नए साल पर पाकिस्तान में सबसे बड़ी 'SALE', शहबाज-मुनीर अब क्या बेचने चले?

Pakistan
AI Image
अभिनय आकाश । Dec 24 2025 12:12PM

23 दिसंबर बोली जमा करने का आखिरी दिन है और सबसे बड़ी बात तो यह है कि बिक रही पाकिस्तानी एयरलाइंस के लिए पाकिस्तान को खरीदार भी नहीं मिल रहा है।

इस्लामाबाद में शाहबाज शरीफ पाकिस्तानी एयरलाइंस की नीलामी कर रहे हैं। पाकिस्तान पहले बंदरगाह और एयरपोर्ट तो बेच ही चुका है। अब वो एयरलाइंस सेल कर रहा है। पाकिस्तान की इकॉनमी की मिट्टी में मिलती मीनार की सबसे ताजा तस्वीर कुछ यूं है कि पाकिस्तान अपनी नेशनल एयरलाइंस, अपनी राष्ट्रीय एयरलाइंस को बेचने की तैयारी में है। शाहबाज सरकार पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस यानी कि जो पीआईए है उसकी 75% हिस्सेदारी 75% हिस्सेदारी बेचेगी।

इसे भी पढ़ें: 3500 जवान करेंगे हमास पर हमला? गाजा पर पाकिस्तान का खतरनाक प्लान

23 दिसंबर बोली जमा करने का आखिरी दिन है और सबसे बड़ी बात तो यह है कि बिक रही पाकिस्तानी एयरलाइंस के लिए पाकिस्तान को खरीदार भी नहीं मिल रहा है। आलम कुछ यूं है कि डेडलाइन के ठीक दो दिन पहले सेना से जुड़ी एक खाद कंपनी है जो कि फौजी फर्टिलाइजर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जानी जाती है। उन्होंने बोली लगाने से अपना नाम वापस भी ले लिया और अब सिर्फ तीन दावेदार हैं जो कि इस रेस में बाकी हैं। अब आपको बताते हैं कि पाकिस्तानी सरकार को एयरलाइंस बेचने की नौबत क्यों आ गई।

इसे भी पढ़ें: बांग्लादेश हिंसा में ISI को दिखा मौका, भारत के खिलाफ पाकिस्तान की खतरनाक प्लानिंग का खुलासा

पाकिस्तान को आईएमएफ से $ अरब डॉलर का लोन चाहिए और इसके बदले आईएमएफ चाहता है कि पाकिस्तान में घाटे में चल रही सरकारी कंपनियों का प्राइवेटाइजेशन हो, निजीकरण हो और इसी शर्त के मुताबिक पाकिस्तान अपनी 24 सरकारी कंपनियों को प्राइवेट कर रहा है। पीआईए भी इसी का हिस्सा है। पाकिस्तान दुनिया के सबसे बड़े कर्जदार देशों में से एक है। लोन पर पाकिस्तान की पूरी इकॉनमी टिकी रहती है। लोन का ब्याज चुकाने के लिए भी कंगाल पाकिस्तान लोन ही ले लेता है। 

इसे भी पढ़ें: JF-17 को लेकर 4 बिलियन डॉलर की सौदेबाजी, लीबिया और पाकिस्तान में बहुत बड़ी डील!

पीआईए को बेचने की जो दूसरी बड़ी वजह है वो यह कि कई देशों ने पीआईए की फ्लाइट्स को बैन कर रखा है। बैन के चलते पीआईए का घाटा काफी ज्यादा बढ़ चुका है और कंपनी पर करीब 25,000 करोड़ का कर्ज हो चुका है। प्राइवेटाइजेशन होगा तो कंपनी बिक जाएगी। घाटा पूरा हो जाएगा। पाकिस्तान 1958 से अब तक कुल 20 बार आईएमएफ से लोन ले चुका है। आईएमएफ के दबाव में आकर कई ऐसे कड़े फैसले हैं, कठिन फैसले हैं जो पाकिस्तान ने लिए हैं और इसी कड़ी में पाकिस्तान अपने बंदरगाहों को बेच चुका है। एयरपोर्ट को पहले बेच चुका है और इसके बाद पाकिस्तान ने पिछले साल इस्लामाबाद एयरपोर्ट को ठेके पर देने का फैसला भी किया था। 

All the updates here:

अन्य न्यूज़