमकी दी थी।  

भारतीय मूल के छात्रों की मौत की संख्या 11 हो गई 

अराफात की मौत के बाद 2024 में अमेरिका में भारतीय और भारतीय मूल के छात्रों की मौत की संख्या 11 हो गई है। जबकि हम इस वक्त चौथे महीने में ही हैं। भारतीयों में विदेश, विशेषकर अमेरिका में शिक्षा प्राप्त करने की चाहत है। यह अमेरिकी विश्वविद्यालयों के लिए भी वरदान बन गया है।  आजकल, भारतीय छात्र तेजी से अमेरिकी विश्वविद्यालयों में अध्ययन करना पसंद कर रहे हैं, जिससे अमेरिकी विश्वविद्यालयों में तेजी आ रही है। पिछले वर्ष की तुलना में शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए नामांकन में 35% की आश्चर्यजनक वृद्धि के साथ, अमेरिका में भारतीय छात्रों की संख्या आसमान छू गई है। ओपन डोर्स रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में भारतीय मूल के छात्रों की संख्या लगभग 275,000 है और यह कुल विदेशी छात्रों का 25% है और फीस और खर्च के रूप में प्रति वर्ष 9 बिलियन डॉलर आते हैं।

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अमेरिका में शिक्षा जिंदगी की कीमत पर?

भारतीय छात्रों का मानना ​​है कि अमेरिकी डिग्री उच्च वेतन वाली नौकरियों के दरवाजे खोलती है, लेकिन किस कीमत पर? अमेरिका में हाल ही में भारतीय छात्रों की मौत ने सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ा दी हैं। साल 2024 की शुरुआत से ही भारतीय छात्रों की मौत की खबरें जोर पकड़ती जा रही हैं। भारतीय छात्र हिंसक हमलों का शिकार बने, चाहे हमले पैसों के लिए हों या निजी कारणों से। इससे इस साल अमेरिका में भारतीय और भारतीय मूल के छात्रों की मौत की संख्या 11 हो गई, जो एक आश्चर्यजनक संख्या है।

अमेरिका में भारतीय छात्रों की मौत के कारण

एक प्रमुख प्रवासी निकाय ने मौतों के पीछे के कारणों का पता लगाया है और अमेरिकी सरकार की विभिन्न एजेंसियों, विश्वविद्यालयों और छात्र संघों से हाल के महीनों में अमेरिका में भारतीय मूल के छात्रों की मौतों में वृद्धि को संबोधित करने की दिशा में काम करने को कहा है।  10 से अधिक छात्रों की मौत पर डेटा एकत्र करने वाली बोस्टन की लक्ष्मी थलांकी का कहना है कि भारतीय छात्रों की मौतों में अचानक वृद्धि चिंताजनक और संदिग्ध है। फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (एफआईआईडीएस) के एक विश्लेषण में पाया गया कि इन घटनाओं के कारणों में संदिग्ध गोलीबारी/अपहरण, सुरक्षा ज्ञान की कमी के कारण पर्यावरणीय मौतें (मोनोऑक्साइड विषाक्तता, हाइपोथर्मिया), आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाले मानसिक मुद्दे और यहां तक ​​कि दुर्घटनाओं से लेकर हिंसक अपराध तक भी शामिल हैं। 

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