पाकिस्तान के साथ उपनिवेश की तरह व्यवहार कर रहा है आईएमएफ : मरियम नवाज

Maryam Nawaz
ANI

पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) (पीएमएल-एन) की वरिष्ठ नेता मरियम नवाज ने कहा है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के लिए एक ‘‘बंधक’’ है और उसके साथ वह एक उपनिवेश की तरह व्यवहार कर रहा है।

लाहौर। पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) (पीएमएल-एन) की वरिष्ठ नेता मरियम नवाज ने कहा है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के लिए एक ‘‘बंधक’’ है और उसके साथ वह एक उपनिवेश की तरह व्यवहार कर रहा है। मरियम नवाज ने वैश्विक ऋणदाता के साथ पिछले समझौतों का उल्लंघन करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की आलोचना करते हुए यह बात कही। दरअसल, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था गंभीर संकट का सामना कर रही है।

देश वाशिंगटन स्थित आईएमएफ से 1.1 अरब अमेरिकी डॉलर की बेहद आवश्यक धनराशि का इंतजार कर रहा है। मरियम ने सोमवार को यहां लाहौर के मॉडल टाउन इलाके में युवाओं और सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ आईएमएफ हम पर भरोसा करने को तैयार नहीं है। पाकिस्तान आईएमएफ का बंधक है और वह देश के साथ एक उपनिवेश की तरह व्यवहार कर रहा है। हम इसके चंगुल से निकलने की कोशिश करें, तो भी नहीं कर पाते हैं। ’’

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पाकिस्तान के दैनिक समाचारपत्र डॉन की एक खबर के मुताबिक, मरियम ने पिछले आईएमएफ समझौते का उल्लंघन करने के लिए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान की कड़ी आलोचना भी की। उन्होंने कहा कि इमरान खान की गलतियों की वजह से देश एक अरब रुपये की भीख मांग रहा है। मरियम (49) ने अपने पिता एवं पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार और इमरान खान की सरकार की तुलना करते हुए कहा कि क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान ने अपने कार्यकाल के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने की शुरुआत कर दी थी। उन्होंने, इमरान पर प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए उन्हें मिले उपहार बेच कर आर्थिक लाभ लेने और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को संकट में डालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इमरान खान को गिरफ्तार कर लिया जाना चाहिए। मरियम ने कहा, ‘‘ वह पार्टी कार्यकर्ताओं के पीछे क्यों छिप रहे हैं? वह फिर से प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। मैं पूछती हूं कि उन्होंने ऐसा क्या किया है कि उन्हें फिर से प्रधानमंत्री बनाया जाए। इमरान खान ने कुछ जनरलों और न्यायाधीशों का समर्थन हासिल करने की कोशिश की। अब वह सत्ता में वापसी करने के लिए न्यायपालिका पर भरोसा कर रहे हैं।’’ इस बीच, नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का रवैया अपने प्रति नरम करने के लिए अमेरिका से मदद मांगने का फैसला किया है। गौरतलब है कि पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच कर्मचारी स्तर के समझौते पर अभी हस्ताक्षर नहीं हो पाए हैं। पाकिस्तान को आईएमएफ से 1.1 अरब डॉलर की किस्त भी अभी नहीं मिली है। जियो न्यूज की खबर के मुताबिक कर्मचारी स्तर के समझौते पर आगे बढ़ने के लिए आईएमएफ को मनाने में विफल रहे पाकिस्तान के पास वाशिंगटन तथा अन्य पश्चिमी सहयोगियों से मदद मांगने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भारी संकट में है। कुछ हफ्ते पहले उसका विदेशी मुद्रा भंडर 2.9 अरब डॉलर के बेहद निचले स्तर पर पहुंच गया था। खबर के मुताबिक वित्त मंत्री इसहाक डार ने इस्लामाबाद में अमेरिकी राजनयिकों से संपर्क स्थापित किया है और अमेरिका के वित्त विभाग के हस्तक्षेप के जरिए गतिरोध को दूर करने में मदद देने का अनुरोध किया है।

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इसमें कहा गया, ‘‘अब आईएमएफ का कहना है कि बाहरी खाते पर 6-7 अरब डॉलर के वित्तपोषण अंतर को भरने के लिए पाकिस्तान अपने मित्र देशों और बहुपक्षीय लेनदारों से जून 2023 के अंत तक 200 प्रतिशत आश्वासन प्राप्त करे।’’ मुद्राकोष ने पाकिस्तान से कहा है कि वह सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर तथा बहुपक्षीय ऋणदाताओं से छह से सात अरब डॉलर की बाहरी वित्तीय जरूरतों के लिए जून 2023 तक समर्थन प्राप्त करे ताकि वित्तीय अंतर को पाटा जा सके।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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