मसूद अजहर की बहन सैदा को मिली जैश की महिला विंग की कमान, पाकिस्तान कर रहा पूरी मदद

आतंकवादी समूह 9 नवंबर को सुबह 10 बजे कराची में एक विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की योजना बना रहा है। सूत्रों ने बताया कि इस कार्यक्रम का लक्ष्य कथित तौर पर गरीब और युवा महिलाओं को चरमपंथी विचारधारा से परिचित कराना और उन्हें समूह की गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करना है।
पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने जमात-उल-मोमिनात नाम से अपनी पहली महिला शाखा शुरू की है, जिसकी कमान प्रतिबंधित संगठन के प्रमुख मसूद अजहर की बहन सईदा अजहर को सौंपी गई है। इस इकाई के गठन का उद्देश्य आतंकवादी समूह की उपस्थिति को मज़बूत करना और महिलाओं की भर्ती करके उसकी पहुँच का विस्तार करना है। सईदा अजहर के पति यूसुफ, जैश प्रमुख के परिवार के उन सदस्यों में शामिल थे, जो 7 मई को जवाबी कार्रवाई "ऑपरेशन सिंदूर" के दौरान बहावलपुर में समूह के मुख्यालय पर भारतीय हवाई हमलों में मारे गए थे।
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सूत्रों के अनुसार, आतंकवादी समूह 9 नवंबर को सुबह 10 बजे कराची में एक विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की योजना बना रहा है। सूत्रों ने बताया कि इस कार्यक्रम का लक्ष्य कथित तौर पर गरीब और युवा महिलाओं को चरमपंथी विचारधारा से परिचित कराना और उन्हें समूह की गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करना है। खुफिया एजेंसियां इस आयोजन की तैयारियों पर कड़ी नज़र रख रही हैं और इसे जैश-ए-मोहम्मद की व्यापक भर्ती और कट्टरपंथीकरण रणनीति का एक हिस्सा मान रही हैं।
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सुरक्षा अधिकारियों का संकेत है कि पाकिस्तानी सेना और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) इस महिला नेटवर्क को स्थापित करने में प्रतिबंधित संगठन का सक्रिय रूप से समर्थन कर रहे हैं। यह सहयोग महिलाओं को समाज में आतंकवादी समूह के प्रभाव को और गहरा करने के लिए एक नए माध्यम के रूप में इस्तेमाल करने के समन्वित प्रयास का हिस्सा माना जा रहा है।
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