अपने सबसे बड़े हमदर्द चीन के घर जा रहे इमरान, ओलंपिक समारोह में शामिल होना बहाना, असली मकसद है झोली फैलाना

इमरान खान चाहते हैं कि चीन उन्हें 3 अरब डॉलर की खैरात दे दे जिससे वो अपनी मुफलिसी के दिन को कम कर अपने देश के विदेशी मुद्रा भंडार को स्थिर कर सके।
आर्थिक महामारी झेल रहे पाकिस्तान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। बढ़ती महंगाई और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी इमरान सरकार आए दिन देश और सरकार चलाने के लिए दूसरे देशों के सामने हाथ फैला रही है। अब इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री इमरान खान अपने सबसे बड़े हमदर्द चीन के घर जा रहे हैं। कहने को तो 3 फरवरी से शुरू हो रहा उनका दौरा बीजिंग में 4 फरवरी से शुरू होने जा रहे विंटर ओलंपिक के ओपनिंग सेरेमनी में शिरकत के लिए है। लेकिन असली मकसद यहां भी झोली फैलाने का ही है।
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दरअसल, सऊदी अरब से 3 अरब डॉलर का कैश रिजर्व हासिल करने के बाद अब इमरान खान 3 फरवरी को चीन दौरे पर इसलिए जा रहे हैं क्योंकि यहां पर भी उनका मकसद कर्ज हासिल करना है। सऊदी से इतने कर्ज के बाद भी पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम होता जा रहा है। पाकिस्तान पर घरेलू और विदेशी कर्ज 50 हजार अरब रुपये से भी ज्यादा हो चुका है। एक साल पहले हर एक पाकिस्तानी के ऊपर लगभग 75 हजार रुपये का कर्ज था।
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खबरे हैं कि इमरान ये दौरा चीन से अपने रिश्ते मजबूत करने के लिए कर रहे हैं। लेकिन इमरान के चीन दौरे की असली वजह अब सामने आई है। इमरान खान चाहते हैं कि चीन उन्हें 3 अरब डॉलर की खैरात दे दे जिससे वो अपनी मुफलिसी के दिन को कम कर अपने देश के विदेशी मुद्रा भंडार को स्थिर कर सके। यही नहीं इमरान खान चीन को सीपीईसी पर मनाने का प्रयास करेंगे जिसमें हो रही देरी पर ड्रैगन भड़का हुआ है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार इमरान के साथ उनके छह मंत्री भी चीन जा रहे हैं। हालांकि ये अभी तक सामने नहीं आया है कि इमरान और जिनपिंग की मुलाकात होगी या नहीं?
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