ड्रोन हमलों के बारे में सूचना जारी करने की प्रक्रिया होगी: ओबामा

[email protected] । Apr 8 2016 12:00PM

ओबामा को उम्मीद है कि अगले साल जनवरी में उनका कार्यकाल समाप्त होने तक ड्रोन हमले करने और उनके बारे में सालाना जानकारी सार्वजनिक करने के संबंध में एक औपचारिक प्रक्रिया होगी।

वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को उम्मीद है कि अगले साल जनवरी में उनका कार्यकाल समाप्त होने तक ड्रोन हमले करने और उनके बारे में सालाना जानकारी सार्वजनिक करने के संबंध में एक औपचारिक प्रक्रिया होगी। ओबामा ने शिकागो यूनिवर्सिटी में अपने संबोधन में कहा ‘‘मुझे उम्मीद है कि जब मेरा कार्यकाल खत्म होगा, तब यहां न केवल ड्रोन के लिए मानकों का हमारे द्वारा तैयार एक अंदरूनी ढांचा होगा बल्कि ड्रोन प्रौद्योगिकी के माध्यम से अंजाम दी जाने वाली कार्रवाइयों के संबंध में एक संस्थागत प्रक्रिया भी होगी जिसकी सालाना आधार पर रिपोर्ट दी जाएगी ताकि लोग इसे देख सकें।’’

उन्होंने कहा कि उनके लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि ड्रोन हमलों के बारे में कई गलतफहमियां हैं। उन्होंने कहा ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि ड्रोन हमलों में कुछ बेकसूर लोग मारे गए हैं। यह सच नहीं है कि इसके पीछे सोच ‘चलो गांव पर बम गिराएं’ वाली है।’’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक सवाल के जवाब में कहा ‘‘मैं पूरे भरोसे के साथ कह सकता हूं कि ड्रोन हमलों में हताहत नागरिकों की संख्या परंपरागत युद्ध में हताहत नागरिकों की संख्या की तुलना में बहुत कम है।’’

ओसामा बिन लादेन का उदाहरण देते हुए ओबामा ने कहा कि यह राष्ट्रहित में किया गया एक प्रभावी अभियान था। उन्होंने कहा ‘‘हमने अपने सर्वश्रेष्ठ लोगों को इसमें लगाया जिन्होंने इसे इस ग्रह के इतिहास में अब तक बेहद प्रभावी तरीके से अंजाम दिया। उन्होंने इस मिशन को बिना किसी चूक के संचालित किया।’’

ओबामा ने कहा, ‘‘लेकिन अभियान में ऐसे लोग भी मारे गए जिन्हें आप कह सकते हैं कि वे मिशन का निशाना नहीं थे। जैसे बिन लादेन के परिवार के सदस्य। अब इन्हें उन मानकों के तहत नागरिकों का हताहत होना कहा जाएगा जिनसे आप अपनी सूचना हासिल करते हैं।’’ अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा गया था कि ड्रोन हमलों को कैसे जायज ठहराया जा सकता है जबकि इनमें नागरिक भी हताहत होते हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप प्रतिशत को देखते हैं तो इस अतिदुर्लभ मिशन में हताहत होने वाले नागरिकों की संख्या बहुत ही कम थी। ‘‘जरा उन सामान्य उग्रवादी अभियानों में मारे गए नागरिकों की संख्या की कल्पना करें जब इराक युद्ध चरम पर था या जब हम अफगानिस्तान में सक्रिय रूप से लड़ रहे थे।’’

ओबामा ने कहा ‘‘हम इराक में मारे गए अमेरिकी सैनिकों की बात करते हैं। अल कायदा के हाथों बड़ी संख्या में इराकी मारे गए, लेकिन ऐसे लोगों की संख्या भी कम नहीं है जो फलूजा या रमादी जैसी स्थितियों में पूरी तरह सावधानी बरतने की कोशिश के बावजूद अमेरिकी सेना के हाथों मारे गए।’’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के तौर पर उनका यह काम बहुत ही मुश्किल था कि विपरीत हालात में कम से कम नुकसान के साथ वह अमेरिका को कैसे सुरक्षित रख सकें। उन्होंने कहा कि वह चुपचाप नहीं बैठ सकते थे और उन्हें निर्णय करना पड़ा क्योंकि ऐसे लोग भी हैं जो ‘‘हमें मारना चाहते हैं और इसके लिए रास्ते तलाशने के प्रयास कर रहे हैं।’'

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