पूर्व सीआईए अधिकारी का पुर्तगाल से प्रत्यर्पण संभव
वाशिंगटन। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए द्वारा वर्ष 2003 में मिलान से मिस्र के एक मौलवी का अपहरण किए जाने में कथित भूमिका को लेकर भारतीय मूल की एक पूर्व सीआईए अधिकारी पुर्तगाल से इटली प्रत्यर्पण का सामना कर रही हैं और इस मामले में उन्हें चार साल तक कारावास की सजा हो सकती है। सबरीना डीसूजा के पास अमेरिका और पुर्तगाल की दोहरी नागरिकता है। उन्होंने वाशिंगटन पोस्ट को बताया कि उन्होंने अबु उमर के नाम से जाने जाने वाले हसन मुस्तफा ओसामा नस्र के अपहरण में कोई भूमिका नहीं निभाई। वह पुर्तगाल में रहती हैं जबकि उनकी 90 वर्षीय मां भारत में रहती है। वह उन 26 अमेरिकियों में शामिल हैं जिन्हें अबु उमर के फरवरी 2003 में अपहरण के मामले में इतालवी अदालतों ने दोषी ठहराया है। उन्हें अदालतों में उनकी गैर मौजूदगी में दोषी ठहराया गया।
इटली में उनकी गिरफ्तारी का कोई खतरा नहीं है क्योंकि वह वहां सुनवाई शुरू होने से बहुत पहले अमेरिका आ गई थीं। बहरहाल, पुर्तगाल पुलिस ने एक यूरोपीय गिरफ्तारी वारंट के तहत कार्रवाई करते हुए सबरीना को पिछले साल लिस्बन में हिरासत में लिया था।
वाशिंगटन पोस्ट ने अनुसार पुर्तगाल की शीर्ष अदालत ने इस सप्ताह देश की निचली अदालतों का फैसला बरकरार रखा और कहा कि सबरीना को चार मई तक इटली भेज दिया जाना चाहिए। समाचार पत्र के अनुसार पुर्तगाल की संवैधानिक अदालत ने निचली अदालतों द्वारा रखी गई शर्तों को दोहराया। यूरोपीय गिरफ्तारी वारंट में इटली ने इन शर्तों का पालन करने की गारंटी दी है। अदालतों की शर्त है कि सबरीना के इटली पहुंचने के बाद उनके मामले की फिर से सुनवाई होनी चाहिए या उन्हें नए सबूत के साथ याचिका पेश करने और इतालवी एवं अमेरिकी गवाहों को पेश करने का मौका दिया जाना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ उनकी अनुपस्थिति में मामले की सुनवाई हुई थी। कैरवैन की 2012 की रिपोर्ट के अनुसार सबरीना मुंबई में पली बढ़ीं। उन्होंने 1985 में अमेरिकी राजनयिक से विवाह करने के बाद नागरिकता बदली। उनका 1996 में तलाक हो गया।
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