पाकिस्तान के नये सेना प्रमुख की नियुक्ति पर किसी दबाव के आगे नहीं झुकेंगे शरीफ बंधु

Pak PM
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Commons

डॉन अखबार की खबर के अनुसार, शहबाज शरीफ ने इस सप्ताह पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) प्रमुख नवाज शरीफ से भेंट कीऔर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान की जल्द चुनाव कराने की मांग को न मानने का निर्णय किया।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके बड़े भाई नवाज शरीफ के बीच लंदन में हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि सरकार सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के उत्तराधिकारी की नियुक्ति पर इमरान खान सहित किसी भी दबाव के आगे नहीं झुकेगी। शुक्रवार को मीडिया में आयी खबर में यह जानकारी दी गयी है। 

डॉन अखबार की खबर के अनुसार, शहबाज शरीफ ने इस सप्ताह पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) प्रमुख नवाज शरीफ से भेंट कीऔर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान की जल्द चुनाव कराने की मांग को न मानने का निर्णय किया। खबर में एक सूत्र के हवाले से कहा गया है कि शरीफ बंधुओं का कहना है कि सेना प्रमुख की नियुक्ति का अधिकार देश के प्रधानमंत्री के पास है और इसे किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा।

पीएमएल-एन के एक अंदरूनी सूत्र के हवाले से खबर में कहा गया है कि सेना प्रमुख की नियुक्ति और नये चुनावों के मुद्दे पर शहबाज की सरकार पर कुछ क्षेत्रों से दबाव था, यही कारण है कि प्रधानमंत्री को पार्टी प्रमुख के साथ इस पर चर्चा करनी पड़ी कि क्या इन मांगों को स्वीकार किया जाए अथवा नहीं। सूत्रों ने यह भी बताया कि बैठक के दौरान जनरल बाजवा के सेवा विस्तार की संभावना पर भी चर्चा हुई। जनरल बाजवा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है।

हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने अपने प्रमुख जनरल बाजवा के कार्यकाल के विस्तार के बारे में अटकलों का खंडन किया है, क्योंकि उन्होंने परंपरा के तौर पर विभिन्न छावनी क्षेत्र में विदाई दौरा करना शुरू कर दिया है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के अनुसार, प्रधानमंत्री शहबाज़ और अन्य लोगों के साथ लंदन में मौजूद रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी पुष्टि की कि बैठक की प्राथमिक चर्चा देश के विकास, नए सेना प्रमुख की नियुक्ति के साथ-साथ सेना के मीडिया विभाग द्वारा जनरल बाजवा की विदाई और पीटीआई के लंबे मार्च से निपटने के लिए सरकार की रणनीति के बारे में दिए गए हालिया बयानों से संबंधित प्रमुख मुद्दे थे।

खान ने महत्वपूर्ण सरकारी फैसलों में बड़े भाई (नवाज) से परामर्श करने के लिए प्रधानमंत्री की आलोचना करते हुए कहा कि यह सरकारी गोपनीयता अधिनियम और उनकी शपथ का उल्लंघन है। हालांकि, कुछ दिनों पहले खान ने अपना रुख बदल दिया और कहा कि उन्हें शहबाज सरकार द्वारा नये सेना प्रमुख की नियुक्ति से कोई समस्या नहीं है।

लंदन में शरीफ बंधुओं की चर्चा पर कुछ और प्रकाश डालते हुए पीएमएल-एन के सूत्रों ने एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार को बताया कि सरकार किसी ऐसे व्यक्ति को सैन्य प्रमुख के रूप में पसंद करेगी जो संभवतः सत्तारूढ़ गठबंधन के विचारों के साथ तालमेल बिठा पाने में सक्षम हो और किसी भी तरह से जल्दी चुनाव के लिए बाध्य न करे। सूत्र ने कहा कि विपक्ष चाहे जो भी दबाव डाले, लेकिन सरकार समझौता करने के बजाय सामना करने के लिए तैयार है। नवाज़ शरीफ़ नवंबर 2019 से लंदन में रह रहे हैं, जब उन्हें उपचार के लिए वहां जाने की अनुमति दी गई थी, लेकिन वे वापस नहीं लौटे। लंदन में मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में शहबाज ने कहा, मियां साहब (नवाज शरीफ) आ रहे हैं, इमरान खान की तकदीर में असफलता ही है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़