कोरोना वायरस का निदान तलाशने के लिये 10 अप्रैल से आनलाइन सम्मेलन

आशा जडेजा मोटवानी

‘‘कोरोना वायरस भारत के समक्ष बड़ी स्वास्थ्य चुनौती है। किसी भी नये संकट में नये विचारों और उसके निदान की रणनीति की जरूरत होती है। इसलिये यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम मिलकर नये विचारों और निदान के साथ आगे आयें। ’’

 कोरोना वायरस महामारी से भारत के समक्ष कौन से चुनौतियां खड़ी होने वाली है और उनका निदान क्या हो सकता है। इस बारे में अमेरिका के सिलाकॉन वैली स्थित एक न्यास ने दस अप्रैल को कोड- 19 नाम से 72 घंटे तक चलने वाला आनलाइन सम्मेलन आयोजित किया है। फाउंडेशन की यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस हैकाथॉन में 3,000 से अधिक शोधकर्ता, विचारक भागीदारी करेंगे। इस विचार विमर्श से जो भी परिणाम सामने आयेगा उससे भारत के समक्ष कोविड- 19 के मौजूदा दौर में और उसके बाद के समय में आने वाली चुनौतियों से पार पाने में मदद मिलेगी।

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मोटवानी जडेजा फाउंडेशन की संस्थापक आशा जडेजा मोटवानी ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस भारत के समक्ष बड़ी स्वास्थ्य चुनौती है। किसी भी नये संकट में नये विचारों और उसके निदान की रणनीति की जरूरत होती है। इसलिये यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम मिलकर नये विचारों और निदान के साथ आगे आयें। ’’

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यह प्रतिस्पर्धा 10 अप्रैल गुड फ्राइडे को शुरू होगी और इसमें कोई अकेले या टीम के साथ भाग ले सकता है। इसके लिए भारतीय समयानुसार शाम छह बजे तक डब्लयूडब्लयूडब्लयू डॉट कोड 19 डॉट इन पर साइन अप किया जा सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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