भारत से कपास और चीनी आयात के फैसले पर इमरान सरकार का यू-टर्न, फिर अलापा कश्मीर राग

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भारत दुनिया का सबसे बड़ा कपास उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा चीनी निर्माता है। पाकिस्तान ने मई 2020 में कोविड-19 महामारी के बीच भारत से जरूरी दवाओं और आवश्यक दवाओं के लिये कच्चे माल के आयात पर से रोक हटाई थी।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) के भारत से चीनी और कपास आयात करने के फैसले को खारिज कर दिया, सरकार के दो वरिष्ठ मंत्रियों ने कहा कि नयी दिल्ली के साथ संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक वह जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के 2019 के अपने फैसले को वापस नहीं ले लेता। यह फैसला पाकिस्तान के नए वित्त मंत्री हम्माद अजहर द्वारा बुधवार को की गई उस घोषणा के बाद आया जिसमें उन्होंने अपनी अध्यक्षता में हुई ईसीसी की बैठक के बाद भारत से कपास और चीनी के आयात पर लगे करीब दो साल पुराने प्रतिबंध को वापस लेने की घोषणा की थी। इस मुद्दे को लेकर दोपहर बाद से ही कयास लग रहे थे लेकिन अधिकारी खामोश थे और अंतत: फैसले को लेकर पहली टिप्पणी मानवाधिकार मामलों की मंत्री शिरीन मजारी की तरफ से आई जिन्हें कश्मीर को लेकर उनके कट्टर रुख के लिये जाना जाता है। 

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प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मजारी ने ट्वीट किया, “मंत्रिमंडल ने आज स्पष्ट रूप से कहा कि भारत के साथ कोई व्यापार नहीं होगा।” मजारी ने कहा कि 20 मार्च को कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद से पहली बार मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रधानमंत्री इमरान खान ने, “(यह) स्पष्ट किया (कि) भारत के साथ रिश्ते तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक वे पांच अगस्त 2019 को कश्मीर में की गई कार्रवाई को वापस नहीं ले लेते।” बाद में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक वीडियो संदेश में कहा कि मंत्रिमंडल ने भारत से कपास और चीनी के आयात के मुद्दे पर चर्चा की। उनहोंने कहा, “ऐसा पेश किया जा रहा है कि भारत के साथ संबंध सामान्य हो गए हैं और व्यापार बहाल हो गया है…”। “इस रुख पर प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल की सर्वसम्मत राय है कि जब तक भारत पांच अगस्त 2019 की एकतरफा कार्रवाई को वापस नहीं लेता, भारत के साथ संबंध सामान्य होना संभव नहीं है।” मंत्रिमंडल की बैठक से पहले मजारी ने कहा था कि ईसीसी के सभी फैसलों के लिये मंत्रिमंडल की मंजूरी जरूरी होती है और सिर्फ तभी उन्हें सरकार द्वारा “स्वीकृत” के तौर पर देखा जा सकता है। 

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मजारी ने ट्वीट किया, “महज रिकॉर्ड के लिये- ईसीसी के सभी फैसलों को मंत्रिमंडल की मंजूरी चाहिए होती है और उसके बाद ही उन्हें ‘सरकार से स्वीकृत’ माना जाता है। इसलिये मंत्रिमंडल की आज की बैठक में भारत के साथ व्यापार समेत ईसीसी के फैसलों पर चर्चा होगी और उसके बाद सरकार द्वारा फैसला लिया जाएगा। मीडिया को कम से कम इस बात की जानकारी होनी चाहिए।” अजहर द्वारा बुधवार को भारत से कपास और चीनी आयात करने की घोषणा से द्विपक्षीय व्यापर संबंधों के आंशिक रूप से बहाल होने की उम्मीद बढ़ी थी। भारत के पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिये जाने के बाद से दोनों देशों में व्यापास संबंध ठप हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा कपास उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा चीनी निर्माता है। पाकिस्तान ने मई 2020 में कोविड-19 महामारी के बीच भारत से जरूरी दवाओं और आवश्यक दवाओं के लिये कच्चे माल के आयात पर से रोक हटाई थी।

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