सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने वालों के खिलाफ सैन्य कानूनों के तहत मुकदमा चले : Pak Minister Maryam

Maryam
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Commons

सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने प्रेस वार्ता में कहा कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर से पूर्व प्रधानमंत्री खान की गिरफ्तारी के बाद नौ मई को आगजनी हमलों और तोड़फोड़ में शामिल होने के आरोप में सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मंत्री ने कहा कि दोषियों को गिरफ्तार करना और सजा दिलाना सरकार की जिम्मेदारी है।

पाकिस्तान की एक शीर्ष मंत्री ने बुधवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के मद्देनजर सेना के प्रतिष्ठानों पर हमले में शामिल लोगों पर कड़े सैन्य कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। आम नागरिकों के खिलाफ सैन्य कानूनों के तहत मुकदमा चलाने को लेकर मानवाधिकार समूहों द्वारा चिंता जताए जाने के बीच सरकार का यह बयान आया है। सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने प्रेस वार्ता में कहा कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर से पूर्व प्रधानमंत्री खान की गिरफ्तारी के बाद नौ मई को आगजनी हमलों और तोड़फोड़ में शामिल होने के आरोप में सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मंत्री ने कहा कि दोषियों को गिरफ्तार करना और सजा दिलाना सरकार की जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमलावरों पर प्रासंगिक नागरिक एवं सैन्य कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।’’ मरियम ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा समिति ने भी ‘‘स्पष्ट रूप से उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता जताई है।’’ उन्होंने कहा कि शहीदों के कब्रिस्तान पर हमला किया गया जो देश के प्रति दुश्मनी दिखाने जैसा है। मंत्री ने कहा, ‘‘हमारे पास वीडियो सबूत हैं और हम ऐसा करने वाले किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शेंगे।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या खान पर भी सैन्य कानून के तहत मुकदमा चलाया जाएगा, उन्होंने कहा कि खान के खिलाफ ‘‘संबंधित अदालतों’’ द्वारा मुकदमा चलाया जाएगा। इस बीच, एमनेस्टी इंटरनेशनल और पाकिस्तान के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग जैसे अधिकार समूहों ने दंगाइयों के खिलाफ सख्त सेना अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने के प्रस्तावित कदम की कड़ी आलोचना की है। एमनेस्टी इंटरनेशन की दक्षिण एशिया इकाई के उप क्षेत्रीय निदेशक दिनुशिका दिस्सानायाके ने कहा, ‘‘यह ध्यान देने वाली बात है कि पाकिस्तानी सेना ने संभवत: सैन्य अदालतों में सैन्य कानूनों के तहत आम नागरिकों पर मुकदमा चलाने की अपनी मंशा जाहिर की है। सैन्य अदालतों में नागरिकों पर मुकदमा चलाना अंतरराष्ट्रीय कानून के विपरीत है।’’

दिनुशिका ने एक बयान में इसे लोगों को ‘‘भयभीत करने की चाल’’ करार दिया। वहीं, पाकिस्तान के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने ट्वीट किया, ‘‘हम नागरिकों पर मुकदमा चलाने के लिए पाकिस्तानी सेना अधिनियम 1952 और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम 1923 का इस्तेमाल करने के कदम का पुरजोर विरोध करते हैं।’’ नौ मई को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के परिसर से भ्रष्टाचार के एक मामले में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद पूरे पाकिस्तान में हिंसा भड़क उठी थी। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के समर्थकों ने कई इमारतों और वाहनों में आग लगा दी थी और पुलिस तथा सैन्य कर्मियों के साथ-साथ सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया था, जिसमें 10 लोग मारे गए थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़