खुशखबरी! अब महिलाओं को पीरियड्स के दौरान मिलेगी ऑफिस से छुट्टी, हर महीने दी जाएगी 3 'मेंस्ट्रूअल लीव'

3 day menstrual leave
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पीरियड्स के दौरान महिलाओं को तेज दर्द, पेट में ऐंठन, थकान और कमजोरी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसी परेशानी को मद्देनजर नजर रखते हुए स्पेन ने महिलाओं को तीन दिन की मेंस्ट्रूअल लीव देने का फैसला किया है।

पीरियड्स का समय हर महिला के लिए तकलीफदेह होता है। इस दौरान महिलाओं को तेज दर्द, पेट में ऐंठन, थकान और कमजोरी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसी परेशानी को मद्देनजर नजर रखते हुए स्पेन ने महिलाओं को तीन दिन की मेंस्ट्रूअल लीव देने का फैसला किया है। सबसे खास बात यह है कि स्पेन, ऐसा करने वाला पहला पश्चिमी देश बनने जा रहा है जो महिलाओं को पीरियड्स के लिए छुट्टी देगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक स्पेन की सरकार जल्द ही इस फैसले पर मुहर लगाने जा रही है।

स्कूलों में करनी होगी सैनेटरी पैड की व्यवस्था 

नई नीतियों के तहत, स्पेन के स्कूलों में जरूरतमंद लड़कियों के लिए सैनेटरी पैड की व्यवस्था भी करनी होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार स्पेनिश महिलाओं की लंबी समय से चली आ रही मांग, सैनेटरी पैड और टैंपोन के बिक्री मूल्य से वैट को हटाने की संभावना है।

स्पैनिश गायनोकोलॉजी एंड ऑब्सटेट्रिक्स सोसाइटी का दावा है कि लगभग एक तिहाई महिलाएं जिन्हें पीरियड्स होते हैं, वे गंभीर दर्द से पीड़ित होती हैं जिसे डिसमेनोरिया कहा जाता है। इसके लक्षणों में अत्यधिक ऐंठन शामिल है जो एक महिला को मासिक धर्म से पहले या उसके दौरान होती है। इसके अलावा इसमें सिरदर्द और डायरिया से लेकर बुखार और पेट दर्द भी होता है।

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समानता और लैंगिक हिंसा के खिलाफ स्टेस सेक्रेटरी एंजेला रोड्रिग्ज ने कहा कि इस मेंस्ट्रुअल लीव का उद्देश्य उन महिलाओं को राहत देना है जिन्हें अक्सर पीरियड के दौरान दर्द का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा यह साफ करना बेहद जरूरी है कि दर्द से हमारा मतलब डिस्कम्फर्ट से नहीं है। इसका मतलब तेज दर्द, सिरदर्द और बुखार से है।

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भारत में कुछ कंपनियाँ देती हैं मेंस्ट्रुअल लीव 

 डेलीमेल की खबर के अनुसार, जापान, साउथ कोरिया, इंडोनेशिया और जाम्बिया जैसे दूसरे देश पहले ही महिलाओं के लिए मेंस्ट्रुअल लीव को मंजूरी दे चुके हैं। अमेरिका में यह नियम नहीं है, लेकिन कुछ कंपनियां ऐसी सुविधा देती हैं। भारत में भी कुछ कंपनियाँ मेंस्ट्रुअल लीव देती हैं। हालांकि, कुछ महिलाएं इसे जरूरी मानती हैं। वहीं, कुछ का कहना है कि इससे कार्यस्थल पर उनके साथ भेदभाव को और बढ़ावा मिलेगा।

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