चीन को संतुलित करने वाली ताकत है भारत: अमेरिकी सांसद

एशिया में चीन के बढ़ते क्षेत्रीय प्रभाव को संतुलित करने में भारत को अहम ताकत बताते हुए अमेरिका के शीर्ष सांसद ने ओबामा प्रशासन से अपील की है कि वह दिल्ली के साथ संबंधों को मजबूत करे।

वाशिंगटन। एशिया में चीन के बढ़ते क्षेत्रीय प्रभाव को संतुलित करने में भारत को एक अहम ताकत बताते हुए अमेरिका के एक शीर्ष सांसद ने ओबामा प्रशासन से अपील की है कि वह नयी दिल्ली के साथ अपने संबंधों को मजबूत करे। कांग्रेस सदस्य इलियट एंगेल ने गुरुवार को कांग्रेस की सुनवाई के दौरान कहा, ‘‘रणनीतिक नजरिए से भारत एशिया में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने वाली एक अहम शक्ति है। उन्होंने दक्षिण चीन सागर और हिंद महासागर में नौवहन की स्वतंत्रता जैसे मुद्दों पर मुखरता बढ़ाई है।’’

न्यूयॉर्क से कांग्रेस के सदस्य ने ‘एशिया में चुनौतियां एवं अवसर’ नामक मुद्दे पर सदन की विदेश मामलों की समिति के समक्ष सुनवाई के दौरान कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत अमेरिका की एशिया नीति का एक अहम हिस्सा होना चाहिए। कांग्रेस सदस्य कहा, ‘‘दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के तौर पर भारत में पूर्वी एशिया की एक बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की क्षमता है। वह समुद्री मुद्दों पर पहले ही एक सकारात्मक भूमिका निभा रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एशिया क्षेत्र में क्रय शक्ति क्षमता के आधार पर यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और इस क्षेत्र का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।’’

एंगेल ने कहा, ‘‘अमेरिका और भारत का संबंध महत्वपूर्ण है, यह बढ़ रहा है..विशेषकर रक्षा क्षेत्र में। प्रधानमंत्री मोदी कुछ माह में राष्ट्रपति ओबामा से मिलने के लिए एक बार फिर वाशिंगटन आएंगे।’’ जवाब में ब्लिंकेन ने कहा कि ओबामा प्रशासन भारत के महत्व पर सांसदों के विचार से दृढ़ता के साथ सहमति रखता है। वह क्षेत्र के हिस्से के रूप में और क्षेत्रीय शक्ति के रूप में उसके लगातार बढ़ते महत्व पर भी सहमति रखता है। ब्लिंकेन ने कहा, ‘‘भारत की अपनी क्षेत्रीय नीति है जो पुनर्संतुलन की दिशा में हमारी ओर से किए जा रहे काम के अनुरूप है।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका इन प्रयासों में भारत को शामिल करने के लिए तेजी से काम कर रहा है। ब्लिंकेन ने कहा, ‘‘हम दो काम कर रहे हैं। हम भारत के साथ अपना खुद का संबंध बना रहे हैं। यह प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान हुए असाधारण उच्चस्तरीय संपर्क में देखने को मिला। राष्ट्रपति को पहली बार गणतंत्र दिवस पर सम्मानित अतिथि के रूप में बुलाया गया। इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में बेहद ठोस सहयोग भी किया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जलवायु से लेकर स्मार्ट सिटीज़ तक, कारोबार के माहौल में सुधार से लेकर रक्षा क्षेत्र में सहयोग एवं उत्पादन सहयोग तक..खुफिया जानकारी, सूचना साझा करने से आतंकवाद एवं हिंसक चरमपंथ से मुकाबले तक में संबंध आगे बढ़े हैं।’’

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