भारत को जो F-35 अमेरिका बेचना चाह रहा था, वो कबाड़ बनकर 13 दिनों से केरल में धूल खा रहा, अब एयरपोर्ट पार्किंग चार्ज वसूलने की तैयारी

F-35
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अभिनय आकाश । Jun 26 2025 1:20PM

बताया जा रहा है कि 30 से 40 लोगों की एक बड़ी टेक्निकल टीम इस फाइटर जेट को ठीक करने के लिए आ रही है। अगर ऐसा नहीं हो पाया तो फिर इसके कलपुर्जों को खोलकर विमान में पैक करके वापस ले जाया जाएगा। लेकिन इससे भी बड़ी जानकारी अब ये सामने आ रही है कि ब्रिटिश फाइटर जेट को एयरपोर्ट पर खड़े होने की कीमत चुकानी पड़ेगी।

बीते तेरह दिनों से ब्रिटिश रॉयल नेवी का एफ 35बी लाइटिंग टब फाइटर जेट भारत में खड़ा है। 110 मिलियन डॉलर की कीमत का ये अत्याधुनिक फाइटर जेट उड़ान नहीं भर पा रहा है और भारत के तिरुवंतपुरम एयरपोर्ट पर खड़ा है। अब इसे लेकर नए अपडेट सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि 30 से 40 लोगों की एक बड़ी टेक्निकल टीम इस फाइटर जेट को ठीक करने के लिए आ रही है। अगर ऐसा नहीं हो पाया तो फिर इसके कलपुर्जों को खोलकर विमान में पैक करके वापस ले जाया जाएगा। लेकिन इससे भी बड़ी जानकारी अब ये सामने आ रही है कि ब्रिटिश फाइटर जेट को एयरपोर्ट पर खड़े होने की कीमत चुकानी पड़ेगी। 

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दरअसल, 14 जून की रात को कुछ इमरजेंसी के कारण रॉयल नेवी का उड़ता हथियार एफ-35 बी स्टील्थ फाइटर जेट को भारत में लैंड कराया गया। आपको बता दें कि ये वहीं लड़ाकू विमान है जिसे अमेरिका ने तैयार किया है और वो भारत को लगातार इसी की पेशकश कर रहा है। लेकिन सच्चाई ये है कि ये विमान पिछले 13 दिनों से भारत में जमीन पर खड़ा है। वैसे इस विमान को लेकर बड़े बड़े दावे किए जाते हैं। एक दावा तो ये भी है कि ये रडार में नहीं आता। लेकिन इमरजेंसी में जब इसे भारत में लैंड करना पड़ा तो भारतीय वायुसेना के आईएसीसीएस प्रणाली ने न केवल इसे ट्रैक किया बल्कि लैंडिंग से लेकर टेक्निकल सपोर्ट तक हर स्तर पर तेजी से मदद भी पहुंचाई। 

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ये कहीं न कहीं भारतीय वायुसेना सुरक्षा प्रणाली की ताकत को दिखाता है। इसके साथ ही इससे ये भी सवाल उठता है कि क्या एस 35 उतना खतरनाक है, जितना अमेरिका इसको लेकर दावा करता है। अब खबर है कि तिरुवंतपुरम के हवाई अड्डे के बे-4 में जो ब्रिटिश फाइटर जेट पार्कड है उसे उसके लिए पार्किग शुल्क अदा करनी पड़ेगी। मीडिया रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से लिखा जा रहा है कि ब्रिटिश अधिकारियों को ग्राउंडेड विमान के लिए पार्किंग शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा क्योंकि जिस जगह पर ये लड़ाकू विमान खड़ा है वो बे-4 है। ये हावई अड्डे का बे-4 वीआईपी विमानों के लिए आरक्षित स्लॉट है। 

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