बेरूत धमाके को लेकर भारत सरकार ने व्यक्त की गहरी संवेदना, लेबनान को भेजा और राहत सामग्री

लेबनान

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत टी एस तिरूमूर्ति ने लेबनान में हुई इस ‘‘भयावह मानवीय त्रासदी’’ पर भारत सरकार और भारत के लोगों की ओर से गहरी संवेदना व्यक्त की। तिरूमूर्ति ने लेबनान में मानवीय स्थिति पर सोमवार को एक ब्रीफिंग में कहा, ‘‘बेरूत में लोगों की मौत और व्यापक तबाही का हमें अत्यधिक दुख है।

संयुक्त राष्ट्र। भारत भीषण विस्फोट की तबाही झेल रहे लेबनान को और राहत सामग्री भेज रहा है जिसमें दवाएं और खाद्य वस्तुएं भी शामिल हैं। पिछले सप्ताह लेबनान की राजधानी बेरूत में भीषण विस्फोट से बहुत तबाही हुई। इसमें 160 से अधिक लोग मारे गए और छह हजार से अधिक घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत टी एस तिरूमूर्ति ने लेबनान में हुई इस ‘‘भयावह मानवीय त्रासदी’’ पर भारत सरकार और भारत के लोगों की ओर से गहरी संवेदना व्यक्त की। तिरूमूर्ति ने लेबनान में मानवीय स्थिति पर सोमवार को एक ब्रीफिंग में कहा, ‘‘बेरूत में लोगों की मौत और व्यापक तबाही का हमें अत्यधिक दुख है। हम प्रार्थना करते हैं कि प्रभावित परिवारों को इस भयावह क्षति से उबरने की शक्ति मिले।’’ उन्होंने कहा कि भारत ने अभी हाल में ही लेबनान को कोविड-19 से निपटने के लिए दवाएं भेजी हैं। तिरूमूर्ति ने कहा, ‘‘हम तत्काल और राहत सामग्री तथा मानवीय मदद भेज रहे हैं जिसमें दवाएं, खाद्य वस्तुएं और अन्य आवश्यक चीजें शामिल हैं। हम जमीनी कठिनाइयों को दूर करने के लिए जो कर सकते हैं, वह कर रहे हैं। हम लेबनान सरकार से इस बारे में चर्चा कर रहे हैं कि आगे हम और किस तरह का योगदान कर सकते हैं।’’

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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भी मृतकों के परिजन और प्रियजन के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने विस्फोट में घायल हुए छह हजार लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। तिरूमूर्ति ने कहा कि उन्होंने पिछले साल ‘‘सुंदर शहर बेरूत’’ की यात्रा की थी। उन्होंने कहा कि उनके लिए यह कल्पना करना मुश्किल है कि उमंग से लबरेज यह शहर विस्फोट से प्रभावित हुआ है। भारतीय राजदूत ने कहा, ‘‘मैं इस त्रासदी से लड़ने में लोगों के जुझारूपन और राहतकर्मियों के समर्पण की सराहना करता हूं।’’ तिरूमूर्ति ने कहा कि लेबनान के साथ भारत के पारंपरिक रूप से घनिष्ठ और ऐतिहासिक संबंध रहे हैं तथा वहां संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल के रूप में भारत के शांतिसैनिकों ने अपना योगदान दिया है। गुतारेस ने कहा कि विस्फोट के लगभग एक सप्ताह बाद भी अनेक लोग लापता हैं। इस विस्फोट से बेरूत से मीलों दूर तक इमारतें नष्ट हो गईं। बेरूत में छह साल से एक भंडार में रखे 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट में गत चार अगस्त को हुए भीषण धमाके ने व्यापक तबाही मचाई है।

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