पाकिस्तानी नौसेना प्रमुख का सर-क्रीक दौरा: 2400 TD होवरक्राफ्ट से बढ़ी समुद्री सुरक्षा

एडमिरल नवीद अशरफ
प्रतिरूप फोटो
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Ankit Jaiswal । Oct 26 2025 10:29PM

एडमिरल नवीद अशरफ के सर-क्रीक दौरे के साथ पाकिस्तानी नौसेना ने 2400 टीडी होवरक्राफ्ट शामिल किए हैं, जो उसकी समुद्री सुरक्षा और विवादित क्षेत्रों में पैट्रोलिंग क्षमता को बढ़ाते हैं। भारतीय खुफिया इसे सैन्य दबदबा के रूप में देखती है, जबकि रणनीतिक विश्लेषक इसे केवल रक्षात्मक नहीं बल्कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के तहत चीन के साथ नौसैनिक सहयोग बढ़ाने वाला कदम मानते हैं, जिससे क्षेत्रीय भू-राजनीतिक समीकरण प्रभावित होंगे।

पाकिस्तानी नौसेना प्रमुख एडमिरल नवीद अशरफ ने हाल ही में पाकिस्तान के विवादित समुद्री क्षेत्र, सर-क्रीक और जिवानी के पास स्थित अग्रिम पोस्ट का दौरा किया हैं। बता दें कि इस दौरे का उद्देश्य पाकिस्तान की सैन्य तैयारियों और सर क्रीक विवाद पर उसकी अडिग स्थिति को प्रदर्शित करना माना जा रहा हैं। एडमिरल अशरफ ने अधिकारियों और जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि उनका देश “सरीक्रीक से लेकर जिवानी तक अपने समुद्री क्षेत्र के हर इंच की रक्षा करेगा” और यह दौरा इसी रणनीतिक संदेश का हिस्सा हैं।

मौजूद जानकारी के अनुसार, इस दौरे के दौरान पाकिस्तान नौसेना ने अपनी परिचालन क्षमता को मजबूत करने के लिए तीन अत्याधुनिक 2400 टीडी होवरक्राफ्ट को पाक मरीन में शामिल किया हैं। गौरतलब है कि ये होवरक्राफ्ट विशेष रूप से कठिन और दलदली इलाके, उथले पानी और रेतीले तटों पर संचालन के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जो पारंपरिक नौसैनिक जहाजों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होते हैं। नौसेना प्रमुख ने इन नए उपकरणों को शामिल करने को देश की समुद्री सुरक्षा और रणनीतिक सतर्कता का प्रतीक बताया हैं।

एडमिरल अशरफ ने कहा कि समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा केवल सैन्य जरूरत नहीं बल्कि राष्ट्रीय संप्रभुता और आर्थिक स्थिरता का एक अहम आधार हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान नौसेना भारतीय महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में अग्रणी भूमिका निभाती हैं और यह नया होवरक्राफ्ट तटीय सुरक्षा के लिए निर्णायक भूमिका निभाएगा।

हालांकि भारतीय खुफिया सूत्रों का मानना हैं कि एडमिरल अशरफ का यह दौरा “विवादित समुद्री क्षेत्रों में सैन्य दबदबा दिखाने का प्रयास” हैं। इसके अलावा, भारतीय खुफिया आकलन के अनुसार, इस प्रकार की सैन्य गतिविधियों का उद्देश्य पाकिस्तान के सरीक्रीक विवाद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमुखता देना और भारत की बढ़ती नौसैनिक गतिविधियों के प्रति निवारक संदेश देना भी हैं।

गौरतलब है कि पाकिस्तानी नौसेना द्वारा नए 2400 टीडी होवरक्राफ्ट का परिचालन मुख्य रूप से रक्षात्मक हैं और ये दलदली और उथले पानी वाले क्षेत्रों में पैट्रोलिंग और निगरानी के लिए उपयुक्त हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना हैं कि इस कदम का एक बड़ा भू-राजनीतिक असर भी हैं। यह पाकिस्तान-चीन आर्थिक गलियारे (CPEC) के तहत चीन की रणनीतिक भागीदारी और नौसैनिक-संबंधी सहयोग को बढ़ावा देने में भी सहायक साबित होगा। इस तरह, पाकिस्तान का नवीनतम नौसैनिक कदम केवल रक्षात्मक नहीं, बल्कि क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय रणनीति को सशक्त बनाने वाला भी हैं।

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