Israel ने गाजा जा रहे सहायता जहाजों को रोका, Greta Thunberg को भी हिरासत में लिया

इजरायली नौसेना ने अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में गाजा जा रहे ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला के कई मानवीय सहायता जहाजों को रोका, जिनमें ग्रेटा थुनबर्ग भी शामिल थीं। ये जहाज युद्धग्रस्त गाजा में दवाएं और भोजन पहुंचाने का प्रयास कर रहे थे, जिसे इजरायल ने वैध नाकेबंदी का उल्लंघन बताया। कार्यकर्ताओं ने इसे ‘युद्ध अपराध’ करार देते हुए अवैध अवरोधन का आरोप लगाया।
इजरायली नौसेना ने गाजा की ओर जा रहे 'ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला' के कई सहायता जहाजों को रोक दिया, जिनमें स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग भी शामिल थीं। इजरायली विदेश मंत्रालय ने एक वीडियो साझा किया, जिसमें थुनबर्ग सैनिकों से घिरी हुई एक जहाज के डेक पर बैठी दिखाई दे रही थीं।
इजरायली नौसेना की बड़ी कार्रवाई
अधिकारियों के अनुसार, बेड़े की नावों, जिनमें 'सीरियस', 'अल्मा' और 'अदारा' शामिल थीं, को अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में रोक दिया गया और उन्हें इजरायली बंदरगाह की ओर मोड़ दिया गया। इजरायली मंत्रालय ने एक्स पर वीडियो साझा करते हुए पुष्टि की कि ग्रेटा और उसके दोस्त सुरक्षित और स्वस्थ हैं। फिलहाल, इन जहाजों के यात्रियों और कार्यकर्ताओं को एक इजरायली बंदरगाह पर स्थानांतरित किया जा रहा है।
Already several vessels of the Hamas-Sumud flotilla have been safely stopped and their passengers are being transferred to an Israeli port.
— Israel Foreign Ministry (@IsraelMFA) October 1, 2025
Greta and her friends are safe and healthy. pic.twitter.com/PA1ezier9s
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गाजा क्यों जा रहे थे जहाज?
40 से अधिक नागरिक नावों वाला यह बेड़ा युद्धग्रस्त और अकाल-ग्रस्त गाजा में दवाइयां और भोजन जैसी मानवीय सहायता पहुंचाने का प्रयास कर रहा था। उनका लक्ष्य समुद्री मार्ग से सहायता पहुंचाना और इजरायल द्वारा लगाई गई नाकेबंदी को तोड़ना था।
इजरायली नौसेना ने यह कार्रवाई तब की जब उन्होंने नावों को कई दिनों तक चेतावनी दी थी। इजरायल का तर्क था कि ये नावें एक सक्रिय युद्ध क्षेत्र की ओर बढ़ रही हैं और एक वैध नाकेबंदी का उल्लंघन कर रही हैं।
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कार्यकर्ताओं के आरोप
फ्लोटिला के कार्यकर्ताओं ने इजरायली सेना के हस्तक्षेप को एक 'युद्ध अपराध' बताया। आयोजकों ने एक बयान में कहा, 'अंतर्राष्ट्रीय जलक्षेत्र में इजरायली कब्जा बलों ने कई नावों को अवैध रूप से रोका और उन पर सवार हो गए।'
नावों पर सवार लोगों ने टेलीग्राम पर क्लिप जारी कीं, जिनमें उन्होंने दावा किया कि उनका अपहरण कर लिया गया है और उन्हें उनकी इच्छा के विरुद्ध इजरायल ले जाया जा रहा है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इजरायली सेना ने कार्यकर्ताओं के खिलाफ पानी की बौछार जैसे आक्रामक तरीकों का इस्तेमाल किया। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि किसी को कोई गंभीर नुकसान नहीं पहुंचा है।
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