एक विवाद सुलझाने के प्रयास में ट्रंप ने खड़ा किया दूसरा विवाद

ट्रंप ने एक राजनयिक विवाद को सुलझाने के क्रम में दूसरे विवाद को ताजा कर दिया। यह विवाद ओबामा प्रशासन द्वारा जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल की फोन कॉल की निगरानी किए जाने से जुड़ा है।
वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बराक ओबामा पर लगाए गए अपने फोन टैप करने के आरोप को वापस लेने से इनकार कर दिया और व्हाइट हाउस के उस अपुष्ट खबर को रेखांकित करने के फैसले की जिम्मेदारी लेने से भी किनारा कर लिया, जिसमें कथित निगरानी में ब्रिटेन द्वारा मदद किए जाने की बात कही गई थी। ट्रंप ने एक राजनयिक विवाद को सुलझाने के क्रम में एक दूसरे विवाद को ताजा कर दिया। यह विवाद ओबामा प्रशासन द्वारा जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल की फोन कॉल की निगरानी किए जाने से जुड़ा है।
ट्रंप ने मार्केल के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में चुटकी लेते हुए कहा था, ‘‘लेकिन हममें कुछ तो समान है..शायद।’’ ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद पहली बार व्हाइट हाउस की यात्रा पर आईं एंजेला राष्ट्रपति की इस टिप्पणी पर हैरान दिखीं। ओबामा प्रशासन की जासूसी के चलते उस समय जर्मनी गुस्से में आ गया था और तब इससे अमेरिका और जर्मनी के बीच के संबंध खराब होने का खतरा पैदा हो गया था।
ओबामा के खिलाफ ट्रंप के हालिया अपुष्ट आरोपों ने उन्हें अलग-थलग किया है। रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों ही दलों के सांसदों का कहना है कि उन्हें उनके दावे के समर्थन में खुफिया एजेंसियों से कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। लेकिन अक्सर अपनी गलती नहीं मानने वाले ट्रंप पर इसका कोई असर नहीं हुआ और उन्होंने अपने सलाहकारों को एक ऐसी मुश्किल स्थिति में डाल दिया, जहां उन्हें बिना किसी पुख्ता साक्ष्य के राष्ट्रपति का बचाव करना पड़ रहा है।
गुरुवार को प्रवक्ता सीन स्पाइसर ने फॉक्स न्यूज के विश्लेषक के उस दावे का हवाला दिया था कि ब्रितानी इलेक्ट्रॉनिक खुफिया एजेंसी जीसीएचक्यू ने ओबामा को ट्रंप के फोन टैप करने में मदद की थी। फॉक्स न्यूज के प्रस्तोता शेफर्ड स्मिथ ने शुक्रवार को कहा कि नेटवर्क पूर्व जज और कमेंटेटर एंड्रियू नेपोलिटेनो की रिपोर्टों की स्वतंत्र तौर पर पुष्टि नहीं कर सकता। जीसीएचक्यू ने सार्वजनिक बयान देते हुए इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था और कहा था कि कि यह रिपोर्ट ‘‘बेहद बचकानी है और इसे नजरअंदाज किया जाना चाहिए।’’ वाशिंगटन में ब्रितानी राजदूत किम डेरोच और अन्य ब्रितानी अधिकारियों ने व्हाइट हाउस के अधिकारियों से सीधे शिकायत की थी। प्रधानमंत्री टेरीजा मे के कार्यालय ने कहा कि उसे आश्वासन दिया गया है कि व्हाइट हाउस इन आरोपों को दोहराएगा नहीं। स्पाइसर खुद भले ही राजदूत के समक्ष माफी मांगने की मुद्रा में दिखे लेकिन ट्रंप ने खुद कोई दुख नहीं जताया और कहा, ‘‘आपको मुझसे नहीं फॉक्स से बात करनी चाहिए।’’
अन्य न्यूज़