हाफिज सईद के मदरसों और स्वास्थ्य केंद्रों पर पाक ने की कार्रवाई

Pakistan cracks down on seminaries, health facilities run by Hafiz Saeed
[email protected] । Feb 14 2018 6:17PM

प्रतिबंधित समूहों के खिलाफ कदम उठाने के दबाव में पाकिस्तान ने मुंबई हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद द्वारा संचालित मदरसों और स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्रवाई शुरू की है। मीडिया की एक खबर में आज यह जानकारी दी गई।

इस्लामाबाद। प्रतिबंधित समूहों के खिलाफ कदम उठाने के दबाव में पाकिस्तान ने मुंबई हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद द्वारा संचालित मदरसों और स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्रवाई शुरू की है। मीडिया की एक खबर में आज यह जानकारी दी गई। पिछले माह ही एक उच्च स्तरीय संयुक्त राष्ट्र दल ने उन लोगों और समूहों के खिलाफ कार्रवाई की प्रगति का जायजा लेने के लिए पाकिस्तान का दौरा किया था जिन लोगों और समूहों पर विश्व निकाय ने प्रतिबंध लगाया हुआ है।

पंजाब सरकार के आदेश के बाद, रावलपिंडी के जिला प्रशासन ने हाफिज सईद से संबद्ध जमात उद दावा (जेयूडी) और फलाह ए इन्सानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) द्वारा संचालित एक मदरसे और चार डिस्पेन्सरियों का नियंत्रण ले लिया। डॉन अखबार की खबर में बताया गया है कि मदरसे का जिम्मा औकाफ़ विभाग को सौंप दिया गया जो मजहबी संपत्तियों को नियंत्रित करता है। अखबार की खबर में कहा गया है कि प्रांतीय सरकार ने पिछले शुक्रवार को औकाफ़ विभाग को मदरसों का नियंत्रण अपने हाथ में लेने का आदेश दिया था।

जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया ‘‘प्रांतीय सरकार ने रावलपिंडी में चार मदरसों की एक सूची जिला प्रशासन को सौंपी है। जिला प्रशासन की टीमें इन मदरसों में गईं लेकिन जेयूडी ने इन मदरसों के साथ कोई संबंध होने से इंकार किया है।’’ अधिकारी ने बताया कि सरकार ने ब्यौरों की जांच के लिए जिला प्रशासन, पुलिस और औकाफ़ विभाग का एक संयुक्त दल गठित किया है। उन्होंने बताया कि ऐसा ही अभियान अटक, चकवाल और झेलम जिलों भी चलाया जाएगा।

उपायुक्त तलत महमूद गोंदाल ने पुष्टि की कि सरकार ने जेयूडी द्वारा संचालित एक मदरसे का और एफआईएफ द्वारा संचालित चार डिस्पेन्सरियों का नियंत्रण ले लिया है। बहरहाल, पर्यवेक्षकों का मानना है कि देश भर में फैले जेयूडी के कार्यालयों का नियंत्रण लेना सरकार के लिए आसान नहीं होगा। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित लोगों के खिलाफ हाल ही में कई कदम उठाए हैं। यह कदम पाकिस्तान ने ऐसे समय पर उठाया है जब पेरिस में 18 से 23 फरवरी तक ‘‘फायनेन्शियल एक्शन टास्क फोर्स’’ (एफएटीएफ) की बैठक होने जा रही है। खबरों में कहा गया है कि अमेरिका और भारत कोशिश कर रहे हैं कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय धन शोधन एवं आतंक वित्तपोषण सूची में शामिल किया जाए।

एफएटीएफ की इस सूची में पाकिस्तान को पिछली बार फरवरी 2012 में डाला गया था और वह तीन साल तक सूची में रहा था। संघीय मंत्रिमंडल ने प्रतिबंधित समूहों को वित्तीय मदद रोकने के लिए मंगलवार को नए नियमों को मंजूरी दी है। पिछले सप्ताह पाकिस्तान ने आतंकवाद निरोधक कानूनों में राष्ट्रपति के एक अध्यादेश के जरिये बदलाव किया था ताकि हाफिज सईद से संबद्ध जमात उद दावा और फलाह ए इन्सानियत फाउंडेशन एवं अन्य उग्रवादी गुटों को संयुक्त राष्ट्र के निषिद्ध समूहों की सूची में शामिल किया जा सके। सरकार ने भी कंपनियों और लोगों पर जेयूडी, एफआईएफ तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंध सूची में शामिल अन्य संगठनों को अनुदान देने पर रोक लगा दी। सईद वर्ष 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले का मास्टर माइंड है और कथित चैरिटी संगठन जेयूडी का प्रमुख है। समझा जाता है कि जेयूडी आतंकी समूह लश्कर ए तैयबा का मुखौटा संगठन है। पाकिस्तान पर आतंकी समूहों पर लगाम कसने के लिए गहरा दबाव है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान पर आतंकवादियों को पनाह और प्रश्रय देने का आरोप लगाया है और उसे दी जाने वाली करीब 2 अरब डॉलर की सुरक्षा सहायता रोक दी है।

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