Prabhasakshi NewsRoom: Myanmar में सैन्य शासन ने अपनी ही जनता पर की Airstrike, 100 से ज्यादा लोग मरे

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हम आपको बता दें कि इस हमले के बारे में जानकारी स्वतंत्र मीडिया समूहों ने जानकारी की है। म्यांमार में चूंकि मीडिया को स्वतंत्रता नहीं है इसलिए वहां इस खबर को दबा दिया गया है लेकिन विदेशी मीडिया संस्थानों ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया है।

म्यांमार में सैन्य शासन की ओर से की गयी क्रूर कार्रवाई में 100 से अधिक लोग मारे गये हैं। बताया जा रहा है कि सैन्य शासन के विरोध में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने वाले लोगों पर हवाई हमले किये गये जिसमें कई बच्चों समेत 100 से ज्यादा लोग मारे गये हैं। हम आपको बता दें कि म्यांमार की सेना ने फरवरी 2021 में सरकार का तख्ता पलट दिया था और आंग सान सू की पर कई मामले लगा कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद से सैन्य शासन का विरोध करने वालों के खिलाफ निर्ममता बरती जाती है। म्यांमार में पहले भी कई बार ऐसे वाकये भी सामने आये हैं जब लोकतंत्र समर्थकों पर हवाई हमले किये गये लेकिन पहली बार 100 से ज्यादा लोग एक ही कार्रवाई में मारे गये हैं।

हम आपको बता दें कि इस हमले के बारे में स्वतंत्र मीडिया समूहों ने जानकारी की है। म्यांमार में चूंकि मीडिया को स्वतंत्रता नहीं है इसलिए वहां इस खबर को दबा दिया गया है लेकिन विदेशी मीडिया संस्थानों ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ ने एक प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से बताया है कि लड़ाकू विमान ने सागैंग क्षेत्र की कनबालु टाउनशिप में पाजिगी गांव के बाहर सुबह आठ बजे उस समय बमबारी की जब म्यांमार के विपक्षी समूह के एक स्थानीय कार्यालय के उद्घाटन के दौरान बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए थे। बताया जा रहा है कि जिस क्षेत्र में बमबारी की गयी है वह म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले से लगभग 110 किलोमीटर उत्तर में है। मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि लड़ाकू विमान से बमबारी के आधे घंटे बाद एक हेलीकॉप्टर से गोलीबारी भी की गयी।

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खबरों के मुताबिक बमबारी के समय इधर उधर भागने के दौरान गिरने और जान बचाने के लिए खाई में कूदने के कारण बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं। इस घटना ने सैन्य शासन के प्रति जहां स्थानीय लोगों का मन आक्रोश से भर दिया है वहीं विश्व स्तर पर म्यांमार में लोगों के मानवाधिकार के हनन के बढ़ते मामलों के प्रति चिंता भी बढ़ा दी है। हम आपको यह भी बता दें कि मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक म्यांमार में तख्तापलट के बाद सेना की कार्रवाई में अब तक 3000 से ज्यादा नागरिक मारे गये हैं। इन नागरिकों का कसूर इतना था कि इन्होंने लोकतंत्र की बहाली की मांग की और सैन्य शासन की क्रूरता का विरोध किया था। लोकतंत्र समर्थकों को हिरासत में यातनाएं देना, प्रदर्शन कर रही जनता को गोली से उड़ा देना, मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ा देना म्यांमार की नई पहचान बन गयी है।

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा है कि हम म्यांमार में सशस्त्र बलों द्वारा किए गए हमले की कड़ी निंदा करते हैं। प्रवक्ता ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस ने पूरे देश में आबादी के खिलाफ हिंसा के अभियान को समाप्त करने के अपने आह्वान को दोहराया है। वहीं अमेरिका का भी इस मुद्दे पर बयान आया है। उसने कहा है कि वह हवाई हमलों को लेकर बेहद चिंतित है।

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