यूक्रेन के खिलाफ जंग में पुतिन की डॉलफिन आर्मी, जासूस मछलियों को नेवल बेस पर किया तैनात

Russian Dolphins
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अभिनय आकाश । May 1 2022 4:58PM

यूएस नेवल इंस्टीट्यूट ने सैटेलाइट तस्वीरों के जरिये ये दावा किया है। दावा किया जा रहा है कि पुतिन की ये डॉलफिन्स समुद्र में मौजूद किसी दुश्मन के जहाज या पनडुब्बी के साउंड सिग्नल्स की पहचान कर सकती है और हलचल की सूरत में ये डॉलफिन्स अपनी हरकतों के जरिए नेवल मिलिट्री कमांड को संदेश भेजने लगती हैं।

यूक्रेन से युद्ध के बीच रूस ने अब डॉल्फिन्स मछलियों को भी मैदान में उतार दिया है। रूसी सेना की तरफ से इन मछलियाों को ट्रेनिंग देकर ब्लैक सी के नौसैनिक अड्डों की निगरानी के लिए तैनात किया गया है। ये खुलासा अमेरिका के यूएस नेवल इंस्टीट्यूट की तस्वीरों के जरिए हुआ है। यूएस नेवल इंस्टीट्यूट ने सैटेलाइट तस्वीरों के जरिये ये दावा किया है। दावा किया जा रहा है कि पुतिन की ये डॉलफिन्स समुद्र में मौजूद किसी दुश्मन के जहाज या पनडुब्बी के साउंड सिग्नल्स की पहचान कर सकती है और हलचल की सूरत में ये डॉलफिन्स अपनी हरकतों के जरिए नेवल मिलिट्री कमांड को संदेश भेजने लगती हैं।

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 दुश्मन के जहाज के साउंड सिग्नल्स की पहचान करने में सक्षम

 विशेषज्ञों के मुताबिक ये डॉलफिन्स हॉर्बर के एंट्री प्वाइंट की निगरानी करते हैं। एंट्री प्वाइंट से कोई भी जहाज पनडुब्बी या युद्ध पोत रूस में प्रवेश कर सकता है। साथ ही यहां रूस की परमाणु पनडुब्बियां और जंगी जहाज हर पल तैनात रहते हैं। जिस वजह से डॉलफिन्स की तैनाती और भी अहम हो जाती है। ये डॉलफिन्स समुद्र में मौजूद किसी दुश्मन के जहाज या पनडुब्बी के साउंड सिग्नल्स की पहचान कर सकती हैं। ऐसा होते ही ये डॉलफिन्स अपनी हरकतों के जरिए नेवल मिलिट्री कमांड को संदेश भेजने लगती हैं। अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर वो कौन सी साजिश है जिससे रूस इन डॉल्फिन्स के जरिए अंजाम देना चाहता है। 

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डॉलफिन्स युद्ध में रूस की तरह कर सकती हैं मदद

जलीय जीवों में डॉलफिन्स को बहुत समझदार माना जाता है। ये ट्रेंन होने के बाद इंसानों के इशारों को अच्छी तरह से समझ सकती हैं। खास बात ये है कि ये पानी के अंदर दुश्मन टारगेट के साउंड और रेंज को पहचान सकती हैं। रूसी सेना ने ऐसी तकनीक विकसित की है जिसकी मदद से डॉल्फिन की हरकतें सिग्नल में बदल जाती हैं और सेना को दुश्मनों की साजिश का पता चल जाता है।  

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